Importance of Kalava: ‘कलावा’ एक पवित्र धागा होता है, जिसे मौली व रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। यह शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसका उपयोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। कलावा एक सूती धागे से तैयार किया जाता है, जो लाल व पीले रंग के शुभ रंगों में रंगा होता है। कलावा को मुख्य रूप से देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है और उनके आशीर्वाद के रूप में अपने हाथ में धारण किया जाता है। प्राचीन काल से ही ऐसी मान्यता चली आ रही है कि कलावा व्यक्ति को हर तरह की बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचाता है। इसे हाथ में धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और इससे हर काम में सफलता मिलती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि हाथ में कलावा पहनने का क्या महत्व है और इसे धारण करने के लिए कौन से नियम व विधि का पालन करना जरूरी होता है।
क्या है कलावा पहनने की सही विधि

कलावा कोई भी इंसान पहन सकता है। कलावा को पुरुष और अविवाहित महिलाओं को हमेशा ही अपने दाएं हाथ में और विवाहित महिलाओं को कलावा अपने बाएं हाथ में बंधवाना चाहिए। कलावा हाथ में बंधवाने से पहले अपने हाथ की मुट्ठी बंद करना चाहिए। अगर संभव हो तो उस हाथ की मुट्ठी में थोड़ा सा अक्षत रख लेना चाहिए और दूसरे हाथ को अपने सिर पर रखना चाहिए। आप अपने सिर को ढकने के लिए दुप्पटा व रुमाल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। अब किसी पंडित से या परिवार के किसी सदस्य से कलावा को तीन बार कलाई पर लपेटवा लें। कलावा बंधवाने के बाद, आपने जिस से भी कलावा बंधवाया है, उसे वह दक्षिणा दे दें।
क्या है कलावा पहनने का सही नियम

- हाथ में कलावा हमेशा ही शुभ मुहूर्त में बंधवाना चाहिए।
- अगर कलावा टूट जाए या खराब हो जाए, तो उसे बिना देर किए हुए ही बदल देना चाहिए।
- कलावा बदलने के लिए मंगलवार या फिर शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है, इसलिए आप भी कलावा मंगलवार व शनिवार के दिन ही बदलें।
- पुराने कलावा को कहीं पर भी ना फेंके, ऐसा करना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार पुराने कलावा को हमेशा ही किसी पवित्र नदी, तालाब या फिर कुएं में बहा देना चाहिए। ऐसा करने से कलावा में समाहित सकारात्मक ऊर्जा जल में विलीन हो जाती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म हो जाता है।
क्या है हाथ में कलावा बांधने का महत्व

हाथ में बांधने वाला कलावा हमेशा ही लाल रंग का होता है। यह एक पवित्र धागा है जो माँ दुर्गा और हनुमान जी की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसे बांधने से व्यक्ति के अन्दर से सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और इससे जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसे हाथ में बांधने से सुख व समृद्धि में वृद्धि होती है।
