चीन की दीवार के बाद विश्व की सबसे लंबी दीवार देखनी है तो चले आइए राजस्थान: Kumbhalgarh Fort
Kumbhalgarh Fort

Kumbhalgarh Fort: राजस्थान अपनी शानदार इमारतों, किलों और महलों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। सालों से अडिग खड़ी इन इमारतों को देखकर भारत के गौरवशाली इतिहास की झलक साफ नजर आती है। साथ ही जानकारी मिलती है शानदार स्थापत्य कला और दूरदर्शिता की। इन्हीं बेमिसाल किलों में से एक है कुंभलगढ़ का शानदार किला। यह किला वीरता की कई कहानियां और अनोखे रिकॉर्ड  की लिस्ट अपने में समेटे हुए है। आइए जानते हैं आखिर क्यों इतना महत्वपूर्ण और खास यह है किला—

36 किलोमीटर लंबी, 15 फीट चौड़ी दीवार

Kumbhalgarh Fort
The most special thing about Kumbhalgarh Fort is the 36 kilometer long wall built around it.

कुंभलगढ़ किले की सबसे खास बात है इसके चारों ओर ​बनी 36 किलोमीटर लंबी दीवार। यह दीवार 15 फीट चौड़ी है और सालों बाद आज भी यह मजबूती के साथ शान से खड़ी है। 15वीं शताब्दी के दौरान राणा कुंभा ने इस दीवार का निर्माण करवाया था। इस दीवार को एशिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार का दर्जा प्राप्त है। वहीं यह भारत की सबसे बड़ी दीवार है। यह दीवार इतनी चौड़ी है कि इसपर आठ घोड़े एक साथ चल सकते हैं। इतना ही नहीं कुंभलगढ़ किला चित्तौड़गढ़ किले के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा किला है। अरावली रेंज पर समुद्र तल से करीब 3600 फीट उंची पहाड़ी पर बना यह किला कई मायनों में अनोखा है। मेवाड़ के वीर राजा महाराणा प्रताप की इस जन्मस्थली को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की लिस्ट में शामिल किया गया है।

अपने आप में पूरा शहर है यह किला

कुंभलगढ़ सिर्फ एक किला ही नहीं है, यह राणा कुंभा की दूरदर्शिता का उदाहरण है। दरअसल, कुंभलगढ़ का किला अपने आप में एक पूरा शहर है। किले में प्रवेश के लिए सात विशाल दरवाजे हैं। किले के परिसर में ऐसी सब सुविधाएं थीं, जिससे युद्ध के समय प्रजा बिना किसी परेशानी के कई सालों तक रह सकती थी। किले के परिसर में ही तालाब, कुएं, खेत, मंदिर, मकान सब हैं। यही कारण था कि यह किला अभेद्य रहा। हालांकि एक बार मुगलों ने धोखे से इसे जीता, लेकिन यह जीत ज्यादा समय तक नहीं टिकी। किले में छोटे-बड़े करीब 360 मंदिर हैं। इस किले की ऊंचाई इतनी ज्यादा है कि दुश्मन सेना का इसपर चढ़ाई करना भी आसान मुश्किल था। किले में बादल महल सबसे खास है। यह किले पर सबसे ऊंचाई पर बना है, यही कारण है कि ऐसा लगता है जैसे यह बादलों से बात कर रहा है। परिसर में बना नीलकंठ महादेव मंदिर आज भी लोगों की आस्था का केंद्र है। किला इतनी ऊंचाई पर है कि यहां की ठंडी हवाएं आपको यहां की वीर गाथाएं सुनाती प्रतीत होंगी।

ऐसे जा सकते हैं कुंभलगढ़

किले में हर शाम को शानदार लाइट एंड साउंड शो होता है।
The fort has a spectacular light and sound show every evening.

कुंभलगढ़ में आपको कई शानदार रिसोर्ट मिल जाएंगे। पहाड़ियों से घिरे इस क्षेत्र में वक्त बिताने का अपना ही अलग मजा है। कुंभलगढ़ उदयपुर से करीब 98 किलोमीटर दूर है। यह दूरी तय करने में आपको करीब ढाई घंटे का समय लगेगा। उदयपुर से यहां तक का सफर ही आपको रोमांचित कर देगा। किले में हर शाम को शानदार लाइट एंड साउंड शो होता है। 45 मिनट के इस शो में आपको इस किले का गौरवशाली इतिहास करीब से जानने का पूरा मौका मिलेगा। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...

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