Onam Sadhya Thali: न जाने कब साउथ इंडियन कुजींस चुपके से नॉर्थ इंडियन किचन में पहुंच गए। अब तो लोग उपमा, डोसा और, उत्पम के साथ लैमन राइस का भी आनंद अपने घर में ही लेने लगे हैं। साउथ इंडियन खाने को पसंद करने की सबसे बड़ी वजह है कि यह बहुत कम तेल में बनते हैं और इनमें पड़ने वाले इंग्रीडिएट्स जैसे कि नारियल और करी पत्ता इन्हें सेहतमंद भी बनाते हैं। लेकिन इस बार हम आपको ओणम पर बनने वाली साद्या थाली के बारे में जानकारी देंगे। इस थाली की खासयित इसके 26 पकवान और उनके साथ बनने वाल तरह-तरह की चटनी और अचार शामिल हैं।
केरल में होती है रौनक

वैसे तो ओणम पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन जाहिर है अगर आपको इस त्यौहार की रौनकी देखनी है तो आप केरल जरुर जाएं। इस बार की बात करें तो यह 31 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन पूरे शहर का एक अलग ही रंग होता है। कहीं हाथी नाच रहे होते हैं तो कहीं नौकाएं आपस में दौड़ लगाती हैं। कहीं रंग बिरंगे पकवान बांटे जाते हैं तो कहीं पेट पर शेर की तस्वीर बनाकर झांकियां निकाली जाती हैं। ऐसा लगता है जैसे कि राजा महाबली का राज फिर से आ गया हो। जैसा कि हर जगह त्यौहार पर पारंपरिक भोजन बनते हैं। यहां पर भी इस मौके पर पारंपरिक भोजन बनाया जाता है और केले के पत्तों पर इसे खाया जाता है। इसे ओणम साद्या भी कहते हैं।
तो आखिर क्या होता है इस थाली में
इस थाली की खासियत इसमें सजे हुए पकवानों की होती है। इसमें 18 पकवान दूध के बने होते हैं। पकवानों के साथ-साथ पचड़ी–पचड़ी काल्लम, ओल्लम, दाव, घी, सांभर भी बनाया जाता है। पापड़ और केले के चिप्स बनाए जाते हैं। यहां के पारंपरिक भोज को ओनसद्या कहा जाता है। एक और बात इन पकवानों के नाम भी काफी दिलचस्प होते हैं। इसमें उपेरी, शर्करा वरही, नारंगा करी, मांगा करी, और रसम प्रमुख है। इनमें से कुछ व्यंजन सब्जियों को मिलाकर तैयार किए जाते हैं। वहीं कुछ में गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें खट्टे-मीठे अचार और चटनी भी शामिल हैं। इसके अलावा चावल, ओलन, कालन, चेन यानी सूरन करी, परिप्पु करी, पुलुस्सरी, एलिस्सरी, मोर यानी खट्टा रायता भी इस थाली की जान होता है।
इस सब्जी और चटनी के बिना अधूरी है थाली

इस थाली में खास अवियल की सब्जी होती है। यह हमारी एक तरह की मिक्स वेज सब्जी जैसी होती है। इसमें कई तरह की हरी और मौसमी सब्जियां डाली जाती हैं। इसके अलावा अदरक और गुड़ की से बनी इंजी चटनी के बिना साद्या थाली अधूरी है।
तीन तरह की होती है खीर
हम सभी साउथ इंडियन खीर पायसम को तो भली-भांति जानते ही हैं। इस थाली में गुड़ की यह खीर खाई जाती है। यह भी इस मौके पर तीन तरह की बनती है। यह गेहूं, मैदे और अरहर की दाल की होती है। इसके अलावा चावल और सेवई की खीर भी बनाई जाती है। बस इसमें चीनी की जगह गुड़ डाला जाता है।