रिश्ता हो पति पत्नी दोस्त या कुछ ख़ास हमेशा इन 4 टिप्स से बनाएं अपनी अहमियत
कई बार किसी भी बात को ले कर बहुत लापरवाह होते हैं और सामने वाला उतनी ही शिद्दत से रिश्ते निभा रहा होता है। एक बात का ख्याल हमेशा रखें रिश्तों में अपनी अहमियत बनाये रखें।
Relationship Compromises: रिश्तों की खूबसूरती बनाये रखने के लिए दोनों तरफ से कोशिश होते रहना जरुरी है। रिश्तों की पतंग आसानी से उड़ती रहे इसके लिए ना ज़्यादा लापरवाही बरतनी चाहिए। ना ही ज्यादा कस के पकडे रहने की आदत होनी चाहिए। बात चाहे किसी भी रिश्ते की हो, उसे निभाना बेहद आसान भी होता है और कठिन भी। अब आप रिश्ते को किसी तरह निभा रहे हैं। ये आपके ऊपर है, ऐसा कहना भी पूरी तरह से ठीक नहीं है। कई बार किसी भी बात को ले कर बहुत लापरवाह होते हैं। सामने वाला उतनी ही शिद्दत से रिश्ते निभा रहा होता है। एक बात का ख्याल हमेशा रखें, रिश्तों में अपनी अहमियत बनाये रखें। कसी को भी ये हक़ ना दें की वो आपकी भावनओं की कदर न करें, बदले में आप चुप रह जाएं, या उसे ये एहसास दिला ही ना पाएं की आपको उनकी वजह से तकलीफ हो रही है।
आइये जानतें है कैसे रिश्तों में अपनी अहमियत बनाएं रखें और रिश्ते खूबसूरत बनाएं।
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अपना नियम ना भूलें

हर व्यक्ति की अपनी एक दिनचर्या होती है। हर व्यक्ति अपने हिसाब से करना पसंद करता हैं। किसी के भी दबाव में आ कर अपने नियम ना बदलें। अगर सामने वाला आपके हित में बात कह रहा है। उस पर अमल जरूर करें। लेकिन बेवजह की बातों से परहेज करें। सामने वाले को ये एहसास करा दें आपके नियम आपके लिए काफी मायने रखते हैं।
खाने पर कैसी पाबंदी

अपनी पसंद की चीजें खाना हर किसी का अधिकार है। कोई स्वास्थ को ध्यान में रखते हुए किसी ख़ास तरह की चीजों से परहेज करता है। किसी को स्वास्थ अच्छा रखने की सलाह देना अलग बात है। किसी पर हावी हो जाना की वो आपकी पसंद का ही खाना खायेगा। आप के बताये हुए समय पर ही खायेगा। इस तरह की दकियानूसी बातों से दूरी बनाएं। रिश्ते निभाएं पर अपनी अहमियत बनाते हुए अपने स्वास्थ का ख्याल रखें।
आत्मसम्मान बनाएं रखें

जब हम किसी भी रिश्ते को अहमियत देते है तब हम थोड़ा सा समझौता भी कर लेते हैं। समझौते दोनों तरफ से थोड़े थोड़े हों तो रिश्ते फलते फूलते हैं। लेकिन जब बात आपके आत्मसम्मान की है। समझौते और आत्मसम्मान में सबसे पहले अपने आत्मसम्मान को चुनें। परिणामस्वरूप न सिर्फ आप अपने आप को अहमियत देंगें। बल्कि सामने वाला भी समझ पायेगा की उसे आपका आत्मसम्मान बनाये रखना है।
ना में कोई बुराई नहीं

अगर आप किसी भी रिश्ते में ना कहने से डर रहे हैं, पीछे हट रहे हैं। यक़ीनन आप एक खुले हुए रिश्ते में नहीं हैं। जहां प्यार और सम्मान होता है वहां एक दूसरे की परेशानियां बिना कहे समझी जाती हैं। सामने वाला समझ पायेगा अभी आपके पास उसके लिए वक़्त है या नहीं। अगर किसी वजह से आपके पास समय नहीं है। आपको वो काम करना पसंद ही नहीं है। जो सामने आपसे करवाना चाहता है तो बेझिझक ना में जवाब दें। रिश्तों में ना कहना इसलिए भी जरुरी है ताकि सामने वाला आगे से आपके साथ सोच समझ कर पेश आए।
