Perfume Vs Deodorant

Summary: गर्मी में परफेक्ट बॉडी केयर के लिए परफ्यूम और डियोडरेंट कैसे चुनें?

परफ्यूम और डियोडरेंट दोनों ही गर्मियों में पसीने और बदबू से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन इनका उद्देश्य अलग होता है। परफ्यूम जहां लंबे समय तक खुशबू बनाए रखता है, वहीं डियोडरेंट पसीना और बदबू को रोकता है।

Perfume vs Deodorant: आजकल गर्मियों के मौसम में पसीने और बदबू से बचने के लिए हर कोई डियोडरेंट या परफ्यूम का इस्तेमालकरते हैं। पार्टी, ऑफिस और दोस्तों के बीच खुद को फ्रेश फील कराने के लिए परफ्यूम या डियोडरेंट का इस्तेमाल करते हैं। कई लोग सोचते हैं कि दोनों एक जैसे होते हैं, लेकिन हकीकत में इन दोनों में बड़ा अंतर होता है। इन दोनों प्रोडक्ट की डिमांड मार्केट में काफी ज्यादा है। परफ्यूम और डियोडरेंट में कई बड़े अंतर होते हैं, जिनसे जानना बहुत जरूरी है। दोनों को अलग-अलग जरूरत के हिसाब से ही इस्तेमाल करना चाहिए।

अगर बात डियोडरेंट की करें तो ये बदबू और पसीने को रोकता है। इस प्रोडक्ट कपड़े के बजाए शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर लगाया जाता है, जैसे कान के पीछे, अंदरआर्म में, गर्दन पर और हाथ पर लगाया जाता है। हालांकि, इसकी खुशबू लंबे समय तक नहीं रहती है।

सबसे पहले परफ्यूम की बात करें तो, ये एक ऐसा प्रोडक्ट है जो शरीर से आने वाली बदबू को दूर करता है और एक अच्छी खुशबू छोड़ता है। इसे कपड़ों पर लगाया जाता है. इसकी खुशबू लंबे समय तक कपड़ों रह जाती है। ये स्प्रे और लिक्विंड फॉर्म में आपको मिल जाएगा।

Perfume vs Deodorant
What is the difference between perfume and deodorant?

परफ्यूम और डियोडरेंट के बीच फर्क की बात करें तो, जहां परफ्यूम में 25 पर्सेंट एसेंस मिलाया जाता है वहीं डियोडरेंट में ये सिर्फ 2 पर्सेंट ही होता है। परफ्यूम की खुशबू लंबे समय तक रहती है, लेकिन वहीं डियोडरेंट की बात करें तो ये कुछ घंटों तक ही सीमित है। परफ्यूम शरीर से आने वाली बदबू को रोकता है और खुशबू फैलाता है। वहीं डिओडोरेंट बदबू को सोख लेता है, जिससे आप लंबे समय तक फ्रेश फील करते हैं। डियोडरेंट में एल्कोहल की मात्रा 10-15 प्रतिशत होती है तो वहीं परफ्यूम में ये 15 से 20 पर्सेंट तक हो सकती है। इसके अलावा इसकी कीमत की बात करें तो परफ्यूम डियोडरेंट की तुलना में ज्यादा महंगे होते हैं।

परफ्यूम एसेंस ज़्यादा होने की वजह से परफ्यूम न सिर्फ डियोडरेंट की तुलना हार्ड होता है, बल्कि खुशबू के मामले में लॉन्ग लास्टिंग भी होता है, जहां डियोडरेंट की फ्रेगनेन्स 4 घंटों से अधिक नहीं टिक पाती है, वहीं परफ्यूम की खुशबू लगभग 12 घंटों तक बरकरार रहती है।

perfume and deodorant
Which is the best among perfume and deodorant

परफ्यूम और डियोडरेंट का इस्तेमाल आपकी जरूरत पर निर्भर करता है, जैसे परफ्यूम की खुशबू लंबे समय तक रहती है। ऐसे में अगर आप लंबे समय तक खुशबूदार रहना चाहते हैं तो परफ्यूम बेस्ट है, लेकिन अगर आपको ज्यादा खुशबू नहीं पसंद तो आप डिओडोरेंट का यूज कर सकते हैं। वहीं, अगर आप खुद को खुशबूदार रखना चाहते हैं तो परफ्यूम बेस्ट रहेगा और अगर आप पसीने को दूर करना चाहते हैं तो डियोडरेंट अच्छा ऑप्शन है।

परफ्यूम बॉडी से पसीने की बदबू दूर करने में काफी कारगर है, लेकिन यह पसीने पर बेअसर साबित होता है। वहीं डियोडरेंट में एंटी-पर्सपरेंट नाम का एक पदार्थ मौजूद होता है, जो शरीर के पसीने को सोखकर त्वचा को चिपचिपा होने से रोकता है और आप लंबे समय तक फ्रेश फील कर पाते हैं।

मेरा नाम नमिता दीक्षित है। मैं एक पत्रकार हूँ और मुझे कंटेंट राइटिंग में 3 साल का अनुभव है। मुझे एंकरिंग का भी कुछ अनुभव है। वैसे तो मैं हर विषय पर कंटेंट लिख सकती हूँ लेकिन मुझे बॉलीवुड और लाइफ़स्टाइल के बारे में लिखना ज़्यादा पसंद...