Republic Day Special: इस गणतंत्र दिवस में संविधान के इतिहास से हटकर वर्तमान के गणतंत्र की बात करेंगे और उसमें भी हम आधी आबादी का जिक्र करेंगे। वो आधी आबादी जो गणतंत्र को पूर्ण और मजबूत कर रही है, इसे सफल बनाने में अपना योगदान दे रही है।
साल 2023 में हम 74वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं, साल दर साल घरेलू स्तर पर कई चीजें बदली हैं तो वहीं सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक विकास के साथ तकनीकी विकास भी खूब हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि हम महिलाओं के योगदान पर एक नजर जरूर डालें। उदाहरण के तौर पर स्वतंत्रता दिवस में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया तब जाकर हम स्वतंत्रता का स्वागत कर पाए पर अफसोस महिलाओं की गिनती कम जगह ही की गई। अकसर हम यहीं पर मात खा जाते हैं। जब भी गुणगान करने की बात आती है तो उस सूची में महिलाएं पिछड़ जाती हैं। इस बार हमने गणतंत्र दिवस के मौके पर उन महिलाओं को स्थान दिया है जिनके कारण गणतंत्र सफल हो रहा है।
परिवार रूपी गणतंत्र की मुखिया महिलाएं

दो साल ग्यारह महीने 18 दिन में बनकर तैयार हुई एक किताब जिसे हम संविधान के नाम से जानते हैं। हम सभी के सामाजिक जीवन और तौर-तरीकों का अहम हिस्सा है। इसके बिना एक भारत और श्रेष्ठ भारत की कल्पना तक नहीं की जा सकती। इस बात से आज हम, तुम, बच्चे, बूढ़े सभी वाकिफ हैं पर क्या आपने कभी इससे हटकर परिवार रूपी गणतंत्र के बारे में सोचा है? क्या एक पारिवारिक गणतंत्र की कल्पना एक महिला के बगैर कर सकते हैं? गृहस्थी का ताना बाना बनाकर सभी का ख्याल रखने वाली गृहलक्ष्मी भी गणतंत्र को संभालती है। सभी के खानपान से लेकर सेहत का ख्याल रखने तक, हर छोटे बड़े के गुस्से के घूंट पी जाने से लेकर उसके प्रेम में घुल जाने तक गृहलक्ष्मी घर के गणतंत्र को कितनी सरलता और सहजता से संभाल रही है।
राजनीतिक गणतंत्र में महिलाएं
घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अब औरतें केंद्र के पटल तक आ पहुंची हैं। इसका उदाहरण आप हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ले सकते हैं। केंद्र के सबसे शीर्ष पद पर आसीन द्रौपदी मुर्मू भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। वहीं संसद में महिलाओं का प्रतिशत भी बीते कुछ सालों में 12त्न के करीब आया है और मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है और अब यह 65त्न के पार पहुंच गया है। यह आंकड़ा राजनीतिक गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी को प्रदर्शित करता है।
कारोबारी गणतंत्र का हिस्सा महिलाएं

राजनीति से आगे चलें तो व्यापार में भी महिलाएं अपना योगदान दे रहीं है और खूब अच्छे से दे रहीं हैं। फिर चाहे वे नायका की फाउंडर फाल्गुनी नायर हों या मामार्थ की संस्थापक गजल अलघ। शार्क टैंक जैसे चॢचत शो की जज नमिता थापर भी इस वर्ष खूब चर्चा में रहीं।
खेल जगत में परचम लहराती महिलाएं
2022 में संपन्न हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में 16 स्पोर्ट्स में भारत की ओर से 106 पुरुष और कुल 104 महिला एथलीट्स शामिल हुईं। महिला एथलीट्स ने शानदार प्रदर्शन के साथ कई पदक अपने नाम किये। इस सूची में मीराबाई चानू, मेरी कोम, पीवी सिंधु, दीपिका पल्लीकल और हिमा दास जैसी खिलाड़ी महिलाएं शामिल हैं। क्रिकेट में मिताली राज से लेकर आज की कप्तानी संभाल रहीं हरमनप्रीत कौर और उप-कप्तान स्मृति मंधाना खेल जगत में नाम कमा रही हैं।
लेखन क्षेत्र में भूमिका अदा करती महिलाएं
लेखन में तो सदियों से महिलाओं का योगदान रहा है, लेखन का यह सफर हमारे वैदिक काल में लोपामुद्रा, गार्गी और मैत्री से होता हुआ आज के आधुनिक युग में वर्ल्ड बुकर पुरस्कार तक पहुंच गया है। आपको मालूम तो होगा ही इस बार 2022 का विश्व बुकर पुरस्कार गीतांजलि श्री ने अपने नाम किया है। साहित्य का सर्वश्रेष्ठ ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाली कवयित्री अनामिका, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका सुधा मूर्ति भी बखूबी भारत को एक मजबूत गणतंत्र बनाने में अपना योगदान दे रही हैं।
सेना रूपी गणतंत्र संभाले महिलाएं

युद्ध के मैदान में लड़ती हुई रानी लक्ष्मी बाई हो या सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज में महिलाओं की रेजिमेंट का नेतृत्व कर रहीं लक्ष्मी सहगल, शुरू से ही महिलाएं सेना में भागीदार रहीं हैं। सबसे अच्छी बात तो ये कि अब भारतीय सेना में भी उन्हें परमानेंट कमीशन का हक दे दिया गया है। वो बात अलग है कि ये हक उन्हें बहुत देर से मिला पर गनीमत कि मिल ही गया।
धार्मिक कार्यों में सलंग्न महिलाएं

महिलाएं सामाजिक बेड़ियों को तोड़कर अब धाॢमक कार्यों में भी लिप्त हो गई हैं और अपने ज्ञान से आध्यात्मिक जगत में प्रवेश कर रहे लोगों को सूझ-बूझ दे रही हैं। जीवन के मूल्यों को समझाना और उनमें संतुलन बनाना, आज कल की मानसिक दबाव झेल रही पीढ़ी को सही दिशा दिखाने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। ब्रह्मï कुमारी शिवानी, माता अमृतानंदमयी, जया किशोरी आदि इस सूची में शामिल हैं।
मनोरंजन की दुनिया में महिलाएं
मनोरंजन की दुनिया में कई महिला कलाकार हैं जिन्होंने अपनी काबिलियत के बल पर वैश्विक स्तर पर नाम कमाया है। इस सूची में मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन, विश्व सुंदरी ऐश्वर्या राय, हॉलीवुड तक पहुंच बनाने वाली प्रियंका चोपड़ा, प्लेबैक सिंगर आशा भोसले, फिल्म निर्देशन में मेघना गुलजार तथा कॉमेडियन भारती जैसी अनेकों कलाकार महिलाएं शामिल हैं। अभी हाल ही में मिस वर्ल्ड 2022 का खिताब जीतने वाली सरगम कौशल ने तो अनूठी मिसाल पेश की है। सरगम ने दिखाया कि एक विवाहित महिला भी अपने सपने को पूरा कर सकती है।