National Radio Day: एक समय था जब हर घर में रेडियो की आवाजें सुनाई देती थीं। जब मनोरंजन का कोई साधन नहीं था, तब लोग रेडियो पर प्रोग्राम और गाने सुनने का इंतजार किया करते थे। लेकिन समय बदला और रेडियो की जगह टीवी और फिर मोबाइल ने ले ली। तो क्या ऐसे में ये माना जाए कि रेडियो बीते जमाने की बात हो गई है। जी नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं है। नेशनल रेडियो डे पर जानते हैं इस ‘सुरीले डिब्बे’ के बारे में कुछ खास बातें।
क्यों मनाया जाता है नेशनल रेडियो डे

दुनियाभर में 20 अगस्त को नेशनल रेडियो डे मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में इस दिन को खास अंदाज में सेलिब्रेट किया जाता है। रेडियो की तरंगों की पहचान सबसे पहले 1886 में जर्मन भौतिक विज्ञानी हेनरिक हर्ट्ज ने की थी। लेकिन वह इसे मूर्त रूप नहीं दे पाए। 1895 में इतालवी आविष्कारक गुलिएल्मो मार्कोनी ने रेडियो की शुरुआत की। 1900 के दशक की शुरुआत में रेडियो का उपयोग खबरों और विज्ञापनों के प्रचार के लिए किया जाने लगा। लेकिन 1920 तक यह आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया। घर-घर की शान बनने लगा। 1920 में डेट्रॉइट रेडियो स्टेशन 8 एमके ने अमेरिका में 20 अगस्त को अपना पहला प्रसारण किया था। इसी के उपलक्ष पर हर साल 20 अगस्त को नेशनल रेडियो डे मनाया जाता है। साल 2011 में नेशनल पब्लिक रेडियो ने इस दिन को जोरशोर से मनाना शुरू किया। आज न सिर्फ अमेरिका में बल्कि दुनियाभर में नेशनल रेडियो डे मनाया जाता है।
टीवी, मोबाइल से ज्यादा खुशी देता है रेडियो

ब्रिटेन में रेडियो एडवरटाइजिंग ब्यूरो द्वारा कराए गए एक अध्ययन के अनुसार टीवी देखने और इंटरनेट पर सर्फिंग करने के मुकाबले रेडियो सुनने से लोगों को ज्यादा खुशी का अनुभव होता है। इस अध्ययन में सैकड़ों लोगों को शामिल किया गया। अध्ययन के अनुसार रेडियो सुनने से लोगों में ऊर्जा का स्तर 300 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इतना ही नहीं रेडियो खुशी के स्तर को 100 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। शोधकर्ताओं के अनुसार रेडियो एक तरीके से लोगों के लिए ‘लाइफस्टाइल सपोर्ट सिस्टम’ के रूप में काम करता है। रेडियो सुनने से लोग रिलेक्स और खुश महसूस करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि रेडियो और खुशियों का गहरा कनेक्शन है। लोग खुश रहने के लिए रेडियो सुनते हैं। यह आपको तनाव नहीं देता। वहीं टीवी और इंटरनेट कभी-कभी लोगों के तनाव का कारण बन जाते हैं। क्योंकि इनमें बीच-बीच में ऐसी बातें या विज्ञापन आते हैं, जिससे यूजर की चिंताएं बढ़ती हैं। लेकिन रेडियो में अक्सर ऐसा नहीं होता।
लोगों ने कहा, रेडियो से हम भी गाते हैं
ब्रिटेन में हुए अध्ययन के अनुसार रेडियो पहले से कहीं ज्यादा लचीला है। यूजर अपनी सुविधा और पसंद से इसमें स्टेशन चुन सकता है, ऐसे में इसलिए लोकप्रियता सालों बात भी कम नहीं है। रेडियो को लेकर हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई कि आज भी 71 प्रतिशत लोग अपनी कार में रेडियो सुनना पसंद करते हैं। इतना ही नहीं 67 प्रतिशत लोग हर रोज रेडियो सुनते हैं। रेडियो आपको खुशी देता है और रिलेक्स करता है। 48 प्रतिशत लोगों ने स्वीकारा कि जब वे अकेले में रेडियो सुनते हैं तो उसके साथ खुद भी गाना गाते हैं, इससे उन्हें खुशी मिलती है।
