Parenting tips for teenage relations
Parenting tips for teenage relations

Summary: बच्चों को खुद चुनने दें अपना करियर: पेरेंट्स करें मार्गदर्शन, न करें दबाव

बच्चों को अपना करियर चुनने की आज़ादी देना उन्हें आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और खुशहाल बनाता है। माता-पिता को चाहिए कि वे मार्गदर्शन करें, न कि अपनी इच्छाएं थोपें।

Parenting Advice: इस संसार में ऐसे कोई भी माता-पिता नहीं होंगे जो अपने बच्चों को सफल नहीं बनाना चाहते। सभी माता-पिता अपने बच्चों को सफल बनते देखना चाहते हैं तथा इसके लिए वह उनका सही मार्गदर्शन भी करते हैं। माता-पिता नहीं चाहते कि जिस मार्गदर्शन या अभावों के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा, उनके बच्चों को भी करना पड़े। लेकिन कई बार पेरेंट्स अनजाने में ही अपने बच्चों पर अपनी उन ख्वाहिशों को भी थोपने लगते हैं, जिन्हें वह खुद पूरा नहीं कर पाए। इस तरह माता-पिता कब अपने बच्चों की स्वतंत्रता और सपनों को कुचल देते हैं यह पेरेंट्स खुद भी नहीं समझ पाते, ऐसी स्थिति में क्या करें पेरेंट्स। आइए जानते हैं इस लेख में।

Parenting Advice-Let children choose their own career
Let children choose their own career Credit: Istock

मानसिक दबाव और तनाव: जब माता-पिता बच्चे पर अपनी पसंद का करियर चुनने के लिए दबाव डालते हैं तो बच्चा अपने ऊपर मानसिक दबाव महसूस करता है।

वह हर समय इस कोशिश में रहता है कि वह अपने पेरेंट्स को नाराज ना कर दे। अगर उनके द्वारा चुने गए करियर में वह सफल नहीं हुआ तो कहीं उसे डांट या अलगाव का सामना न करना पड़े। बच्चा हर समय इस तरह के विचारों के साथ घिरा रहता है जो कि उसके तनाव को बढ़ाता है तथा ज्यादा समय तक यह स्थिति बने रहने पर बच्चा डिप्रेशन में भी जा सकता है।

पैशन का खत्म हो जाना: जब बच्चा किसी और के कहने पर अपने रुचि के विरुद्ध अपने करियर का चुनाव करता है जिसमें उसका मन नहीं लगता तो उस क्षेत्र में उसका विकास रुक जाता है।

संतुष्टि की कमी: अगर आपका बच्चा आपके कहने पर अपने करियर का चुनाव कर, उसमें सफलता पा भी ले तो भी उसके अंदर संतुष्टि का अभाव रहता है।

आत्म संतुष्टि: जब बच्चा अपने पसंद से अपने करियर का चुनाव करता है तो वह ज्यादा खुश तथा संतुष्ट होता है तथा अपने कार्य के प्रति वह ज्यादा समर्पित और उत्साहित रहता है।

बेहतर प्रदर्शन: जब बच्चा अपने पसंद से करियर का चुनाव करता है तो बच्चा पैशन के साथ अपने कार्य को करता है और खुद को सफल बनाने तथा बेहतर परिणाम के लिए पूरी ऊर्जा के साथ कार्य करता है।

आत्मविश्वास का बढ़ना: जब बच्चा अपने निर्णय खुद लेने लगता है तो उसमें आत्मविश्वास जैसे गुणों का विकास होता है।

मार्गदर्शन करें नियंत्रण नहीं: आप अपने बच्चों को करियर के सभी विकल्पों की जानकारी दें और उन्हें यह भी बताएं कि किस करियर के चुनाव से उन्हें भविष्य में क्या फायदा मिलेगा। अपने बच्चों को अच्छे मार्गदर्शक की तरह जानकारी दें, लेकिन उन पर उन्हें अपनाने का दबाव ना बनाएं।

बच्चों को गंभीरता से सुने: अपने बच्चों से खुलकर बातें करें। उनसे बात करके जाने उन्हें किस क्षेत्र में रुचि है। यह जानने की कोशिश करें कि उस क्षेत्र के प्रति वह कितने गंभीर हैं। उनकी बातों पर अपना पूरा ध्यान दें।

प्रोत्साहित करें: आपका बच्चा जिस भी करियर का चुनाव करना चाहे उसके लिए उसे प्रोत्साहित करें। वह उस क्षेत्र में बेहतर कर सके इसके लिए उसे उच्चित प्रशिक्षण दिलवाएं।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...