Most Common Sex Problems
Most Common Sex Problems

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आज के युवाओं की टेंशन भरी जिंदगी का उनकी सेक्स लाइफ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कपल आपस में या तो करीब नहीं आ पाते हैं। या फिर संबंध बनाने के दौरान कई प्रकार की परेशानियां महसूस करते हैं।

Most Common Sex Problems: प्यार के साथ ही लव लाइफ को सफल बनाने में यौन संबंधों की अहम भूमिका होती है। यह दो लोगों के प्यार को और बढ़ाने में मददगार होता है। इससे पार्टनर के साथ आपका न सिर्फ फिजिकल, बल्कि इमोशनल और मेंटल बॉन्ड भी मजबूत होता है। हालांकि आज के युवाओं की टेंशन भरी जिंदगी का उनकी सेक्स लाइफ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कपल आपस में या तो करीब नहीं आ पाते हैं। या फिर संबंध बनाने के दौरान कई प्रकार की परेशानियां महसूस करते हैं। आइए आज जानते हैं यौन विकारों से जुड़ी युवाओं की 3 सबसे प्रमुख परेशानियां क्या है।

1. आम समस्या है यौन उत्तेजना विकार

Most Common Sex Problems-युवाओं में सबसे कॉमन यौन विकार है यौन उत्तेजना विकार यानी सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर।
The most common sexual disorder among youth is sexual arousal disorder.

युवाओं में सबसे कॉमन यौन विकार है यौन उत्तेजना विकार यानी सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर। इस डिसऑर्डर में लोगों की यौन कल्पनाओं की कमी आने लगती है। इसके कारण लोग यौन गतिविधियों से दूर होने लगते हैं। अक्सर लोग सोचते हैं कि वर्क प्रेशर, थकान और बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल के कारण वे यौन गतिविधियों से दूर हो रहे हैं, लेकिन असल में इसके पीछे का असली कारण होता है सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर। सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर न सिर्फ यौन संबंधों पर असर डालता है, बल्कि इसका असर लोगों की मानसिक सेहत पर भी होता है। क्योंकि इसमें सेक्स ड्राइव काफी कम हो जाती है। सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर महिलाओं और पुरुषों दोनों को होते हैं।

फीमेल सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर

जब महिलाओं की सेक्स ड्राइव कम होती है तो यह फीमेल सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर की श्रेणी में आता है। इसे हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर भी कहा जाता है। स्टैंफोर्ड मेडिसिन ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के अनुसार फीमेल सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर महिलाओं में पाया जाने वाला दूसरा सबसे आम यौन विकार है। इसे तीन भागों में बांटा गया है। जिसमें जेनिटल अराउजल डिसऑर्डर, ऑब्जेक्टिव अराउजल डिसऑर्डर और कंबाइंड अराउजल डिसऑर्डर शामिल है। फीमेल सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर का मुख्य कारण महिलाओं की उम्र के साथ ही बिगड़ी हुई जीवनशैली है। कई बार लंबे रिश्ते, बढ़ती उम्र और मेनोपॉज के कारण भी यह डिसऑर्डर होने लगता है। लेकिन चिंता की बात यह है कि अब युवतियों में भी यह कम उम्र में ही देखने को मिल रहा है। कम उम्र में इसका कारण हार्मोन असंतुलन, बिना सोचे समझे ली गईं गर्भनिरोधक गोलियां, पीसीओडी, वेजाइनल ल्यूब्रिकेशन की कमी और सबसे अहम बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल है। मानसिक तनाव का असर भी महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर पड़ रहा है। हालांकि बेहतर लाइफस्टाइल, योग, ध्यान, नियमित एक्सरसाइज से इसे दूर किया जा सकता है। आप डॉक्टर से बेझिझक इस समस्या का उपचार भी ले सकती हैं।

मेल सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर

पुरुषों में सेक्सुअल अराउजल डिसऑर्डर के अधिकांश मामले इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी ईडी के सामने आते हैं। इसके कारण सेक्स ड्राइव में कमी के साथ ही यौन गतिविधि से शारीरिक संतुष्टि पाने में मुश्किल होती है। युवाओं में इस डिसऑर्डर का सबसे प्रमुख कारण है तनाव, चिंताएं और अवसाद। इसी के साथ बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, पर्यावरण प्रदूषण, शारीरिक कमजोरी, दवाओं आदि का साइड इफेक्ट भी ईडी का प्रमुख कारण हो सकता है। सही उपचार के बाद इस परेशानी को दूर किया जा सकता है।

2. दर्दनाक स्थिति है डिसपेरुनिया

डिसपेरुनिया महिलाओं में पाई जाने वाली एक आम परेशानी है
Dyspareunia is a common problem in women

