अखंड ज्योति बुझ जाएं तो क्या करें?
Akhand jyot goes off : अखंड ज्योति को धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष महत्व दिया जाता है, खासकर नवरात्रि जैसे त्योहारों में इसका अधिक महत्व है। आइए जानते हैं अखंड ज्योति बुझ जाने पर क्या करें?
Akhand Jyot in Navratri: नवरात्रि के मौके पर कई घरों में अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है, जिसका विशेष महत्व भी है। अखंड ज्योती को देवी की उपस्थिति और अनवरत आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। अगर किसी वजह से अखंड ज्योति बुझ जाए, तो इसे एक अशुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। लेकिन आपको इसे लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है।चिंता करने की बजाय इसे सही तरीके से सुधारने की कोशिश करनी चाहिए। इस लेख में हम आपको अखंड ज्योति बुझ जाने के बाद करने वाले कुछ उपायों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं इस बारे में-
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शांति और धैर्य बनाए रखें

यदि किसी कारण से आपके घर में प्रज्वलित अखंड ज्योति बुझ जाए, तो सबसे पहले मन को अशांत करें और खुद को शांत करके धैर्य रखें। इसे लेकर भय या घबराहट न करें, क्योंकि अनजाने में होने वाली ऐसी घटनाओं का समाधान होता है। इसे लेकर किसी तरह की अनहोनी को लेकर न सोचें, इससे आपकी सेहत पर असर पड़ेगा।
फिर से ज्योति प्रज्वलित करें
अगर अखंड ज्योति बुझ जाए, तो इसे तुरंत फिर से प्रज्वलित करें। यह सुनिश्चित करें कि दीपक में पर्याप्त तेल या घी हो और बाती सही ढंग से रखी हो, ताकि फिर से न बुझे। अखंड ज्योति बुझ जाने पर धैर्य खोने के बजाय इसे तुरंत जला लें।
मां से क्षमा प्रार्थना करें
किसी अनजान कारणों से अगर अखंड ज्योति बुझ जाए, तो देवी दुर्गा या अपने आराध्य देव से क्षमा याचना करें। उनसे प्रार्थना करें कि यह गलती अनजाने में हुई है और भक्ति की पवित्रता बनाए रखने का संकल्प लें। ऐसा करने से आपके मन को काफी शांति का अनुभव होगा।
पूजा स्थान की सफाई करें
जहां आपने अखंड ज्योति प्रज्वलित की है, उसके आसपास सफाई सुनिश्चित करें और इसे फिर से व्यवस्थित तरीके से स्थापित करें। इससे ज्योति बुझने के कारक दूर हो सकेंगे। अगर आसपास खिड़की है, तो उसे बंद कर दें।

आगे के लिए रहें सजग
अगर एक बार अखंड ज्योति बुझ जाए, तो आगे के लिए सजद हो जाएं। भविष्य में यह सुनिश्चित करने के लिए कि ज्योति न बुझे, दीपक को ऐसी जगह रखें जहां हवा का झोंका या कोई अन्य कारण उसे प्रभावित न कर सके। साथ ही, नियमित रूप से तेल या घी की मात्रा चेक करें।
इस तरह, ज्योति बुझने पर शांत मन से सुधार करके पुनः पूजा और भक्ति में ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
