premanand maharaj viral AI photo
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प्रेमानंद जी महाराज अपने सरल स्वभाव और प्रवचनों से लोगों को सद्मार्ग पर चलने की राह दिखाते हैं। वह खुलकर भक्तों के हर प्रश्न का आसान और व्यवहारिक उत्तर देते हैं, जिससे लोगों का जीवन आसान बन जाता है।

Premanand Ji Maharaj: लहसुन और प्याज का सेवन करना सही है या गलत! यह एक ऐसा सवाल है जो हर किसी के मन में रहता है। कुछ लोग इसे सही मानते हैं तो कुछ गलत। हालांकि सभी के अपने-अपने तर्क हैं। लेकिन अब लोगों को अपने इस सवाल का सही उत्तर मिल गया है। वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद जी महाराज ने इस प्रश्न का उत्तर देकर लोगों के असमंजस को दूर कर दिया है। आपको बता दें कि प्रेमानंद जी महाराज अपने सरल स्वभाव और प्रवचनों से लोगों को सद्मार्ग पर चलने की राह दिखाते हैं। वह खुलकर भक्तों के हर प्रश्न का आसान और व्यवहारिक उत्तर देते हैं, जिससे लोगों का जीवन आसान बन जाता है। लहसुन-प्याज को खाने को लेकर उन्होंने क्या कहा, आइए जानते हैं।

जानिए क्या कहा महाराज ने

जिस मिट्टी में आलू उगते हैं, लहसुन और प्याज भी उसी में उगते हैं।
Garlic and onions grow in the same soil where potatoes grow.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे प्रेमानंद महाराज के एक वीडियो में एक भक्त उनसे पूछता है कि हमें लहसुन प्याज खाना चाहिए या नहीं। इसके जवाब में महाराज कहते हैं, जिस मिट्टी में आलू उगते हैं, लहसुन और प्याज भी उसी में उगते हैं। बात उनके गुणों और प्रकृति की है। इसलिए जो लोग भगवत मार्ग पर चलने का नियम लेते हैं, उन्हें लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन दोनों में ही तमोगुण होते हैं। इसलिए जो संत है और संत परंपरा से जुड़े नियमों को मानने वाले लोग हैं, उनका यह धर्म है कि वे तामसिक भोजन से दूर रहें। उन्हें हमेशा सात्विक भोजन ही करना चाहिए। अगर घर में बिना लहसुन प्याज का भोजन नहीं बन रहा है और आपने भागवत का नियम ले रखा है तो आपको इसके लिए खुद को तैयार करना होगा कि आप ऐसे भोजन को हाथ न लगाएं। क्योंकि वृंदावन में ठाकुरजी और राधा रानी को बिना लहसुन प्याज का बहुत ही स्वादिष्ट भोजन का भोग रोज लगता है। ऐसे में लहसुन प्याज का स्वाद से कोई संबंध नहीं है। यहां बात उनके गुणों की है।

ये खा सकते हैं लहसुन प्याज

प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं कि कुछ लोग लहसुन प्याज नहीं त्याग सकते। जैसे अगर आप विद्यार्थी हैं, आर्मी में हैं, कारोबारी हैं या अक्सर यात्राएं करते हैं या विदेश में रहते हैं और आपको बिना लहसुन प्याज का भोजन नहीं मिल पा रहा है तो लहसुन प्याज खाना पाप की श्रेणी में नहीं आएगा। वहीं अगर आप लहसुन प्याज को औषधि के रूप में खा रहे हैं तो इसकी संख्या और मात्रा तय होनी चाहिए।

मांसाहार-जंक फूड को लेकर कहा ये

एक अन्य वीडियो में महाराज ने जंक फूड और मांसाहार को लेकर बड़ी बातें कही। उन्होंने कहा कि जब तक बुद्धि शुद्ध नहीं होगी, अपवित्र विचार, अपवित्र आहार और अपवित्र क्रियाओं से नहीं बच सकते। लोग सोचते हैं कि मांस और अंडा खाकर लोग अपने आप को बलवान कर सकते हैं। लेकिन असल में ऐसा नहीं है। जो बल ब्रह्मचर्य, संयम और सात्विक भोजन में है, वो मांसाहार, मैगी, पिज्जा, बर्गर, सैंडविच में नहीं है। स्वास्थ्य पवित्र आहार और पवित्र विचार से बनता है। ऐसे लोगों को सत्संग और सद ​उपदेश सुनने चाहिए।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...