Overview: बच्चे का पहला दांत आए तो अपनाएं ये टिप्स
बच्चे का जब पहला दांत आए तब से उसकी सही देखभाल और पोषण आवश्यक है। ताकि बढती उम्र में बच्चे के दांत स्वस्थ्य और कीड़ामुक्त रहें।
Baby Dental Care Tips: बच्चे का पहला दांत बेहद खास होता है। वह न केवल चबाने, बोलने और स्थायी दांतों की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बल्कि बच्चे की सही ग्रोथ भी दर्शाता है। लेकिन बच्चे का पहला दांत अपने साथ कई परेशानियां लेकर आता है। ये बच्चे को चिड़चिड़ा और जिद्दी बना देता है। वहीं कई बच्चे इस दौरान लूज मोशन और उल्टी जैसी स्थिति का भी सामना करते हैं। ऐसे में बच्चे की सही देखभाल और दांत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। यदि आपके बच्चे का भी पहला दांत आया है और उसे सुरक्षित व मजबूत बनाना चाहते हैं तो ये घरेलू टिप्स अपना सकते हैं। ये टिप्स आपके बच्चे के दांतों की देखभाल करने और कीड़ा लगने से रोकने में मदद कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
पहले दांत एक महत्वपूर्ण पड़ाव

बच्चों में दांत निकलने की प्रक्रिया आमतौर पर 6-8 महीने की उम्र में शुरू हो जाती है। शुरुआती तीन साल की उम्र तक, बच्चों में सभी लगभग 20 दूध के दांत जिसे प्राइमरी टीथ कहते हैं, निकल आते हैं। ये दूध के दांत अस्थायी होते हैं, लेकिन ये पाचन, बोलने और जबड़े के विकास के लिए आवश्यक हैं। इन दांतों को कीड़ा-मुक्त और स्वस्थ रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके नीचे स्थायी दांत विकसित हो रहे होते हैं। सही पोषण और मौखिक स्वच्छता इस प्रक्रिया में सहायक होती है।
स्वस्थ दांतों के लक्षण
– दांतों में कोई कीड़ा, मलिनकिरण या सड़न नहीं।
– गुलाबी, गैर-सूजे हुए और रक्तस्राव-मुक्त मसूड़े।
– बिना दर्द के आराम से भोजन चबाने की क्षमता।
– ब्रश करने के दौरान कोई दर्द या संवेदनशीलता नहीं।
बच्चे के दांत में लग सकता है कीड़ा
भारत में 60-80% बच्चे मसूड़ों की बीमारी और दांतों की सड़न से पीड़ित हैं। बच्चे में दांतों की सड़न का मुख्य कारण अत्यधिक चीनी का सेवन, चीनी युक्त भोजन या पेय पदारम को लंबे समय तक मुंह में रखना और भोजन या दूध के बाद मुंह न धोना है। इससे मुंह में बैक्टीरिया का विकास होता है, जिससे कीड़ा लगने का खतरा बढ़ता है। अगर इसकी अनदेखी की जाए, तो यह सड़न, दर्द और यहां तक कि इन्फेक्शन का कारण बन सकता है।
मजबूत और स्वस्थ दांतों के लिए आवश्यक पोषक तत्व

कैल्शियम: दूध, पनीर, दही और हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम से भरपूर होती हैं, जो दांतों के इनेमल को मजबूत करती हैं।
विटामिन-डी: कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और दांतों व हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है।
फॉस्फोरस: अंडे और मांस जैसे खाद्य पदार्थ फॉस्फोरस से भरपूर होते हैं, जो दांतों के लिए अच्छे माने जाते हैं।
विटामिन-ए: गाजर और शकरकंद जैसे खाद्य पदार्थ मसूड़ों और मुंह की मुलायम त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।
विटामिन-सी: संतरे और स्ट्रॉबेरी जैसे खाद्य पदार्थ मसूड़ों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं और मसूड़ों की बीमारी को रोकते हैं।
फ्लोराइड: फ्लोराइड युक्त पानी दांतों को सड़न से बचाता है। हालांकि, अधिक फ्लोराइड इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है।
दूध कैसे बना सकता है दांतों को मजबूत
दूध टॉडलर के आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और फोर्टिफाइड दूध अतिरिक्त पोषक तत्व प्रदान करके दांतों और हड्डियों को मजबूत करता है। दूध में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है जो दांतों के इनेमल को मजबूत करता है और सड़न का जोखिम कम करता है। इसके साथ ही विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण में सहायता करता है। वहीं दूध में मौजूद विटामिन-ए मसूड़ों और मुंह की मुलायम त्वचा को स्वस्थ रखता है।
बच्चों के दांतों की देखभाल के लिए अपनाएं ये टिप्स
– जैसे ही पहला दांत निकले, मुलायम ब्रिसल्स वाले टूथब्रश और फ्लोराइड टूथपेस्ट से दिन में दो बार ब्रश करें।
– चीनी युक्त स्नैक्स और पेय से बचें, खासकर सोने से पहले।
– डेंटिस्ट के पास नियमित जांच कराएं ताकि शुरुआती समस्याओं का पता चल सके।
– हर भोजन या दूध के बाद बच्चे के मुंह को पानी से साफ करें।
– कैल्शियम, विटामिन डी और फॉस्फोरस से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें।
– फोर्टिफाइड दूध का उपयोग करें। यह अतिरिक्त पोषक तत्व प्रदान करता है, जो दांतों को मजबूत करता है।
