sawan pooja
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Summary: बच्चों के साथ सावन की पूजा कैसे करें, मिलेगा फन एक्टिविटी और लर्निंग का मौका

इस सावन, बच्चों को पूजा में शामिल करके उन्हें भारतीय संस्कृति और भक्ति से जोड़ें। जानिए कैसे छोटी-छोटी एक्टिविटीज़ के ज़रिए सावन सोमवार को बनाएं उनके लिए फन और लर्निंग से भरपूर।

Sawan Puja with Kids: सावन का महीना न सिर्फ श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह बच्चों के लिए भी एक खूबसूरत लर्निंग पीरियड बन सकता है। इस दौरान हम बच्चों को धार्मिक रीति-रिवाज़ों, प्रकृति प्रेम, और भारतीय परंपराओं के बारे में सिखा सकते हैं और वो भी मज़ेदार तरीकों से।

तो इस सावन, आइए बनाएं पूजा को बच्चों के लिए एक फन और एजुकेशनल एक्टिविटी, जहां वे सिर्फ पूजा देखे नहीं, बल्कि उसे महसूस करें, समझें और उसमें भाग लें।

Sawan pooja with your kids
Sawan pooja with your kids

बच्चे तब ज़्यादा जुड़ते हैं जब उन्हें ज़िम्मेदारी दी जाए। पूजा की तैयारी जैसे बेलपत्र धोना, पूजा थाली सजाना, फूल चुनना या दीपक सजाना ये सब छोटे टास्क्स बच्चों के लिए एक्साइटिंग बन सकते हैं। इससे बच्चे प्रकृति की चीजों को पहचानना और उनका महत्व समझना सीखते हैं। उन्हें बेलपत्र पर ओम या त्रिशूल बनाना सिखाएं पेंट या क्रेयॉन से।

बच्चे कहानियां बहुत पसंद करते हैं। हर सोमवार को भगवान शिव से जुड़ी एक छोटी-सी कथा सुनाएं जैसे शिव और पार्वती की प्रेम कहानी, शिव-गंगा अवतरण या गणेश जी की उत्पत्ति।

इससे पौराणिक ज्ञान बढ़ेगा और शब्दावली भी। आप इन कहानियों को एक्टिंग के रूप में एनएक्ट भी करवा सकते हैं  बच्चों को शिव-पार्वती का क्राउन बनवाइए और रोल प्ले कराइए।

भले ही बच्चे व्रत न रखें, लेकिन व्रत के खाने की हेल्दी रेसिपीज़ जैसे साबूदाने की खिचड़ी, आलू टिक्की या फलाहारी चाट उनके साथ बनाइए। खाना बनाने की शुरुआती सीख, हेल्दी खानपान की आदतें। अपनी ही बनाई डिश पर नाम का टैग लगवाएं “मीरा की खिचड़ी” या “आरव का आमरस”।

बच्चों से शिवलिंग की आकृति मिट्टी से बनवाएं, रुद्राक्ष माला पेपर से बनाएं, या पेपर फ्लावर से मंदिर की सजावट करें। इससे आर्ट और क्राफ्ट स्किल्स में सुधार होगा। अपनी बनाई चीजें जब पूजा में शामिल होती हैं, तो बच्चों को गर्व होता है।

छोटे बच्चों को आसान मंत्र जैसे “ऊँ नमः शिवाय” सिखाएं। भजन सुनते समय उन्हें ताली बजाने या डमरू जैसा वाद्य बजाने को कहें। संस्कृत के उच्चारण और संगीत से जुड़ाव होगा। डांस भजन से बच्चों का मूड भी हल्का और आनंदपूर्ण रहता है।

kids in nature
kids in nature

शिव को प्रकृति और जल का देवता माना जाता है। बच्चों को सिखाएं कि सावन में पेड़-पौधों की देखभाल क्यों ज़रूरी है। पौधा लगवाएं और नाम रखें “शिव का बेल”, “पार्वती का तुलसी”। पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी बढ़ेगी। हर सप्ताह पौधे की ग्रोथ नोट करना एक खेल जैसा लगेगा।

सावन की पूजा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भावों की भाषा होती है और जब बच्चे उसमें शामिल होते हैं, तो वो पूजा और भी विशुद्ध, निष्कलंक और जीवंत बन जाती है। बच्चे जब बेलपत्र तोड़ते हैं, तुलसी को पानी देते हैं, या भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं, तो उनके मन में ईश्वर के लिए जो सरल विश्वास और बाल भाव होता है, वही असल भक्ति है। इस सावन, हमें अपने बच्चों को सिर्फ पूजा “करना” नहीं सिखाना, बल्कि उन्हें भक्ति महसूस करना सिखाना है।

जब बच्चे प्रकृति, परंपरा और पूजा से सहजता से जुड़ते हैं, तो धर्म एक बोझ नहीं, बल्कि उनके जीवन का सजीव हिस्सा बनता है खेल की तरह, कहानी की तरह, प्रेम की तरह।

राधिका शर्मा को प्रिंट मीडिया, प्रूफ रीडिंग और अनुवाद कार्यों में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा पर अच्छी पकड़ रखती हैं। लेखन और पेंटिंग में गहरी रुचि है। लाइफस्टाइल, हेल्थ, कुकिंग, धर्म और महिला विषयों पर काम...