Water Protector: आशाताई आत्माराम कोमजाई
जल संरक्षक
यह जीवन है यहां हमें अलग-अलग तरह के लोग मिलते हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जीवन में जो परेशानियां आती हैं उनसे चिंतिंत तो बहुत रहते हैं लेकिन उसका कोई हल उन्हें नहीं सूझता। लेकिन आज की हमारी गृहलक्ष्मी ऑफ द डे आशाताई आत्माराम कोमजाई हैं। जिन्होंने अपने गांव की पेयजल की एक बड़ी समस्या को अपने बूते पर सुलझा दिया। महाराष्ट्र के शिवानी गांव में पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं था। आशाताई के इसी गांव महिलाओं को पानी लेने के लिए खेत तक पैदल जाना पड़ता था।
वे साफ पानी की अहमियत को समझती हैं। उनका अगला टारगेट था कि सुरक्षित पेयजल लोगों तक पहुंचे। उनके इस संकल्प ने ग्राम पंचायत को फील्ड-टेस्टिंग किट खरीदने के लिए प्रेरित किया। वे इस बात को जानती थी कि साफ पानी का सेहत से क्या संबंध हैं। वे आज बहुत से लोगों की प्रेरणा हैं।
इस काम से पहले वे सिर्फ कृषि के साथ जुडृ़ी थीं। ऐसा नहीं है कि वे कोई बहुत पढ़ी-लिखी महिला हैं। वो दसवीं तक पढ़ी हैं। लेकिन उनके मन में हमेशा से था कि वे समाज के लिए कुछ करें। उनकी इसी भावना ने उन्हें मोटिवेट किया। उन्होंने अपने गांव में लोगों को सोकपिट बनाने के लिए प्रेरित किया है। आशाताई विलेज लेवल फैडरेशन की महिला सेल्फ हेल्प गु्रप की प्रेसिडेंट हैं। यहां तक कि जब वॉटर एड इंडिया सपोर्टेड वुमन प्लस वॉटर पॉलिसी उनके गांव पहुंची तो इस योजना के सही क्रियान्चवन के लिए वह आगे से आगे थीं। उन्होंने महिलाओं को जागरुक किया कि किस तरह सही पानी के लिए वॉटर सार्सेज के पास हाइजीन को मेंटेन करना कितना जरुरी होता है। प्रोजेक्ट टीम की मदद से उन्होंने अपने गांव के साथ तीन और गांवों में घरों में 148 सोकपिट बनवाने में मदद की।
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