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क्या महिलाएं वियाग्रा जैसी इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाएं ले सकती हैं। और ये उनपर कितनी असरदार हैं। विशेषज्ञों ने सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाएं लेने वाली महिलाओं को चेताया है।
Is Viagra Safe for Women: बैडरूम में अपने पार्टनर के साथ खास पलों को एंजॉय करना हर किसी की चाहत होती है। पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी इन पलों को भरपूर जीना चाहती हैं। लेकिन क्या महिलाएं वियाग्रा जैसी इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाएं ले सकती हैं। और ये उनपर कितनी असरदार हैं। इस सवाल का जवाब अब मिल गया है।
हो सकती हैं ये बड़ी परेशानियां

विशेषज्ञों ने सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के लिए इरेक्टाइल डिसफंक्शन दवाएं लेने वाली महिलाओं को चेताया है। लॉयड्स फार्मेसी की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया कि महिलाओं की सेहत पर इन दवाओं का असर उल्टा हो सकता है। सर्वे के अनुसार इन दवाओं का सेवन करने वाली 40 प्रतिशत महिलाओं की सेक्स ड्राइव में कमी देखी गई है। इसी के साथ वह पार्टनर से संबंध बनाने में असहज महसूस करने लगती हैं। सेक्स के दौरान उन्हें दर्दनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है। हर दस में से एक महिला को यह लगता है कि वियाग्रा सिर्फ पुरुषों के लिए ही सुरक्षित है।
वियाग्रा काम आएगी या नहीं
विशेषज्ञ बताते हैं कि वियाग्रा रक्त वाहिकाओं को आराम देने का काम करती है। इसी के कारण पुरुषों में इरेक्शन बेहतर होने में मदद मिलती है। लेकिन ऐसा महिलाओं के साथ भी हो यह जरूरी नहीं है। लॉयड्स फार्मेसी ऑनलाइन के डॉक्टर भाविनी शाह का कहना है कि कुछ लोग मानते हैं कि वियाग्रा महिला जननांग क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर यौन सुख को बढ़ा सकती है। हालांकि अभी तक हुए मेडिकल ट्रायल में यह बात साबित नहीं हुई है। यानी महिलाओं पर वियाग्रा अप्रभावी रही है। कुछ मामलों में इसके फायदे की जगह, नुकसान नजर आते हैं।
ये है सबसे बड़ा कारण
इस सर्वे में महिलाओं की सेक्स के प्रति रुचि कम होने का कारण भी पता चला। सर्वे में 500 महिलाओं को शामिल किया गया। जिनमें से हर दस में से आठ ने कहा कि वह सेक्स को भरपूर एंजॉय नहीं कर पातीं। वहीं एक चौथाई ने कहा कि उन्हें अक्सर सेकस के प्रति अरुचि महसूस होती है। करीब 50 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्हें सेक्स उतना पसंद नहीं आया, जितना उन्हें लगता था। दरअसल, सर्वे में 40 प्रतिशत महिलाएं ‘फीमेल सेक्सुअल डिस्फंक्शन’ से प्रभावित मिलीं। जिसके कारण उनकी सेक्स ड्राइव में कमी आने लगती है। साथ ही सेक्स के दौरान दर्द महसूस होता है।
ये है एफसीडी का कारण
फीमेल सेक्सुअल डिस्फंक्शन यानी एफसीडी महिलाओं में होने वाली एक कॉमन सेक्स प्रॉब्लम है। इसके पीछे कई कारण हैं। गर्भावस्था के दौरान, बच्चे के जन्म के बाद, मेनोपॉज जैसे हार्मोनल परिवर्तन, दवा के दुष्प्रभाव, कैंसर उपचार, डिप्रेशन आदि के कारण यह परेशानी बढ़ जाती है।
इसलिए नहीं होता वियाग्रा का असर
विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं पर वियाग्रा जैसी दवाओं का असर पुरुषों जितना नहीं होता। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि एफसीडी पुरुषों में होने वाली इरेक्टाइल डिसफंक्शन की तुलना में कहीं ज्यादा जटिल स्थिति है। यह शारीरिक, मानसिक और संबंधों पर भी काफी हद तक निर्भर करता है। ऐसे में इसके उपचार की जरूरत होती है। एफसीडी के सही उपचार से महिलाएं अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बना सकती हैं।
