Osho Thoughts
Osho Thoughts

Osho Thoughts: फिजूल बैठ कर तुम मेरे संबंध में चर्चा मत करो। मैं इतना बिगड़ चुका कि अब तुम्हारी चर्चा के हाथ मुझ तक पहुंच न पाएंगे। एक सीमा होती है, फिर उस सीमा के पार मुश्किल हो जाती है। सो हम तो गए। अब तुम भी कहीं चर्चा करते-करते हमारे साथ मत चले आना। अपनी सोचो। जिंदगी छोटी है। समय बहुत कम है। कल का कोई भरोसा नहीं है। और काम बड़ा है। जिंदगी को जगमगाना है। अमृत का अनुभव करना है। व्यर्थ की बकवास, और बहुत लोग हैं, उन्हें करने दो। काम से काम रखो, तो राम बहुत दूर नहीं है। मैं तुम्हें भरोसा दिलाना चाहता हूं कि तुम्हारे प्रेम के सहारे ही जिंदा हूं, अन्यथा अब मेरे लिए कोई जीने का कारण नहीं है। तुम अपने भीतर एक हो जाओ, तो तुमने मेरा हृदय जीत लिया, तो तुमने वह काम पूरा कर दिया, जो संन्यासी को करना है, हर संन्यासी को करना है।

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