Shardiya Navratri Bhog: नवरात्रि हिंदू धर्म का बहुत बड़ा पर्व माना जाता हैं। भारत के कोने-कोने में इस त्योहार को बड़ी-बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस शारदीय नवरात्रि में कोरोना महामारी के कारण भले ही बस धूम-धूम न रहे, लेकिन माता रानी की भक्ति में कोई कमी नहीं आने वाली है। नवरात्रि के आने से पहले लोग घर कि साफ-सफाई करते हैं और घटस्थापना के साथ प्रसाद बनाकर माता को भोग लगाते हैं। 9 में नए-नए तरह के भोग लगाकर माता रानी को खुश करने में लगे रहते हैं। इस बार नवरात्री कि शुरुआत 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक रहेगी। वैसे तो इन 9 दिनो में माता को सच्चे मन से कोई-सा भी भोग लगाएंगें, तो वह ग्रहण कर लेंगी और प्रसन्न हो जाएंगी, लेकिन हम इस नवरात्री 9 भोग की रेसिपी बता रहे, जो माता को बहुत पसंद है।
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पहला दिन

पहला दिन मां शेलपुत्री का दिन होता है और मां का वाहन वृषभ होता है। इस दिन मां को गाय का घी या गाय के घी से बनी किसी भी चीज़ का भोग लगाने से माता प्रसन्न होती है। आप इस दिन आप गाय के घी के बेसन के लड्डू बनाकर भोग लगा सकती है। लड्डू बनाने के लिए एक कप मोटा बेसन, आधा कप गाय का घी, एक कप शक्कर बुरा और ड्रायफ्रूट्स लें। एक कढ़ाई में घी डालें और बेसन डालकर चम्मच से चलाते हुए बेसन को धीमी आंच पर भूनकर तैयार करें। ठंडा हो जाने पर शक्कर का बुरा और ड्रायफ्रूट्स डालकर मिला लें। लड्डू बनाकर माता रानी को भोग लगाकर उन्हें प्रसन्न करें।
दूसरा दिन

नवरात्रि के दूसरे दिन माता की पूजा मां ब्रह्मचारिणी के रूप में की जाती हैं। इस दिन माता के पसंद के भोग लगाने से व्यक्ति जो मन की मनोकामना पूर्ण होती हैं। इस दिन विशेष कर के माता रानी को शक्कर व मिश्री का भोग लगाने से मन की इच्छा पूरी होती है। शक्कर व मिश्री सब के घर में आसानी से मिल भी जाती है। इसलिए इस नवरात्रि अपनी मन की इच्छा पूरी करने के लिए शक्कर, मिश्री का भोग लगाकर मां को खुश करें।
तीसरा दिन
तीसरा दिन माता की पूजा मां चंद्रघटा के रूप में की जाती है। शेर पर सवारी करने वाली माता को इस दिन सबके कष्ट को दूर करती है। इस दिन माता को वैसे तो दूध या दूध से बनी कोई भी चीज़ का भोग लगाएं। इस दिन आप माता रानी को पंचामृत का भोग लगाकर खुश करें। पंचामृत बनाने के लिए एक बड़ा चम्मच दूध, एक बड़ा चम्मच दही, एक छोटी चम्मच शक्कर, एक छोटी चम्मच शहद, एक छोटा चम्मच गंगाजल और एक छोटी चम्मच घी एक कटोरी में डालकर सबको अच्छे से मिला लें और एक तुलसी का पत्ता डालकर माता को भोग लगाएं।
चौथे दिन

इसी तरह चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती हैं। इस दिन इनकी आराधना करने से मनुष्य के सब रोग और कष्ट दूर हो जाते है। इस दिन माता को खुश करने के लिए आप मालपुआ का भोग लगाइए। मालपुआ माता को बहुत पसंद हैं। मालपुआ बनाने के लिए एक कप गेहूं का आटा, आधा कप मैदा, एक कप शक्कर, एक कप पानी, घी आवश्यकतानुसार और पिस्ता लें। पहले एक बड़े बोल में आटा और मैदे में थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर पेस्ट बनाकर लें और 1-2 घंटे के लिए रख दें। एक तपेले में पानी और शक्कर डालकर एक तार की चाशनी तैयार करें। दूसरी तरफ एक पेन में घी डालकर गैस को मध्यम आंच पर चालू करें। घी गर्म हो जाने पर बड़ी चम्मच से छोटे-छोटे मालपुआ डालकर पलटते हुए हल्के ब्राउन होने तक तलें और निकालकर चाशनी में डालकर 10-15 मिनट रखें बाद निकाल कर पिस्ता कतरन डालकर माता को भोग लगाएं।
पांचवा दिन
नवरात्रि के पांचवे दिन आदिशक्ति स्कंदमाता की पूजा होती हैं। इस दिन माता को कोई-सा भी फल का भोग लगाकर ही खुश किया जाता है। फल में भी अगर आप 3 केले का भोग लगाएंगें तो माता बहुत जल्दी प्रसन्न होगी।
छठा दिन
मां कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। इनकी पूजा करने मात्र से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष जैसे फलों की प्राप्ति होती है। माता को खुश करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं लगेगी, क्योंकि माता रानी को इस दिन शहद का भोग लगाकर प्रसन्न किया जा सकता है।
सातवां दिन
माता को नवरात्रि के सातवें दिन मां काल रात्री की पूजा की जाती है और इस दिन पूजा करने से भूत-पिशाच और भय से मुक्ति मिलती हैं। इस दिन मां को गुड़ या गुड़ से बनी चीज़ों का भोग लगाएं। इस दिन आप आटे और गुड़ के लड्डू बना सकते है। लड्डू बनाने के लिए एक कप गेहूं का आटा और आधा कप गुड़, आधा कप घी और ड्रायफ्रूट्स एक कढ़ाई में घी डालकर मध्यम आंच पर आटा भूनें। आटा भून जाने पर उसी कढ़ाई में एक छोटी चम्मच घी डालकर गुड़ को टुकड़े कर के डालें। और अच्छे मेल्ट हो जाने पर गैस बंद कर के भूना आटा और घी डालकर लड्डू तैयार करके मां को भोग लगाकर प्रसन्न करें।
आठवां दिन
आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन माता को हलवे का भोग लगाया जाता हैं। हलवा बनाने के लिए एक कप गेहूं का मोटा आटा, आधा कप घी, आधा कप शक्कर ले। एक कढ़ाई को गैस पर रखकर मध्यम आंच पर आटे में घी डालकर चम्मच से चलाते हुए गोल्डन ब्राउन होने तक भूनें। अब पानी डालकर चलाते रहे जब कढ़ाई में घी छूटने लगे तो शक्कर, इलायची पाउडर और ड्रायफ्रूट्स डालकर चलाते हुए पकाएं और माता रानी को भोग लगाएं।
नौवां दिन
नौवें दिन मां की आराधना मां सिध्दात्री के रुप में की जाती है। इस दिन आप खीर का भी भोग लगाकर मां को प्रसन्न कर सकती है। खीर बनाने के लिए 1 लीटर दूध, शक्कर, चावल, इलायची पाउडर और ड्रायफ्रूट्स लें। सबसे पहले तपेले में दूध डालकर गैस को तेज आंच पर चालू करके दूध को चलाते हुए उबाले। अब चावल डालकर पकाएं चावल पक जाने पर शक्कर डालकर कुछ देर उबाल कर इलायची पाउडर और ड्रायफ्रूट्स डालकर अच्छे से उबालकर खीर तैयार कर करें। ठंडा करके माता रानी को भोग लगाएं।
