Waste Management Tips: यहां मिलिए देश की कुछ चुनिंदा महिलाओं से, जिन्होंने घर पर ही ‘कचरा प्रबंधन’ की प्रेरणा दी। आप भी इनसे प्रेरित होकर घर पर ही खाद बना सकते हैं और अपने परिवार को केमिकल युक्त सब्जियों से छुटकारा दिला सकती हैं।
आमतौर पर गृहणियां घर में बेकार पड़ी चीजों को आसानी से फेंकना नहीं चाहती हैं। अपने इस फन के कारण उन्हें एक बेहतर या अच्छा प्रबंधक माना जाता है। बेंगलुरु में रहने वाली पूनम बीर कस्तूरी ऐसी ही एक महिला हैं, जिन्होंने घर पर इक_ा होने वाले कचरे को एक जगह जमा कर खाद बनाया। उनकी जैसे अन्य कई महिलाएं हैं जो सब्जी और फलों के छिलकों से खाद तैयार करती हैं। आपको भी वेस्ट मैनेजमेंट यानी कचरा प्रबंधन सीखना चाहिए, ताकि आप अपने पौधों को बिना किसी खर्चे के एक ऑर्गनिक खाद दे सकें। इससे आप और आपका परिवार बिना केमिकल वाली सब्जी खा सकते हैं। तब आपको इन सब्जी और फलों को धोने के लिए किसी सल्यूशन की आवश्यकता नहीं होगी।
कचरा प्रबंधन से जुड़ी महिलाएं

पूनम बीर कस्तूरी: इन्होंने पूरे भारतवर्ष में लोगों को रोजाना फेंके जाने वाले कचरे से खाद बनाने की प्रेरणा दी है। लोग इन्हें प्यार से ‘कचरे वालीÓ कहते हैं। पूनम घर में कंपोस्ट तैयार करने के बाद दुबई, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सप्लाई करती हैं। जिन्हें बागवानी का शौक है, उनके लिए पूनम की सलाह ये है कि वे लोग अपने घर में टैराकोटा से बने काम्भा या पॉट का इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आपके घरों में पर्याप्त जगह है तो आप भारत का पहला हॉट पाइल कंपोस्ट रख सकते हैं।

नलिनी शेखर: यह एक सामाजिक कार्यकर्ता और ‘हसी’ डाला (ग्रीन फोर्स), की सह-संस्थापक हैं। इनकी उपलब्धि है कि इन्होंने सड़कों पर कूड़ा बीनने वाले लोगों को ‘कचरा प्रबंधन’ प्रणाली के साथ जोड़ा है। जहां ये सभी मिलकर कूड़े को इकठ्ठा करके ऑर्गनिक खाद तैयार करते हैं।

ओर्बिन अंजना अय्यर: अंजना को ऑर्बिन कंपोस्ट के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। यह एक परेशानी मुक्त कंपोस्टर है। इसमें आप बिना किसी परेशानी के किचन के कचरे को स्टोर कर खाद तैयार कर सकती हैं।

विलिमा रोड्रिग्स: रोड्रिग्स, साहस जीरो वेस्ट की संथापक हैं। साथ ही वह बेंगलुरु महानगर पालिका के साथ मिलकर गीले और सूखे कचरा प्रबंधन से जुड़ी हैं। साहस ने साल 2017 में एक मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी की स्थापना की जो रोजाना तकरीबन 16 टन कचरे का प्रबंधन कर सकती है।

वाणी मूर्ति: 60 वर्षीय वाणी को लोग ‘कम्पोस्टिंग क्वीन’ के नाम से पुकारते हैं। एक साधारण सी हाउसवाइफ होकर उन्होंने कैसे घर पर ऑर्गनिक खाद बनाना शुरू किया, यह अपने आप में काफी प्रेरणादायक है। 13 साल पहले ही वाणी ने यह ठान लिया था कि वह अपने किचन के कचरे को घर पर ही खत्म कर लेंगी, और इस तरह उन्होंने खाद बनाने की शुरुआत की।

प्रोनिता सक्सेना: प्रोनिता सिटिजनेज की सह-संस्थापक हैं। अपने इस स्टार्टअप के जरिये वह लोगों को गीले और सूखे कचरे के प्रति जागरूक बनाने का कार्य कर रही हैं। पिछले कुछ सालों में सिटिजनेज ने आठ हजार टन से भी अधिक कचरे को लैंडफिल से हटा दिया है। वहीं तीन हजार टन से अधिक का पुनर्नवीनीकरण किया है। वहीं पांच हजार टन से अधिक को बायोगैस और खाद में बदल दिया है।
घर में तैयार करें ऑर्गनिक खाद

किचन के कचरे में कार्बनिक पदार्थ होते हैं, जिससे बहुत आसानी से जैविक खाद बनाई जा सकती है-
स्टेप 1 : गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा को अलग-अलग कर लें। गीला में बची हुई सब्जियां और फलों के छिलके शामिल हैं। जबकि सूखा कूड़ा में लकड़ी का चूरा, लकड़ी के चिप्स, सूखे पत्ते, कागज के टुकड़े, कार्डबोर्ड और घास जैसी चीजें आती हैं।
स्टेप 2 : कूड़े को डालने के लिए मिट्टी का गमला या कोई कंटेनर ले सकते हैं लेकिन यह सुनिश्चित कर लें कि कंटेनर या गमले में एक मोटा छिद्र जरूर हो! यदि आपके घर में पर्याप्त जगह है तो आप आंगन में 12 से 14 इंच का गड्ढा खोदकर उसमें कचरे को डाल सकते हैं।
स्टेप 3 : सबसे पहले सब्जी और फलों के कचरे को डालिए और फिर सूखे कूड़े को डालें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका कूड़ा सड़ सकता है।
स्टेप 4 : नमी और गर्मी बनाए रखने के लिए कंटेनर या गमले को किसी चीज से अच्छी तरह से कवर कर लें। 2 से 3 महीने के भीतर आपका ऑर्गनिक खाद बनकर तैयार हो जाएगा।
खाद उपयोगी चीजें
- गाय या भैस का गोबर
- गोमूत्र
- आटे का चोकर
- गुड़
- फलों जैसे- केला, सेब और संतरा का छिलका
- सब्जियां जैसे प्याज, आलू का छिलका
- बची हुई सब्जी
- मूंगफली के छिलके
- लकड़ी का बुरादा
- घास और पुआल
- चायपत्ती
- कागज
- बासी भोजन
- अंडे की ट्रे
खाद अनुपयोगी चीजें

- डेयरी उत्पाद जैसे- दूध, पनीर और दही
- किसी भी प्रकार का मांस
- खाद्य तेल
- सूखी लकड़ी
