alta leg
Why do women apply alta on their feet

Summary:आलता है शुभता और सौभाग्य का प्रतीक

हिन्दू परंपरा में आलता को सौभाग्य और मंगल का प्रतीक माना जाता है। इसे सोलह श्रृंगार का अहम हिस्सा भी कहा गया है।

Why do women apply alta: ‘आलता’ का दूसरा सबसे प्रचलित नाम है महावर। आपने महिलाओं को हमेशा ही पूजा-पाठ, त्योहार, शादी और अन्य कई शुभ अवसरों पर अपने पैरों में आलता लगाते हुए जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आपको महिलाओं द्वारा आलता लगाने के पीछे के अर्थ और इसके महत्व के बारे में पता है? आइए जानते हैं कि महिलाएं अपने पैरों में आलता क्यों लगाती हैं और इसका क्या महत्व होता है।

Alta feet
Alta is a symbol of auspiciousness

हिन्दू धर्म में महिलाओं द्वारा आलता लगाना शुभता का प्रतीक माना जाता है। आलता सोलह श्रृंगार का हिस्सा होता है, इसलिए इसे शादीशुदा महिलाएं खास अवसरों पर अवश्य ही लगाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि आलता लगाने से महिलाओं का सौभाग्य बढ़ता है और इसके बिना उनका श्रृंगार अधूरा माना जाता है।

bride in 16 singaar
Alta is a special part of the sixteen adornments

आलता सोलह श्रृंगार का हिस्सा होता है। सुहागन महिलाओं को अपने पैरों में आलता जरूर लगाना चाहिए, इससे उनके सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसी वजह से बहुत सारे राज्यों में शुभ कार्यों के दौरान आलता लगाना काफी जरूरी और शुभ माना जाता है।

Alta is also applied to girls
Alta is also applied to girls

आलता को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसी वजह से नवजात बच्चियों और कुंवारी कन्याओं के पैरों में भी आलता लगाना काफी शुभ होता है। कई जगहों पर लोग बेटी के जन्म के बाद उसके गृहप्रवेश के समय उसके पैरों में आलता लगाते हैं। साथ ही नवरात्रि पूजन के दौरान भी कुंवारी कन्याओं के पैरों में आलता लगाकर कन्याओं को पूजा जाता है।

महिलाएं शुभ कार्य में आलता तो जरूर लगाती हैं, लेकिन इसके सही नियम का पालन नहीं करती हैं। वे कहीं पर भी बैठ कर किसी भी दिशा में कैसे भी आलता लगा लेती हैं, लेकिन आलता लगाने के लिए सही दिशा का पालन करना बहुत जरूरी होता है। आलता कभी भी दक्षिण दिशा में मुख करके नहीं लगाना चाहिए, इसलिए अब से आप जब भी आलता लगाएं तो दिशा का ध्यान अवश्य ही रखें।

On which day should one not apply alta?
On which day should one not apply alta?

वैसे तो पूजा-पाठ, त्योहार और शादी-ब्याह के अवसर पर आलता लगाना काफी शुभ माना जाता है। लेकिन इस दौरान भी मंगलवार के दिन आलता नहीं लगाना चाहिए, मंगलवार के दिन आलता लगाना शुभ नहीं माना जाता है।

जब किसी के घर में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो वहां महिलाओं को आलता नहीं लगाना चाहिए, जब तक कि शुध्द क्रिया पूरी नहीं हो जाती है। साथ ही तेरह दिन के कर्म कांड में महिलाओ के लिए श्रृंगार आदि करना भी वर्जित माना जाता है।

पैरों में आलता लगाने का अपना वैज्ञानिक महत्व भी होता है। यह पैरों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह एड़ियों को ठंडक प्रदान करता है, साथ ही इसे लगाने से तनाव भी कम होता है और मानसिक शांति का अनुभव होता है। इसके अलावा आलता में मौजूद प्राकृतिक तत्व से पैरों के संक्रमण और बदबू दूर होती है।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...