Vastu Tips For Plants
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तुलसी के पौधे का महत्व

यह हर तरह के धार्मिक कार्य के लिहाज़ से काफ़ी फलदायी और शुभ माना जाता है। सर्दियों के मौसम में इसका उपयोग लोग चाय और काढ़ा बनाने में भी करते हैं।

Tulsi Plant Care: हमारे देश में तुलसी के पौधे का जितना आवर्वेदिक महत्व है उससे भी कहीं ज़्यादा धार्मिक है। यही वजह है कि यह लगभग हर घर में पाया जाता है। एक तरफ इसकी उपयोगिता जहां तरह तरह की दवाइयाँ बनाने में होती है वहीं यह हर तरह के धार्मिक कार्य के लिहाज़ से काफ़ी फलदायी और शुभ माना जाता है। सर्दियों के मौसम में इसका उपयोग लोग चाय और काढ़ा बनाने में भी करते हैं। यह गले अथवा खाँसी आदि के लिए बहुत ही ज़्यादा उपयोगी माना गया है। यह काफ़ी आसानी से उगाने वाला एक बहुउपयोगी पौधा है लेकिन कई बार यह सूखने लगता है। इसके पौधे बेजान और ख़राब होने लगते हैं। ऐसे में घबराने की बजाय इसके उपाय पर ध्यान देना चाहिए। इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे आसान और काम के टिप्स देने वाले हैं जिन्हें अपनाकर आप इस तरह की समस्या से निजात पा सकते हैं। 

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मिट्टी का चयन – तुलसी का पौधा जब भी लगायें इसके लिए मिट्टी का चयन बहुत ही ध्यानपूर्वक करें। तुलसी के पौधे के लिए जिस मिट्टी की आवश्यकता होती है उसमें रेत का होना अनिवार्य माना जाता है। ऐसे में जब भी इसके लिए मिट्टी तैयार करें 30% रेत को मिक्स कर लें।

पानी की मात्रा – किसी भी पौधे के लिए सही मात्रा में पानी और धूप मिलनी चाहिए। नहीं तो उसमें फंगस आदि लगने का खतरा ज़्यादा रहता है। यही बात तुलसी के संदर्भ में भी लागू होती है। इसलिए जिस जगह पर भी आप तुलसी का पौधा लगाएँ वहाँ पर पानी की मात्रा को सीमित रखें। 

Tulsi Plant Care
use of cowdung manure

गोबर का खाद – हमारे यहाँ गोबर की खाद बहुत ही आसानी से उपलब्ध है। जिसकी वजह से अधिकतर लोग पौधे में गीली गोबर डाल देते हैं। यह ठीक नहीं है, इससे पौधा खराब हो जाता है। गोबर का खाद जब भी पौधे में डाले उससे पहले उसे अच्छी तरह से सुखाकर और पाउडर बनाकर ही डाले.

गमले का चुनाव – तुलसी के पौधे को यदि आप गमले में लगा रहे हैं तो इसका चुनाव सही से करें। ध्यान रहें की गमला थोड़ा बड़ा और गहरा हो, जिसमें पानी निकासी की भी सुविधा हो। ऐसे में लम्बे समय तक पौधे की जड़ में नमी बरक़रार रहेगी और पौधा सूखेगा नहीं। यह लंबे समय तक हरा भरा रहेगा। 

Neem water spraying
Neem water spraying

नीम का पानी  – तुलसी की पत्तियों पर कई बार कीड़े आदि लगने की भी सम्भावना रहती है। जिसकी वजह से इसकी पत्तियाँ सूखने लगती हैं। यदि आप नीम तेल आदि का समय समय पर छिड़काव करते हैं तो किसी तरह की समस्या नहीं आएगी। आप जिप्सम साल्ट को भी पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।  

पौधों की छटाई – किसी भी पौधे के सही और संतुलित विकास के लिए छटाई बहुत ही ज़रूरी मानी जाती है। यही बात तुलसी के भी संदर्भ में लागू होती है। यदि आपके घर में तुलसी का पौधा लगा है तो उसकी छटाई थोड़े-थोड़े समय के बाद करते रहना चाहिए। ख़राब पत्तियों अथवा तनों को काटकर अलग कर देना चाहिए। 

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...