Narasimha Jayanti 2023: भगवान विष्णु ने वामन, मत्यस्य, कच्छप और नरसिंह समेत कई अवतार लिए हैं। हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नरसिंह जयंती के रूप में मनाया जाता है। भगवान नरसिंह को श्रीहरि के चौथे अवतार माने जाते हैं। भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप के संहार करने के लिए नरसिंह का अवतार लिया था। इस दिन भगवान नरसिंह की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। वहीं, इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन के समस्त दूख दूर होते हैं। पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि धार्मिक शास्त्रों में भगवान नरसिंह से जुड़ी पौराणिक कथा का वर्णन मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने का भी विधान है। तो चलिए जानते हैं इस बार नरसिंह जयंती कब है। इस दिन कैसे भगवान नरसिंह की पूजा अर्चना करें और इसका महत्व क्या है।
नरसिंह जयंती 2023 तिथि, शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 03 मई 2023 को रात्रि 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी, जो 04 मई 2023 को रात्रि 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, नरसिंह जयंती 4 मई 2023, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन शाम के समय भगवान नरसिंह व विष्णु की पूजा अर्चना होती है। पूजा काल के लिए शुभ समय शाम 04 बजकर 18 मिनट से शाम 06 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। वहीं, नरसिंह जयंती व्रत का पारण अगले दिन यानी 5 मई को सुबह 05 बजकर 38 मिनट के बाद किया जाएगा।
नरसिंह जयंती 2023 पूजा विधि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नरसिंह जयंती पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। फिर पूजा की एक चौकी तैयार करें और उस पर भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद विधि विधान से श्रीहरि व मां लक्ष्मी की पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें। पूजा में भगवान नरसिंह को लाल वस्त्र में नारियल लपेटकर चरणों में अर्पित करें। इसके अलावा मिठाई, फल, केसर, फूल और कुमकुम जरूर अर्पित करें। इससे भगवान प्रसन्न होकर आप पर कृपा बरसाएंगे। अंत में नरसिंह स्तोत्र का पाठ कर आरती के साथ पूजा संपन्न करें। इससे जीवन में सुख—शांति बनी रहती है और आनंद की प्राप्ति होती है।
नरसिंह जयंती 2023 महत्त्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब धरती पर दैत्यराज हिरणकश्यप का अत्याचार बढ़ गया था, तब भगवान विष्णु ने नरसिंह के रूप में अवतार लिया था और हिरणकश्यप का वध किया था। भक्त प्रहलाद को भी भगवान नरसिंह की भक्ति से ही बैकुंठ धाम की प्राप्ति हुई थी। मान्यता है कि भगवान नरसिंह की पूजा अर्चना करने से शारीरिक व मानसिक कष्ट दूर होते हैं। इनकी उपासना करने से जीवन में आ रही परेशानियां भी खत्म हो जाती है।
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