डिसपेरुनिया महिलाओं में पाई जाने वाली एक आम परेशानी है, जिसमें उन्हें संभोग के दौरान काफी दर्द महसूस होता है। कई बार यह दर्द यौनी के अंदर तो कई बार पेट के निचले हिस्से में महसूस होता है। ऐसे में महिला अपने खास पलों का आनंद नहीं ले पाती और उसके लिए संभोग एक बुरा सपना जैसा बन जाता है। डिसपेरुनिया में दर्द दो प्रकार से होते हैं। कई बार संभोग के दौरान यह दर्द लगातार बना रहता है। वहीं कुछ मामलों में एक निश्चित अवधि तक दर्द महसूस होता है। दुनियाभर में हुई अध्ययन बताते हैं कि डिसपेरुनिया महिलाओं में पाई जाने वाली एक आम समस्या है, जिसे लगभग 45% महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी जरूर महसूस करती हैं। वहीं 10% से 20% तक महिलाएं इस दर्द के साथ भी अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाती हैं। डिस्पेरुनिया में आमतौर पर अधिकांश महिलाओं को संभोग की शुरुआत में तेज दर्द और जलन महसूस होती है। इस दर्द का कारण योनि में संक्रमण भी हो सकता है। योनि के अंदर होने वाले दर्द को वल्वोडायनिया कहते हैं, जो त्वचा में तंत्रिका तंतुओं के ज्यादा सक्रिय होने के कारण होता है। कई बार महिला जननांग में जन्मजात शारीरिक विकार के कारण भी दर्द महसूस होता है। इसी के साथ मेनोपॉज के कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है, जिसके कारण भी संभोग के दौरान दर्द होता है। अध्ययन बताते हैं कि डिसपेरुनिया के पीछे भावनात्मक और मानसिक कारण भी होते हैं। जैसे चिंता, अवसाद, रिश्ते में खटास, संभोग की जबरदस्ती या फिर यौन उत्पीड़न आदि के कारण भी महिलाएं यह दर्द महसूस करने लगती हैं।

3. ऑर्गैस्मिक डिस्फंक्शन

जब दो लोग करीब आते हैं, लेकिन उसमें से कोई भी एक संतोष तक नहीं पहुंच पाता तो ऐसा संबंध अधूरा लगता है। दुनियाभर में ऐसी लाखों महिलाएं हैं तो यौन संबंध बनाने के बावजूद संतोष के चरमसुख तक नहीं पहुंच पातीं, लेकिन लिहाज में वह इस विषय में अपने पार्टनर को बता भी नहीं पाती हैं। इस परेशानी को चिकित्सकीय भाषा में नाम दिया गया है ऑर्गैस्मिक डिसफंक्शन का। इसमें महिला या तो ऑर्गेज्म यानी कामोन्माद तक नहीं पहुंच पाती है या जब वह यौन रूप से उत्तेजित होती है तो उसे ऑर्गेज्म तक पहुंचने में परेशानी होती है। ऐसे में उसे संभोग में आनंद नहीं आता, यह उसके लिए सिर्फ एक काम बन जाता है। कई बार इसके कारण रिश्ते में दूरियां भी आने लगती हैं। इस स्थिति को ऑर्गैस्मिक डिसफंक्शन और एनोर्गैस्मिया भी कहा जाता है। यह महिलाओं में पाई जाने वाली एक आम समस्या है। सर्वे बताते हैं कि दुनियाभर की करीब 10% से 15% महिलाएं कभी ऑर्गेज्म तक पहुंच ही नहीं पाती हैं। दरअसल, यौन क्रिया में शरीर के साथ ही मन का साथ देना भी जरूरी है। इस तालमेल के अभाव में ऐसी समस्या पैदा होती है। इसी के साथ इसके कई अन्य कारण भी हैं। जिसमें प्रमुख है महिलाओं का थकान, तनाव और अवसाद महसूस करना। कई बार यौन क्रियाओं के विषय में जानकारी का अभाव, सेक्स के बारे में नकारात्मक भावनाएं, यौन शोषण का शिकार होना, सच बताने में शर्म महसूस करना जैसी बातें भी ऑर्गैस्मिक डिस्फंक्शन का कारण बन जाती हैं। इसी के साथ हार्मोनल विकार और बदलाव, मेनोपॉज, दवाओं के साइड इफेक्ट, क्रोनिक पेल्विक दर्द, योनि में सूखापन आदि के कारण भी यह परेशानी हो सकती है। अगर आप भी ऐसी समस्या का सामना कर रही हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर इसका इलाज ले सकती हैं। अच्छा आहार और जीवनशैली भी आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। नियमित रूप से केगेल एक्सरसाइज करें, इससे पेल्विक मांसपेशियां मजबूत होंगी।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...