Hindi Short Story: उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव में, पहाड़ों की गोद में बसा एक वीरान सा बंगला था पुराना, टूटा-फूटा, मगर उसकी दीवारों में अब भी कुछ जिंदा था। गाँव के लोग कहते थे कि वहाँ रात को कोई लड़की गुनगुनाती है… कोई जिसके पायल की झंकार हवा में गूंजती है… और फिर अचानक सब कुछ खामोश हो जाता है।
शहर से आया आदित्य, एक फोटोग्राफर और लेखक, इस बंगले की तस्वीरें खींचने और उसकी रहस्यमयी कहानी जानने आया था। उसे डर नहीं लगता थाया यूँ कहें कि उसने कभी महसूस नहीं किया था कि किसी न दिखने वाली चीज़ से भी मोहब्बत हो सकती है।
पहली रात, जब आदित्य कैमरा लेकर घर के कोने-कोने की तस्वीरें ले रहा था, तभी उसे एक दरवाज़ा मिलालकड़ी का, जंग खाया हुआ, बंद। उसने धक्का दिया। अंदर अंधेरा था, और सिर्फ एक पुराना कुआँ।
वो जैसे ही कुएँ के पास पहुँचा, उसे किसी के गीले बालों की खुशबू आई। वो पलटाकोई नहीं।
“यहाँ मत आओ…”
किसी ने बहुत धीरे से कहा।
“कौन है?” आदित्य की आवाज़ गूंज गई।
तभी, सामने एक लड़की प्रकट हुईसफेद साड़ी, खुले बाल, नर्म सी मुस्कान।
“तुम्हारा नाम क्या है?” आदित्य ने पूछा।
“मेघा…” उसकी आँखों में गहराई थी, दर्द था… और कुछ ऐसा जो खींचता था।
वो रात… आदित्य को ठीक से कुछ याद नहीं। सुबह उठते ही उसने बस एक चीज़ देखीउसके कैमरे में दर्ज तस्वीर, जिसमें मेघा कुएँ के पास खड़ी थी। पर वो तो… कोई नहीं देख पा रहा था, सिवाय उसके।
दिन बीते… हर रात मेघा आती। बातें करती। कहानियाँ सुनाती। और आदित्य को उससे प्यार हो गया। वो जानता था कि कुछ गड़बड़ है, पर दिल को समझाना मुश्किल होता है।
एक रात, आदित्य ने पूछा, “तुम कौन हो सच में?”
मेघा की आँखों में आँसू थे। “मैं इस बंगले में पली-बढ़ी… १९८५ की बात है। मुझे प्रेम हुआएक लड़के से, गाँव के ठाकुर के बेटे से। हम भाग जाना चाहते थे। लेकिन ठाकुर ने मुझे मार डाला… इसी कुएँ में फेंक दिया।”
आदित्य की रूह काँप गई।
“तुम यहाँ क्यों हो?”
“क्योंकि मैंने वादा किया थाजिससे भी मुझे सच्चा प्यार मिलेगा, मैं उसे छोड़कर नहीं जाऊँगी।”
“पर… तुम तो…”
“मर चुकी हूँ,” उसने मुस्कुरा कर कहा। “पर प्यार नहीं।”
उस रात आदित्य को डर नहीं लगाउसे सुकून मिला। उसे मेघा की बाहों में नींद आई।
अगले दिन गाँव वालों ने देखाआदित्य बेहोश पड़ा है। और उसके कैमरे में एक नई तस्वीर हैवो कुएँ के पास बैठा है, और एक लड़की उसके कंधे पर सिर रखे है। लड़की… जो अब भी गीले बालों में, मुस्करा रही थी।
डॉक्टरों ने कहा”शॉक में चला गया है। किसी को देख रहा था जो वहाँ था ही नहीं।”
पर आदित्य तो कुछ और कह रहा था…
“वो मेरी है… वो वापस आएगी।”
लोगों ने उसकी बातों को पागलपन समझा। उसे शहर के अस्पताल भेज दिया गया।
लेकिन उस रात, हॉस्पिटल के CCTV में एक झलक कैद हुईएक लड़की सफेद साड़ी में, जो आदित्य के कमरे में घुसी… और फिर दोनों गायब हो गए।
कुछ साल बाद…
उसी गाँव में, एक नया कपल आयाहनीमून मनाने। उन्होंने वही बंगला किराए पर लिया। अब वह नया बना था, सजाया गया था। और अब कोई डर की बात नहीं होती थी।
लेकिन एक रात, उस कपल ने देखादीवार पर एक पुरानी तस्वीर टंगी है।
एक लड़का… और एक लड़की। कुएँ के पास।
तस्वीर के नीचे लिखा था
“मेघा और आदित्य।
वो आए थे, मिले थे, साथ गए।
अब कभी अलग नहीं होंगे।
प्यार मरता नहीं।”
कपल ने सोचा, यह कोई कहानी होगी।
लेकिन उस रात, जब लड़की बालों में कंघी कर रही थी… उसे पीछे से किसी ने कहा
“खूबसूरत हो… बिल्कुल मेघा जैसी।”
कहानी का अंत… या एक नई शुरुआत?
कभी-कभी प्रेम, मौत से भी पार चला जाता है। और कुछ रूहें, तब तक चैन नहीं पातीं… जब तक उन्हें उनका अधूरा प्यार फिर से ना मिल जाए।
