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ऐसा कितनी बार होता है कि आप अपने पार्टनर को किसी काम के लिए बोलती हैं और वे सुनते ही नहीं हैं। आपको लगता है कि उन्होंने आपकी बात को अनसुना कर दिया है। लेकिन असल में वह आपकी बात सुन ही नहीं पाए हैं।
reason why doesn’t husband listen to his wife(Relationship Advice): अक्सर पत्नियों की शिकायत होती है कि उनके पति उनकी बात नहीं सुनते। वह अपने दिल की बातें बोलती हैं और पति की कोई प्रतिक्रिया ही नहीं आती। अगर वे प्रतिक्रिया देते हैं तो भी बहुत कम। यह एक ऐसी कॉमन शिकायत है, जो लगभग हर पत्नी को अपने पति से रहती है। लेकिन क्या आप जानती हैं इसके पीछे का कारण पति का प्यार नहीं, साइंस है। जी हां, अब यह राज खुल गया है। जिसे जानना हर महिला के लिए जरूरी है।
दुनियाभर के पुरुषों की एक ही स्थिति

ऐसा कितनी बार होता है कि आप अपने पार्टनर को किसी काम के लिए बोलती हैं और वे सुनते ही नहीं हैं। आपको लगता है कि उन्होंने आपकी बात को अनसुना कर दिया है। लेकिन असल में वह आपकी बात सुन ही नहीं पाए हैं। ‘बात न सुनना’ पुरुषों की आदत नहीं, बल्कि शारीरिक स्थिति का हिस्सा है। सिर्फ भारत ही नहीं दुनियाभर के पुरुषों की यही स्थिति है।
महिलाएं हैं इस मामले में आगे
इंग्लैंड की बाथ यूनिवर्सिटी ने हाल ही में 13 देशों के पुरुषों और महिलाओं पर एक इंटरनेशनल रिसर्च की। जिसमें सामने आया कि महिलाओं की सुनने की क्षमता पुरुषों की तुलना में औसतन दो डेसीबल ज्यादा होती है। ऐसे में जो बातें महिलाएं आसानी से सुन पाती हैं, पुरुष उन्हें नहीं सुन पाते। या सुनने में परेशानी महसूस करते हैं।
ऐसे की गई रिसर्च
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टुरी किंग और डॉ. पैट्रीशिया बालारेस्क ने अपने इस शोध में कान के अंदर मौजूद कॉविलिया की संवेदनशीलता को मापा। साथ ही यह भी देखा कि अलग-अलग ध्वनि तरंगों पर मस्तिष्क सिग्नल कैसे भेजता है। परिणामों में सामने आया कि सुनने की क्षमता पर उम्र से कहीं ज्यादा असर लिंग का होता है। महिलाएं न सिर्फ बातों को तेजी से सुनती हैं। बल्कि वे बोलचाल को समझने में भी पुरुषों से माहिर होती हैं। यही कारण है कि अक्सर पत्नी के इशारे पति आसानी से समझ नहीं पाते।
पुरुषों को करनी पड़ती है मेहनत
बाथ यूनिवर्सिटी का यह शोध ऐसे कपल्स के लिए मददगार साबित होगा, जिसकी शिकायत रहती थी कि ‘उनके पति काम की कोई बात समय पर नहीं सुनते।’ शोध के अनुसार महिलाएं जब पुरुषों को कोई काम करने के लिए बोलती हैं तो अनुरोध के साथ धीमी आवाज में बोलती हैं। लेकिन असल में पुरुष धीमी आवाज को ठीक से सुन नहीं पाते। ऐसे में दिमाग को बातें समझने में परेशानी होती है। उनके दिमाग को इसके लिए जोर लगाना पड़ता है।
यह भी है एक बड़ा कारण
पुरुष बातों को महिलाओं के मुकाबले कम समझते हैं। इसका एक कारण ये भी है कि सामाजिक तौर पर पुरुषों को हमेशा ऐसा ही बड़ा किया जाता है कि वे अपनी भावनाएं व्यक्त करने में या गहराई से बातें करने के प्रति कम संवेदनशील होते हैं। इसके कारण भी उनकी बातें सुनने की आदतें प्रभावित होती हैं। अधिकांश पुरुष समस्या की जगह, उनके समाधान पर फोकस करते हैं। वहीं महिलाओं में सहानुभूति के साथ सुनने की आदत ज्यादा होती है। इसलिए उनकी प्रतिक्रिया में भी अंतर आता है।
वातावरण का भी असर
इस रिसर्च के अनुसार लिंग के साथ ही पर्यावरण भी सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है। जंगलों में रहने वाले लोगों की सुनने की क्षमता ज्यादा होती है। क्योंकि वे प्राकृतिक आवाजें ज्यादा सुनते हैं। वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वालों की सुनने की क्षमता सबसे कम पाई गई। इन क्षेत्रों में काम वायुदाब होता है, ऑक्सीजन की कमी और ध्वनि की तीव्रता की कमी के कारण सुनने की क्षमता घटती जाती है। शहरी और ग्रामीण आबादी की सुनने की क्षमता में भी अंतर है। शहरी लोग ट्रैफिक जैसी आवाज फिल्टर करना सीख जाते हैं। वहीं ग्रामिणों को ये आवाजें परेशान कर सकती हैं।
