क्यों भीड़ में अलग नजर आते हैं मानसिक तौर पर मजबूत व्यक्तित्व वाले लोग: Mental Strength
Mental Strength

Mental Strength: हर कोई व्यक्ति दिमागी तौर पर मजबूत नहीं होता है। कुछ लोग इस तरह के होते है जो छोटी-छोटी बात पर ही भावुक हो जाते हैं। और अक्सर लोग उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा देते हैं। लेकिन उनमें से ही कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दिमागी तौर पर इतने मजबूत होते हैं कि वह भीड़ में अलग दिखने के साथ ही उनकी भावनाओं का फायदा हर कोई नहीं उठा पाता है। ऐसे में मानसिक तोर पर कमजोर लोग उनसे तुलना करते हुए ही दिखते हैं कि काश हम भी इतने मजबूत होते। लेकिन ऐसा नहीं है कि आप अपने व्यक्तित्व में बदलाव लाना चाहे और बदलाव नहीं आए। ऐसा करने के लिए या मेंटली स्ट्रांग बनने के लिए खुद की चीजों में थोड़ा बदलाव लाना होगा। तब देखेंगे कि आपका व्यक्तित्व और लोगों में प्रभावित करने वाला नजर आएगा।

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जिंदगी में उतार-चढ़ाव का डटकर सामना

जिंदगी में उतार-चढ़ाव तो हर किसी के साथ लगा रहता है। अगर हम उसका सामना डटकर करें तो मुसीबतें ज्यादा दिन तक टिकी नहीं रह पाती। अक्सर देखा जाता है मानसिक तौर पर कमजोर लोग जब उतार चढ़ाव का सामना कर रहे होते हैं तो अपने आपको ही दोष देने लगते हैं। जबकि मेंटली स्ट्रांग व्यक्तित्व वाले लोग हार नहीं मानते है। वे अपने आपको दोष नहीं देकर उस चीज से निपटारा पाने की खोज करके परेशानी को खत्म करने में विश्वास रखते हैं।

बिना तनाव के करते हैं काम

अक्सर आपने देखा होगा कि बहुत से व्यक्तियों से जरा सी भी परेशानी झेली नहीं जाती है। और हमेशा अपनी परेशानियों को इतना अधिक स्ट्रेस में बदल देते है कि दूसरों के आगे भी अपना रोना रोते रहते है। ऐसे में लोग उनसे उबने लगते हैं और उनसे बात करने में भी कतराते हैं। लेकिन मानसिक तौर से मजबूत व्यक्ति उस कार्य को तनाव की तरह महसूस नहीं करके अपने कार्य को करने में विश्वास रखते हैं। अक्सर वे ऐसे कार्य को छोड़ देने में विश्वास रखते है जिस कार्य में समय की बर्बादी हो रही हो।

गलती स्वीकारने में रखते हैं विश्वास

कुछ व्यक्ति मानसिक रूप से स्ट्रांग नहीं होने पर वे दूसरों में गलती निकालते हैं या उन पर गलती थोपते रहते है। लेकिन इसके विपरीत मानसिक रूप मजबूत व्यक्ति अपनी गलती को स्वयं को स्वीकारने पर विश्वास रखते हैं। वे ऐसी हरकतें नहीं करते है जिसमें दूसरे की गलती नहीं है तब भी उनको जानबूझ कर कसूरवार ठहराएं।

कार्य में जोखिम से नहीं घबराते

Risk
Not afraid of risk in work

ये तो आप मानते है कि हर किसी के बस की बात नहीं है कि वह रिस्क ले ले। लेकिन जो लोग मानसिक रूप पर ठोस होते है उन्हें जोखिम उठाने में कभी घबराहट नहीं होती है। उन्होंने स्वयं को इस तरह ढाल रखा होता है कि उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने से कोई भी नहीं रोक सकता है। इसके लिए वह किसी भी तरह के जोखिम से नहीं घबराते है।

नहीं रखते शिकायती लहजा

उनके अंदर ये बहुत अच्छी खासियत होती है कि उन्हे किसी से कोई जलन या शिकायती भावना नहीं होती। वह दूसरों में कमियां निकालना नहीं जानते है। उन्हें अपने जीवन से स्वयं से ज्यादा प्यार होता है। वह अपने व्यक्तित्व को सुधारने में ज्यादा समय लगाते है। कुछ लोगों में आपने देखा होगा कि वे हमेशा दूसरों में कमियां निकालने में या गुस्सा करने में अपना सारा समय खराब कर देते है। लेकिन ऐसे में मानसिक तौर पर स्ट्रांग व्यक्ति शिकायत नहीं करके चीजों को खत्म करने में विश्वास रखते हैं।