Holika Dahan 2025: होली का त्योहार रंगों और खुशियों का प्रतीक है, लेकिन इससे एक दिन पहले की जाने वाली होलिका दहन पूजा का भी खास धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च की सुबह 10.35 बजे पर शुरू होगी और 14 मार्च दोपहर 12.23 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन हो जाएगा। सही विधि से पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन कुछ गलतियां इस शुभ अवसर पर दुर्भाग्य का कारण भी बन सकती हैं। आइए जानते हैं होलिका पूजन के दौरान क्या करें और क्या न करें।
होलिका पूजन में क्या करें?
सही मुहूर्त में पूजा करें
होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें। भद्रा काल में होलिका दहन वर्जित माना जाता है।
पवित्र सामग्री से पूजा करें
गोबर से बनी होलिका की प्रतिमा, कच्चा सूत, नारियल, हल्दी, चावल, गुलाल और गेहूं की बालियां अर्पित करें।
परिक्रमा करें
होलिका दहन से पहले परिवार के साथ होलिका की सात बार परिक्रमा करें और अपनी समस्याओं के समाधान की प्रार्थना करें।
नकारात्मकता का त्याग करें
यह पूजा नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने का अवसर होता है। मन में किसी के प्रति द्वेष न रखें और इस दिन सभी से प्रेमपूर्वक मिलें।
हवन और मंत्रों का जाप करें
होलिका दहन से पहले ऊँ नमः भगवते वासुदेवाय या नारायणाय नमः मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
होलिका पूजन में क्या न करें?
विषम संख्या में लकड़ियां न रखें
होलिका दहन में प्रयुक्त लकड़ियों की संख्या सम होनी चाहिए, विषम संख्या अशुभ मानी जाती है।
अशुद्ध अवस्था में पूजा न करें
स्नान किए बिना और स्वच्छ वस्त्र पहने बिना पूजा न करें। शुद्धता का विशेष ध्यान दें।
गलत दिशा में होलिका दहन न करें
होलिका दहन के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा को उचित माना जाता है, गलत दिशा में दहन से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्रोध, लड़ाई-झगड़े से बचें
यह दिन भाईचारे और प्रेम का प्रतीक है। किसी से कटु वचन न कहें और व्यर्थ की बहस से बचें।
पेड़ों और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं
होलिका दहन के लिए हरे पेड़-पौधों की लकड़ियों का उपयोग न करें। प्रकृति का सम्मान करें और सूखी लकड़ियों का उपयोग करें।
असत्य, बुरी आदतों और अपशब्दों से दूर रहें
होलिका पूजन के दिन नशा, अपशब्दों और गलत कर्मों से दूर रहें। इस दिन किसी का अपमान न करें और सदाचार का पालन करें।
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि नकारात्मकता से मुक्ति पाने और नई ऊर्जा प्राप्त करने का पर्व भी है। सही विधि से होलिका पूजन करने से जीवन में खुशहाली आती है, और गलतियां करने से नकारात्मकता बढ़ सकती है। इसलिए, आस्था और शुद्ध मन से होलिका पूजन करें और अपने जीवन में प्रेम, उल्लास और सकारात्मकता का रंग भरें। इस अवसर पर अच्छे कर्म करने और दूसरों के साथ प्रेम बांटने का संकल्प लें, जिससे आपका जीवन और अधिक सुखमय बने।
