कहीं आप तो नहीं करते कलावा उतारने में ये गलती, जानें कब और कैसे उतारे पुरानी मौली: Kalawa Rules
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Kalawa Rules: हिंदू धर्म में हाथ पर बांधा जाने वाला कलावा या मौली बहुत ही शुभ और जरूरी माना जाता है। कुछ लोग इसे रक्षा कवच के रूप में भी बांधना पसंद करते हैं। आपको बता दें कि कलावा स्‍त्री और पुरुष दोनों को अलग-अलग हाथों में बांधा जाता है। हर छोटी पूजा या मांगलिक कार्य में हाथ की कलाई पर मौली बांधना आवश्‍यक होता है। मान्‍यता है कि कलावा बांधने से जीवन में आने वाले कष्‍ट कम हो जाते हैं और ईश्‍वर आपकी मदद करते हैं। वहीं शास्‍त्रों के अनुसार इसे देवी व देवताओं का आशीर्वाद माना जाता है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कलावा बांधने और उतारने के कुछ नियम हैं, जिसे मानने से ही इसका संपूर्ण लाभ मिलता है। कई बार नादामी में हम कलावा को उतार कर कहीं भी रख देते हैं या फेंक देते हैं, जो कि शास्‍त्रों के अनुसार गलत माना गया है। कलावा पहनने और उतारने के क्‍या नियम हैं चलिए जानते हैं इसके बारे में।

कलावा बांधने से पहले जानें ये जरूरी बातें

Kalawa Rules
Know these important things before tying Kalawa

कलावा को बहुत ही शुभ माना जाता है इसलिए इसे बांधने के कुछ खास नियम होते हैं। इन नियमों के अनुसार ही कलावा बांधा और उतारा जाना चाहिए। कई बार लोग पुराने कलावा को बदलकर नया कलावा बांध लेते हैं, जिसे हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है। माना जाता है कि हाथ में कलावा बांधने से सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही ये सुरक्षा का प्रतीक माना गया है। कलावा को केवल धार्मिक अनुष्‍ठान या पूजा के दौरान ही बांधा जाता है।

क्‍या है कलावा बांधने का नियम

कलावा बांधने के कई नियम हैं लेकिन हर नियम को सामान्‍य व्‍यक्ति फॉलो नहीं कर सकते। लेकिन कुछ नियम ऐसे हैं जिसका ध्‍यान रखा जाना जरूरी होता है। शास्‍त्रों के अनुसार कलावा बंधवाते समय हाथ खाली न रखें, उसमें एक रुपए का सिक्‍का अवश्‍य रखें। साथ ही दूसरे हाथ में कुछ चावल के दाने ले लें। कलावा को हाथ में अधिक मोटा न बांधे इसे कलाई पर तीन, पांच और सात बार लपेटा जा सकता है। कलावा को तोड़ने के लिए कैंची का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए, इसे हाथ से ही तोड़ा जाना चाहिए। कलावा बंधवाने के बाद सिक्‍का जो कलावा बांध रहा है उसे दे देना चाहिए। स्‍त्री और पुरुष दोनों को अलग-अलग हाथों में कलावा बंधवाना चाहिए। 

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क्‍या है कलावा उतारने का नियम  

rule of removing Kalava
What is the rule of removing Kalava

हिंदू धर्म के अनुसार कलावा बांधने और उतारने का दिन निश्चित होता है। शास्‍त्र के अनुसार कलावा उतारने या बदलने के लिए केवल मंगलवार और शनिवार का दिन ही शुभ माना गया है। हाथ से पुराना कलावा हटाने के बाद दूसरा कलावा बंधवा लेना चाहिए या किसी पूजा के दौरान कलावा बदला जा सकता है।

पुराने कलावा के साथ न करें ये गलती

कई लोग पुराने कलावा को उतारकर फेंक देते हैं या इधर-उधर रख देते हैं। शास्‍त्रों के अनुसार व्‍यक्ति के इस व्‍यवहार को गलत और अमान्‍य माना गया है। कलावा की पूजा की जाती है इसलिए इसे फेंकना अशुभ होता है। कलावा को उतारने के बाद इसे पीपल के पेड़ के नीचे रख देना चाहिए या फिर किसी बहती नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। ध्‍यान रखें कि कलावा मंगलवार और शनिवार को ही बदलें।