तुलसी पूजा करते समय न करें ये गलतियां
मान्यता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है। वे भगवान विष्णु को अति प्रिय होती है, इसलिए उनकी पूजा बिना तुलसी भोग के अधूरी मानी जाती है। अगर आप सुबह करने जा रहे है तुलसी की पूजा तो इन बातों का रखें जरूर ध्यान रखे।
Tulsi Pooja: तुलसी का महत्व बहुत अधिक माना गया है। सनातन धर्म के अनुसार सुबह और शाम तुलसी पूजा का काफी महत्त्व है। हर घर में पूजी जाने वाली तुलसी कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। जहाँ इसका धार्मिक महत्त्व बड़ा है, तो इसके साथ ही इसके आयुर्वेदिक गुण का भी काफी ज्यादा महत्व हैं। मान्यता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है। वे भगवान विष्णु को अति प्रिय होती है, इसलिए उनकी पूजा बिना तुलसी भोग के अधूरी मानी जाती है। अगर आप रोज सुबह तुलसी की पूजा करते हैं, तो इन बातों का रखें जरूर ध्यान रखें।
- जब भी आप सुबह तुलसी पूजा करने के लिए जाए तो नहाकर स्वच्छ कपड़े पहनकर ही माता की पूजा करें।
- तुलसी पूजा के लिए आपको सबसे पहले तुलसी पर जल चढ़ाना है। सूर्योदय को देखते हुए तुलसी में जल अर्पित करें। इसके बाद एक दीप में घी या तेल डालकर ज्योत जला लें और तुलसी माता की आरती करें।
- आरती के बाद धूप या अगरबत्ती लेकर तुलसी के पौधे के सात चक्कर लगाएं। अगर तुलसी के पौधे के चक्कर लगाना संभव न हो, तो जिस जगह आप खड़े है उसी पर ही सात चक्कर घूम जाए और माता का ध्यान करें। अंत में तुलसी को नतमस्तक कर उन्हें प्रणाम करें।
तुलसी पर जल देते हुए भी इन बातों का रखें ध्यान

- तुलसी पर बिना स्नान किये कभी न जल चढ़ाएं।
- तुलसी पर जल चढ़ाने से पहले अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
- पौधे में जरूरत से ज्यादा पानी न डालें।
- रविवार और एकादशी के दिन तुलसी पर जल न चढ़ाएं, क्योंकि कहा जाता है कि एकादशी के दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
तुलसी के पत्ते तोड़ते हुए इन बातों का भी रखें ध्यान

- जब भी आप तुलसी के पत्ते तोड़ने जाए तो तुलसी माता से सबसे पहले हाथ जोड़कर अनुमति मांगे क्योंकि तुलसी पर माता लक्ष्मी का वास माना जाता है।
- तुलसी को कभी भी चाकू, कैंची या नाख़ून की मदद से नहीं तोड़ना चाहिए।
- कभी भी बिना किसी कारण के तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से दुर्भाग्य आता है।
- सूरज ढलने के बाद कभी भी तुलसी के पत्ते को न तोड़े।
- तुलसी के पौधे पर अभी भी गंदा कपड़ा या गंदा पानी न गिरने दें। कहा जाता है कि इससे माता निराश होती हैं और घर की शांति भंग होती है।
