mix personality disorder
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Overview:

पर्सनैलिटी डिसऑर्डर एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है। इस डिसऑर्डर से जूझ रहे व्यक्तियों को रिश्तों को निभाने में कई परेशानियां आती हैं। इतना ही नहीं उनकी सोचने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

Mixed Personality Disorder: रिश्तों की दुनिया अनोखी है, जिसे समझना हर किसी के लिए अपना एक अलग सफर है। पार्टनरशिप में यह सफर उस समय थोड़ा और मुश्किल होता है, जब आप अपने पार्टनर के स्वभाव को ठीक से पहचान नहीं पाते हैं। कभी वह खुश रहता है, प्यार जताता है और कभी बिलकुल उलट व्यवहार करने लगता है। मानों वो पहले वाला इंसान ही नहीं हो। अगर आप भी अपने रिश्ते और पार्टनर के साथ ऐसी ही समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपको मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।

जानिए क्या है मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर

Personality disorder is a serious mental health problem.
Personality disorder is a serious mental health problem.

पर्सनैलिटी डिसऑर्डर एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है। इस डिसऑर्डर से जूझ रहे व्यक्तियों को रिश्तों को निभाने में कई परेशानियां आती हैं। इतना ही नहीं उनकी सोचने की क्षमता भी प्रभावित होती है। पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति के सोचने का तरीका, भावनाओं को समझने और दूसरों के साथ व्यवहार करने का तरीका बदल जाता है। यह दिमाग के कार्य करने के तरीके में गड़बड़ी के कारण होता है। इससे व्यक्ति को दूसरों से मिलने-जुलने में परेशानी होती है। जब शख्स में एक से ज्यादा पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होते हैं तो वह मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर कहलाता है। हालांकि इस डिसऑर्डर का इलाज संभव है।

ऐसे पहचानें पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण

मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण व्यक्ति की भावनात्मक और मानसिक स्थिति पर निर्भर करते हैं। ये सबके लिए अलग अलग हो सकते हैं।

भावनात्मक अस्थिरता:
पीड़ित व्यक्ति अपने इमोशंस को नियंत्रित नहीं कर पाता और बिना सोचे समझे उन्हें प्रकट भी कर देता है। अक्सर ऐसे लोगों का व्यवहार दूसरों के प्रति कठोर होता है।

सामाजिक कठिनाइयां: ऐसे शख्स को नए रिश्ते बनाने में और दोस्ती करने में मुश्किल होती है। वह जल्दी से लोगों से घुल मिल नहीं पाते। किसी का भी नकारात्मक व्यवहार उन्हें अंदर तक चोट पहुंचाता है।

आत्मसम्मान की कमी:
व्यक्ति खुद को दूसरों से कम आंकने लगता है। उसे महसूस होता है कि सब उससे आगे हैं और ऐसे में उसके आत्मसम्मान में कमी आने लगती है।

कई प्रकार का होता है यह डिसऑर्डर

मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर को मुख्य रूप से तीन क्लस्टर्स में बांटा जाता है। क्लस्टर ‘ए’ में पैरानॉयड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर शामिल है, जिसमें व्यक्ति दूसरों पर विश्वास नहीं करता और धोखा खाने का डर उसे हर समय परेशान करता है। वहीं स्किजोइड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में लोग अकेले रहते हैं और उनकी नए रिश्ते बनाने की इच्छा नहीं होती। स्किजोटाइपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में लोग समाज से अलग रहते हैं और भविष्य को जानने के बारे में अजीबोगरीब दावे करते हैं।

बहुत कॉमन लक्षण हैं इस क्लस्टर के

Tell In borderline personality disorder, a person is emotionally unstable and his behavior changes frequently.
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मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के क्लस्टर ‘बी’ में चार प्रकार के डिसऑर्डर को शामिल किया गया है। इसमें पहला है एंटीसोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, जिसमें व्यक्ति दूसरों की भावनाओं की अनदेखी करता है। वहीं बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति इमोशनली अस्थिर होते हैं, उनके व्यवहार में जल्दी-जल्दी बदलाव आता है। हिस्ट्रियॉनिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में लोग नाटकीय तरीके से ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। सबसे खतरनाक है नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, जिसमें व्यक्ति खुद को दूसरों से श्रेष्ठ मानता है। वह दूसरों को हमेशा कमतर ही आंकता है।

ज्यादा परफेक्शन भी है एक डिसऑर्डर

मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के क्लस्टर ‘सी’ में तीन डिसऑर्डर शामिल है। इसमें पहला है अवॉयडेंस पर्सनैलिटी डिसऑर्डर। जिसमें लोग दूसरों के साथ घुलने-मिलने से डरते हैं और खुद को सबसे दूर रखते हैं। डिपेंडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति दूसरों पर बहुत ज्यादा निर्भर होते हैं और खुद से निर्णय नहीं ले पाते। ऑब्सेसिव-कंपल्सिव पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में लोग परफेक्शन की ओर आकर्षित रहते हैं कि वे समय पर अपना कोई काम पूरा नहीं कर पाते हैं।

ये हैं मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के कारण

मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के कई कारण हैं। जिसमें से सबसे प्रमुख है आनुवंशिक कारण। अगर परिवार में किसी सदस्य को मानसिक स्वास्थ्य समस्या रही हो, तो व्यक्ति को भी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, बचपन के बुरे अनुभव, परिवार का माहौल आदि भी इसके कारण हो सकते हैं।

संभव है इस डिसऑर्डर का इलाज

मिक्स पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का इलाज व्यक्ति की स्थिति और लक्षणों के अनुसार किया जाता है। सबसे आम उपचार तरीका साइकोथेरेपी है। इसमें कई तरह की थेरेपी दी जाती है। जैसे कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी और डायलेक्टिकल बिहेवियरल थेरेपी। कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी में व्यक्ति की नकारात्मक सोच को पहचानने और उसे बदलने पर जोर दिया जाता है। वहीं डायलेक्टिकल बिहेवियरल थेरेपी में व्यक्ति को अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझने और दूसरों के साथ रिश्ते सुधारने के तरीके सिखाए जाते हैं। इसी के साथ अपनी परेशानी को पहचान कर आप काउंसलिंग भी ले सकते हैं।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...