Pitru Paksha 2023: साल 2023 का पितृपक्ष 29 सितंबर से शुरू हो गया है और यह 14 अक्टूबर तक चलेगा। हिंदू धर्म में पितृपक्ष को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पिंडदान, तर्पण व ब्राह्मण को भोजन करवाने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही साथ पूरे घर परिवार को पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
पितृ पक्ष के दिनों को श्राद्ध के नाम से जाना जाता है इन दिनों में लोग अपने पितरों को खुश करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं, क्योंकि पितरों की नाराजगी केवल एक इंसान नहीं बल्कि पूरे परिवार को बर्बाद कर सकती है और ऐसे में पितृ दोष लग सकता हैं। इसलिए इन दिनों में बहुत सारी चीजों का खास तौर पर ध्यान रखना होता है। श्राद्ध में भोजन का विशेष महत्व होता है इसलिए भोजन से जुड़ी कई बातों का आपको ध्यान रखना चाहिए। इसलिए आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि पितृपक्ष के दौरान किन सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए।
क्या होता है पितृ दोष
पितृ दोष एक ऐसा दोष माना जाता है जो पूर्वजों की नाराजगी या शाप के कारण लगता है। जन्म कुंडली में नौवें घर या नौवें घर के स्वामी को कष्ट या सूर्य, चंद्र, राहु या शनि की युति पितृ दोष का संकेत है। इस दोष से ग्रस्त व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं जैसे बुद्धि नष्ट होना, पैसों की कमी होना, निजी जीवन में खुशी नहीं मिलना आदि।
पितृपक्ष में इन 6 सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए

मूली
पितृपक्ष के दौरान मूली का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इस सब्जी को अशुद्ध माना जाता है। इसलिए श्राद्ध के दौरान ना तो मूली का सेवन करना चाहिए ना ही मूली से बनाए गए भोजन को किसी भी प्रकार के भोग में शामिल करना चाहिए।
आलू
अक्सर कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि श्राद्ध में किन सब्जियों का परहेज करना चाहिए इसलिए बहुत लोग श्राद्ध में आलू की सब्जी बनाते हैं। लेकिन श्राद्ध पक्ष में आलू का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इन दिनों में आलू खाना वर्जित माना गया है। भूलकर भी इन दिनों में ब्राह्मणों को आलू से बनी कोई भी सब्जी ना खिलाएं।
अरबी
पितृपक्ष के दिनों में जितना हो सके जमीन के नीचे से उगने वाली सब्जियों का परहेज करना चाहिए इन्हीं सब्जियों में अरबी भी शामिल है। श्राद्ध में अरबी का सेवन करने से पाप लग सकता है।
लहसुन और प्याज
हिंदू धर्म में व्रत या फिर त्योहारों में लहसुन और प्याज खाना वर्जित माना गया है। क्योंकि यह तामसिक भोजन माना जाता है। इसलिए पितृ पक्ष में भूलकर भी लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए और ना ही ब्राह्मण के लिए बनाए गए भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल करना चाहिए।
मसूर दाल
पितृपक्ष में कच्चे अनाज के सेवन को भी वर्जित माना गया है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि पितृपक्ष में ना तो कच्चे अनाज का सेवन करना चाहिए और ना ही किसी और को करवाना चाहिए। इन दिनों में चावल, दाल और आटा किसी भी चीज को कच्चा नहीं खाना चाहिए। हालांकि इन चीजों का इस्तेमाल भोजन बनाने में किया जा सकता है। लेकिन अगर बात करें मसूर की दाल की तो इस बात का खास ध्यान रखें की इन दिनों में मसूर की दाल ना तो कच्ची खानी चाहिए और ना ही पकाकर।
चना
मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष में चना का सेवन करने से बचना चाहिए। श्राद्ध में चना पूरी तरह से वर्जित माना गया है। इसलिए इन दिनों में न सिर्फ चना बल्कि चने की दाल और चने से बना सत्तू भी ना तो खाना चाहिए और ना ही किसी को खिलाना चाहिए।