Periods Myth: पीरियड्स के पहले तीन दिन बाल नहीं धोने चाहिए, इससे इनफर्टिलिटी आ जाती है, गर्भाशय कमजोर हो जाता है और बाल झड़ने लगते हैं, ब्लीडिंग रुक जाती है और कई बीमारियां हो जाती हैं। पीरियड्स से जुड़ी ये बातें आपने भी अक्सर अपने घर में और आस-पास सुनी होंगी। हर युवती और महिला की लाइफ का यह अहम हिस्सा आज भी ढेर सारे मिथ्य से घिरा है। कभी सेहत तो कभी शुद्धता के नाम पर इससे कई बातें जोड़ दी गई, जिन्हें आज भी आधी आबादी फॉलो करती है। ऐसा ही एक मिथ्या है पीरियड्स के शुरुआती तीन दिन बाल नहीं धोना।
Periods Myth: बाल धोने से जुड़ी हैं ये बातें

दरअसल, पीरियड्स एक बायोलॉजिकल प्रोसेस है, लेकिन इससे कई बातें जुड़ी हैं। सबसे पहले बात करते हैं इसकी कि आखिर पीरियड्स में बाल न धोने के क्या कारण समाज में बताए जाते हैं। माना जाता है पीरियड्स के लिए शुरुआती तीन दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन्हीं तीन दिनों में सबसे ज्यादा रक्त बॉडी से निकलता है। माना जाता है कि ऐसे में अगर युवती या महिला बाल धोती है तो उससे बॉडी का तापमान कम हो जाता है। ऐसे में न सिर्फ पीरियड्स का दर्द बढ़ जाता है बल्कि ब्लीडिंग भी कम होने लगती है। क्योंकि सही ब्लीडिंग के लिए शरीर का गर्म होना जरूरी होता है। इसी के साथ ये भी कहा जाता है कि इससे गर्भाशय कमजोर हो जाता है। ब्लड क्लॉट होने लगते हैं और इंफर्टिलिटी बढ़ जाती है। यह भी कहा जाता है कि पीरियड्स में ठंडे पानी से नहाना अवॉइड करना चाहिए।
क्यों पीरियड्स के दौरान चिपचिपे हो जाते हैं बाल

आपने अकसर महसूस किया होगा कि पीरियड्स के दौरान आपके बाल अकसर चिपचिपे और ऑयली हो जाते हैं। बार-बार मन करता है कि बाल धोने चाहिए। ऐसे में बाल न धोने की पाबंदी कई महिलाओं और युवतियों को परेशान कर देती है। दरअसल, इस दौरान बॉडी में काफी हार्मोनल चेंजेज होते हैं, जिसके कारण बाल ऑयली और चिपचिपे हो जाते हैं। कई युवतियों और महिलाओं को पिंपल्स की शिकायत होने लगती है। पीरियड खत्म होने के बाद सब नॉर्मल हो जाता है।
अब जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर्स

डॉक्टरों के अनुसार पीरियड्स के शुरुआती दिनों में बाल धोने से कोई परेशानी नहीं होती है। यह एक मिथ्या है। पीरियड्स के दौरान शरीर में कई हार्मोनल चेंजेज होते हैं ऐसे में बॉडी के साथ ही बालों की सफाई करना बेहद जरूरी है। डॉ. किरण गुप्ता बताती हैं कि यह मिथ्या है कि पीरियड्स में तीन दिन तक बाल नहीं धोने चाहिए। बल्कि बाल धोना युवतियों और महिलाओं के लिए फायदेमंद होगा। इससे न सिर्फ उन्हें बॉडी में हल्कापन महसूस होगा, बल्कि इस दौरान होने वाले सिरदर्द और तनाव से भी उनको राहत मिलती है। इतना ही नहीं सिर से पैर तक जब पानी डालते हैं तो शरीर की सूजन भी कम होती है। इसलिए पीरियड्स के दौरान मौसम के अनुसार पानी का उपयोग करते हुए प्रतिदिन नहाना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार बाल धोने चाहिए।
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आखिर क्यों बना यह मिथ्या
विशेषज्ञों के अनुसार पहले के समय में महिलाएं नदियों और तालाबों में स्नान करती थीं। घरों में बाथरूम नहीं होते थे। पीरियड्स के दौरान घरों में ही नहाने की व्यवस्था की जाती थी, जिसके लिए कुओं से पानी लाया जाता था। क्योंकि बाल धोने में अधिक पानी लगता है और इतना पानी लाना संभव नहीं हो पाता था, इसलिए यह परंपरा चल पड़ी कि तीन दिन तक बाल नहीं धोते। तीन दिन के बाद अकसर रक्त प्रवाह कम हो जाता है। ऐसे में नदियों में स्नान किया जा सकता था।
