पौधों को फिर से हरा-भरा बनाने के टिप्स
जैसे-जैसे मौसम बदलता है पौधों में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। गर्मी, ठंडी, या बारिश के कारण पौधों की पत्तियां मुरझा सकती हैं, उनकी जड़ों में सूखापन आ सकता है या वे संक्रमित हो सकते हैं।
Plant Care Tips: मौसम में बदलाव का असर न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है बल्कि हमारे आसपास के पौधों की सेहत पर भी इसका गहरा असर होता है। जैसे-जैसे मौसम बदलता है पौधों में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। गर्मी, ठंडी, या बारिश के कारण पौधों की पत्तियां मुरझा सकती हैं, उनकी जड़ों में सूखापन आ सकता है या वे संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में पौधों की देखभाल करना और उन्हें फिर से स्वस्थ बनाना अत्यंत जरूरी है। यहां हम कुछ आसान टिप्स देंगे जो मौसम में बदलाव के कारण मुरझा रहे पौधों को फिर से हरा-भरा बनाने में मदद कर सकते हैं।
सही मात्रा में पानी देना

पौधों को पानी की जरूरत मौसम के हिसाब से बदलती रहती है। गर्मी के दिनों में पौधों को ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है वहीं सर्दी में पानी देने की मात्रा कम करनी पड़ती है। यदि आप पौधों को बहुत अधिक पानी देते हैं तो उनकी जड़ों में पानी का ठहराव हो सकता है जिससे वे सड़ने लगती हैं। दूसरी ओर, कम पानी देने से पौधे सूख सकते हैं। इसलिए, पौधों को आवश्यकता अनुसार पानी देना बहुत जरूरी है। गर्मियों में सुबह या शाम के समय पौधों को पानी दें ताकि सूरज की गर्मी से पानी का वाष्पीकरण न हो।
पौधों को धूप में रखें
पौधों को सूर्य की रौशनी की आवश्यकता होती है लेकिन मौसम बदलने के साथ, यह भी जरूरी है कि आप अपने पौधों को सही समय पर धूप में रखें। सर्दी में पौधों को ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती लेकिन गर्मी में उन्हें कम से कम 4-6 घंटे की धूप मिलनी चाहिए। गहरे हरे रंग के पौधे या जो ठंडी जलवायु के होते हैं उन्हें ज्यादा धूप से बचाकर रखना चाहिए जबकि जो गर्मी सहन कर सकते हैं उन्हें धूप में रखा जा सकता है।
पत्तियों की सफाई

मौसम के बदलने के साथ पौधों की पत्तियों पर धूल और गंदगी जमा हो सकती है। यह धूल न केवल पौधे की सुंदरता को घटाती है बल्कि यह पौधे की श्वसन क्रिया में भी बाधा डालती है। इसलिए, पौधों की पत्तियों को हल्के गीले कपड़े से साफ करें। पत्तियों की सफाई से न केवल उनकी श्वसन क्रिया में मदद मिलती है बल्कि पौधों में किसी भी तरह के बैक्टीरिया या कवक के विकास को भी रोका जा सकता है।
उचित उर्वरक का इस्तेमाल
मौसम में बदलाव के दौरान पौधों को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। पौधों की वृद्धि के लिए उचित उर्वरक का इस्तेमाल करना बहुत महत्वपूर्ण है। मौसम के अनुसार आप जैविक खाद, गोबर की खाद, या अन्य प्रकार के तरल उर्वरकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर करेगा और उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा। खासकर सर्दियों में पौधों के पोषण की आवश्यकता अधिक होती है इसलिए नियमित रूप से उर्वरक डालने की आदत डालें।
रोग और कीटों से सुरक्षा
मौसम बदलने के साथ ही पौधों में कीटों और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। सर्दी और गर्मी के मौसम में कीटों के हमले अधिक देखे जाते हैं। यदि आपने किसी पौधे पर मुरझाई पत्तियां देखीं तो पहले यह सुनिश्चित करें कि यह किसी कीट या बीमारी का असर तो नहीं है। यदि ऐसा हो, तो तुरंत जैविक कीटनाशक या घर में बनाए गए कीटनाशक का उपयोग करें। इसके अलावा, पौधों के आस-पास की मिट्टी को भी समय-समय पर बदलते रहें और उर्वरकों का सही मात्रा में प्रयोग करें।
