Navratri 2023 Maa Durga Mantra: 15 अगस्त 2023 को घट स्थापना के साथ ही नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो जाएगा। नवरात्रि के नौ दिन तक भक्त मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना करेंगे। मां दुर्गा और उनके नौ अवतारों को नारीशक्ति का प्रतीक माना जाता है। देवी मां के विभिन्न अवतारों के प्रति श्रद्धा और धर्म के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हर वर्ष नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पहले नवरात्रि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से और दूसरे शारदीय नवरात्रि का पर्व आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से अगले नौ दिनों तक मनाया जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि का उत्सव 15 अक्टूबर 2023, रविवार से 23 अक्टूबर, सोमवार तक मनाया जायेगा। नवरात्रि के पर्व पर भक्तगण पूरे विधि विधान से माता रानी की आराधना करते हैं और उनके नाम के जयकारे लगाते हैं। मां दुर्गा के मंत्रों में असीम शक्ति समाई हुई हैं। माता रानी के मंत्रों के जाप से घर में सुख—समृद्धि और वैभव आता है। तो चलिए पंडित इंद्रमणि घनस्याल से जानते हैं मां दुर्गा के प्रभावशाली व चमत्कारी मंत्रों के बारे में।
ध्यान मंत्र

आदिशक्ति की अवतार मां दुर्गा के मंत्रों में बहुत शक्ति होती है। मां दुर्गा के मंत्रों के जाप से हमारे आस पास की सभी बुरी शक्तियों का नाश हो जाता है। मां दुर्गा के “ॐ जटा जूट समायुक्तमर्धेंन्दु कृत लक्षणाम| लोचनत्रय संयुक्तां पद्मेन्दुसद्यशाननाम॥” ध्यान मंत्र का अर्थ है कि मैं आदिशक्ति को नमन करता हूं। आदिशक्ति से मेरी प्रार्थना है कि वह मुझे ध्यान केंद्रित करने में सहायता करें। नवरात्रि में प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करने से व्यक्ति के मन में एकाग्रता बढ़ती है। किसी भी यज्ञ, अनुष्ठान और हवन की शुरुआत इसी मंत्र के जाप से करनी चाहिए। इस मंत्र के उच्चारण एस व्यक्ति की आत्मा जागृत होती है।
दुर्गा मंत्र

माता रानी को प्रसन्न करने और कार्य सिद्धि के लिए मंत्र “सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके, शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते॥ का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का अर्थ है कि सबको शुभ फल प्रदान करने वाली नारायणी को मैं प्रणाम करता हूं। जो व्यक्ति मां की शरण में आता है, मां उसकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को जीवन की बाधाओं का सामना करने की शक्ति प्राप्त होती है।
देवी स्तुति मंत्र व शत्रु शांति मंत्र

मां दुर्गा के “या देवी सर्वभुतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता। या देवी सर्वभुतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। या देवी सर्वभुतेषु मातृरूपेण संस्थिता। या देवी सर्वभुतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः” मंत्र जाप से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। इसी तरह नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए नियमित रूप से मां दुर्गा के शत्रु शांति “रिपव: संक्षयम् यान्ति कल्याणम चोपपद्यत, नन्दते च कुलम पुंसाम माहात्म्यम मम श्रृणुयान्मम॥” मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है।
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