Varanasi Travel: भारत में कई ऐसे शहर हैं, जहां देश की संस्कृति और सभ्यता के दर्शन किए जा सकते हैं। उन्हीं शहरों में से एक है वाराणसी। गंगा नदी के किनारे बसा, ये एकलौता शहर है जहां आज भी हिन्दू धर्म की प्राचीन इतिहास को देखा जा सकता है। यहां आपको कई अनोखे रंग देखने को मिलेंगे जिसमें गंगा स्नान से लेकर स्वादिष्ट पकवान तक सब शामिल हैं।
वाराणसी न केवल भारतियों को बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी काफी पसंद आता है। यहां आने के बाद मन को एक सुकून और शांति का अहसास होता है। आप भी यदि अकेले या फैमिली के साथ वाराणसी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो इन जगहों और कार्यों को अपनी लिस्ट का हिस्सा अवश्य बना सकते हैं।
गंगा के किनारे नाव की सवारी

वाराणसी आने पर गंगा नदी के किनारे नाव की सवारी करना किसी एडवेंचर से कम नहीं है। पवित्र नदी के पानी पर आत्मा को झकझोर देने वाली सवारी के बिना वाराणसी की यात्रा अधूरी है। नदी पर डूबते सूरज का नजारा आपके मन को शांति प्रदान करेगा। इसे और भी यादगार बनाने के लिए अपने नाविक से कुछ लोकगीत गुनगुनाने का आग्रह भी कर सकते हैं। यहां की भाषा में काफी मिठास और अपनापन है जिसके आप कायल हो सकते हैं। हालांकि यहां नाविकों से सवारी के लिए काफी मोलभाव करना पड़ता है लेकिन यकीन मानिए ये अनुभव आपके सफर को यादगार बना देगा।
प्राचीन मंदिर के दर्शन

काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में सबसे लोकप्रिय और पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है, जहां आपको भगवान शिव की अलौकिक प्रतिमा के दर्शन होंगे। यह मंदिर गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। दुनिया में कुल मिलाकर 12 ज्योतिर्लिंग हैं और पवित्र काशी विश्वनाथ मंदिर उनमें से एक है। वाराणसी को कभी काशी के नाम से भी जाना जाता था इसलिए मंदिर का नाम वहीं से विरासत में मिला है। यहां भक्तों का सालभर तांता लगा रहता है। कई बार तो इतनी भीड़ होती है कि दर्शन करना भी दुर्लभ हो जाता है। यदि आप वाराणसी घूमने का मन बना रहे हैं तो अपनी लिस्ट में इसे शामिल करना न भूलें।
घाट करें एक्सप्लोर

दशाश्र्वमेघ घाट वाराणसी के खूबसूरत शहर में स्थित प्रमुख घाटों में से एक है जो गंगा किनारे स्थित है। दिशाओं के अनुसार, यह लोकप्रिय विश्वनाथ मंदिर के करीब है। पुरानी मान्यता है कि इस घाट को भगवान ब्रह्मा ने भगवान शिव के स्वागत के लिए बनाया था। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहां दास-अश्वमेध यज्ञ किया गया था।
इतिहास के अनुसार इस घाट को 1748 में पेशवा बालाजी बाजी राव द्वारा बनवाया गया था जिसे बाद में इंदौर की देवी अहिल्या बाई होल्कर ने दोबारा बनवाया था। इस घाट पर आपको कई पौराणिक क्रियाकलापों की छटा देखने को मिलेगी जो कि आपकी यात्रा को यादगार बना सकती है। यहां के पंडा कई किस्से और कहानियां सुनाकर लोगों का मनोरंजन करते हैं साथ ही मंदिरों की विशेषता का गुणगान करते भी दिखाई दे जाते हैं।
गंगा स्नान

