चैत्र नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाते समय इन 7 नियमों का करें पालन: Chaitra Navratri Akhand Jyoti Niyam
अगर आपको नहीं पता है कि अखंड ज्योति जलाने के क्या-क्या नियम होते हैं, तो आज हम आपको उसके बारे में ही बताने वाले हैं।
Akhand Jyoti Niyam: चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो चुकी हैं और इन नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के प्रथम दिन ज्यादातर घरों में कलश स्थापना और अखंड ज्योति भी प्रज्वलित की जाती है। हालांकि, अखंड ज्योति जलाने के कई प्रकार के नियम होते हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है, क्योंकि अखंड ज्योति केवल दीपक नहीं होता है बल्कि यह भक्ति का प्रकाश होता है, जो 9 दिन तक माता को अर्पित करते हैं। ऐसे में अगर आपको नहीं पता है कि अखंड ज्योति जलाने के क्या-क्या नियम होते हैं, तो आज हम आपको उसके बारे में ही बताने वाले हैं।
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अखंड ज्योति का महत्त्व
नवरात्रि में जलाने वाले दीपक दो तरह के होते हैं, एक कर्मदीप जो पूजा-अर्चना के समय जलाया जाता है और दूसरा अखंड दीपक जो जब तक त्यौहार रहता है, तब जलाया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि नवरात्रि में अखंड दीप जलाने से माता मनवांछित फल देती है और उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। ऐसे में कई घरों में अखंड ज्योति जलाने की परंपरा है।
अखंड ज्योति जलाने के नियम
- 1. जब भी आप नवरात्रि में अखंड दीप प्रज्वलित करें, तब अपने मन में माता के सामने संकल्प लें और इस संकल्प को पूरा करने का आशीर्वाद भी मांगे। फिर ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते’ मंत्र का जप करें।
- 2. इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी अखंड ज्योति को जमीन पर नहीं रखी जाती है। इसके लिए आप एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाए और उसके बाद ही अखंड दीप को वहां रखें।
- 3. इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि अखंड ज्योति की बाती हमेशा कलावा से बनाई जाती है, जो सवा हाथ की होनी चाहिए।
- 4. अखंड ज्योति के लिए हमेशा देशी घी का इस्तेमाल करें। अगर आपके पास देसी घी नहीं है तो आप सरसों या तिल के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- 5. हमेशा अखंड ज्योति को माता के दाएं ओर रखें। अगर आपके पास पीतल का दीप नहीं है तो आप माता के लिए मिट्टी के बड़े दीपक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- 6. इस बात का ध्यान रखें कि अखंड ज्योति की बाती को बार-बार नहीं बदलना चाहिए और दीपक से दीपक भी नहीं जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से रोग में वृद्धि होती है।
- 7. ध्यान रखें कि जब नवरात्रि खत्म हो जाए तो अखंड ज्योति को अपने आप बुझने दे। कभी भी उसे फूंककर बुझाने की कोशिश ना करें।
अखंड ज्योति की बाती ऐसे बनाएं
अखंड ज्योति की बाती को बार-बार नहीं बदला जाता है। ऐसे में उसकी बत्ती को बेहद ध्यान से बनाएं। इसके साथ ही जब आप बाती बना रहे हो तब आपका शरीर और मन दोनों शुद्ध होना चाहिए। बाती को आप कलावा से बनाएं। ध्यान रखे कि दीप के आस-पास का स्थान बहुत साफ होना चाहिए।