Summary: घर की सुख-शांति के लिए करें ये 6 पितृ दोष निवारण उपाय
सनातन धर्म में पितृ दोष को गंभीर माना जाता है, क्योंकि इससे व्यक्ति अपने पूर्वजों के आशीर्वाद से वंचित रह सकता है और जीवन में कठिनाइयां बढ़ सकती हैं। यह दोष ग्रहों की अशुभ स्थिति से भी उत्पन्न हो सकता है।
Pitru Dosh Remedies: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, तो उसे जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि इस दोष की वजह से इंसान अपने पूर्वजों के आशीर्वाद से वंचित रह जाता है। कभी-कभी अशुभ ग्रहों के असर के कारण भी यह दोष उत्पन्न हो जाता है। इससे घर-परिवार में अनहोनी, आर्थिक संकट और मानसिक तनाव जैसी परेशानियां बढ़ सकती हैं। तो चलिए जानते हैं पितृ दोष निवारण के लिए क्या कर सकते हैं।
अमावस्या पर तर्पण करना
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या का दिन सबसे शुभ माना गया है। इस दिन विधिपूर्वक पितरों का तर्पण करना चाहिए। साथ ही अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार अन्न, वस्त्र और धन का दान करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
पीपल के पेड़ की पूजा

हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ बहुत पूजनीय माना गया है। यदि आप अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति देना चाहते हैं, तो हर रोज दोपहर के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें। इसके लिए जल में काले तिल, दूध और अक्षत यानी चावल मिलाकर पेड़ पर अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है।
पितरों को जल अर्पण
यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो रोजाना स्नान के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों को जल अर्पित करें। जल में काले तिल मिलाकर अर्पण करना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भगवान शिव का अभिषेक
पितृ दोष को दूर करने का एक और प्रभावी उपाय भगवान शिव की आराधना है। जल में काले तिल मिलाकर महादेव का अभिषेक करें और उनके चरणों में खीर, फल तथा अन्य नैवेद्य अर्पित करें। इस उपाय से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और घर-परिवार में शांति व सुख-समृद्धि आती है।
दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा को पितरों का निवास स्थान और यमराज की दिशा माना गया है। इसलिए पितृ पक्ष के दिनों में इस दिशा में प्रतिदिन दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, पितृ दोष के दुष्प्रभाव कम होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
ब्राह्मण भोज कराना
सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार ब्राह्मण भोज पितृ दोष निवारण का सबसे असरदार उपाय माना गया है। भोजन के बाद उन्हें वस्त्र, अनाज, तिल और अपने हैसियत के अनुसार दक्षिणा देकर विदा करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ब्राह्मण भोज से प्राप्त पुण्य सीधे पितरों तक पहुंचता है, जिससे उनकी आत्मा तृप्त होती है और पितृ दोष के दुष्प्रभाव धीरे-धीरे समाप्त होकर घर-परिवार में सुख-समृद्धि, संतान सुख और शांति का वास होता है।