जैसा कि हम सभी जानते हैं, गंगा हिंदू धर्म में एक बहुत ही पवित्र नदी है और यह व्यापक रूप से माना जाता है कि पवित्र गंगा नदी के जल में स्नान करने मात्र से ही हमारे पाप धुल जाते हैं। गंगा दशकों से वाराणसी को आध्यात्मिक आकर्षण प्रदान करने के लिए जानी जाती है। देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग यहां आते हैं, जो यहां मोक्ष प्राप्त करने और पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते दिखाई दे सकते हैं। कई लोग जल समाधी के लिए भी घाटों का चुनाव करते हैं। वाराणसी में 84 से अधिक घाट हैं जहां का नजारा देखने लायक है।
अनोखी चटपटी कचौरी

वाराणसी के घाट खाने के शौकीनों के लिए स्वर्ग जैसे हैं। यहां लोकल स्ट्रीट फूड की एंडलेस वैराइटी है, जो आपको वाराणसी की सड़कों पर खाने को मिलेगी। कुरकुरी व चटपटी कचौरी से लेकर मसालेदार आलू पूरी तक, कई स्वादिष्ट व्यंजनों को प्यार के साथ बनाया और परोसा जाता है। सबसे अच्छी बात ये है कि यहां खाना इतना सस्ता है कि आप 10 से 20 रुपए में ही पेट भरकर खा सकते हैं। इसके अलावा यहां कुल्फी की भी विभिन्न वैराइटी उपलब्ध है। पान, गुलाब, केसर और फालूदा कुल्फी मुख्य रूप से खाई जाती है। गर्मी के मौसम में इसका स्वाद चखा जा सकता है। इसलिए वाराणसी ट्रिप में लोकल अनोखे स्वाद का आनंद लेना न भूलें।
सारनाथ के दर्शन

वाराणसी से मात्र 10 किलोमीटर दूर सारनाथ नामक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थान है। यदि आप वाराणसी जा रहे हैं तो सारनाथ के दर्शन अवश्य करें। सारनाथ वह स्थान है जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद पहली बार उपदेश दिया था। इसलिए यदि आप आत्मज्ञान या आध्यात्मिकता की तलाश में हैं, तो आपको एक बार इस पवित्र स्थान के दर्शन अवश्य करने चाहिए। आतिशबाजी का केंद्र होने के अलावा, यह वाराणसी के पास एक अद्भुत पिकनिक स्थल भी है। वीकेंड पर यहां काफी भीड़ एकत्रित होती है इसलिए प्लान बनाने से पहले आवश्यक जानकारी लेना न भूलें।
गुलकंद पान का लें स्वाद

वाराणसी की गलियों में मिलने वाला गुलकंद पान किसी तारीफों का मोहताज नहीं है। यहां का पान देशवासियों को ही नहीं बल्कि विदेशियों को भी काफी आकर्षित करता है। खईके पान बनारस वाला… गाना तो आपको याद ही होगा जो पान की विशेषता को दर्शता है। वैसे तो यहां कई फ्लेवर और वैराइटी के पान उपलब्ध हैं लेकिन गुलकंद वाला मीठा पान हर किसी की पहली पसंद है। इसे हर गली, मुहल्ले और नुक्कड़ पर खाया जा सकता है।
शाम की आरती

वाराणसी में देखने के लिए सबसे आध्यात्मिक चीजों में से एक है घाटों पर शाम में होने वाली आरती। आपने यदि ऋषिकेश या हरिद्वार की मैजिकल आरती का अनुभव किया है, तो आप जानते ही होंगे कि वाराणसी का ये अनुभव आपके लिए कितना ज्ञानवर्धक और खास होने वाला है। आरती के समय घाटों पर काफी भीड़ हो जाती है। इसलिए समय से पहले पहुंचना लाभदायक हो सकता है। अनुभव का पूरा आनंद लेने के लिए आप आरती की थाली खरीदना न भूलें। जब आरती की सुरीली आवाज आपके कानों पर पड़ेगी तो यकीनन आपको एक सच्चे आनंद की अनुभूति होगी।
