What to Do When Mobile is Lost
What to Do When Mobile is Lost

What to Do When Mobile is Lost: आजकल मोबाइल फोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है, और इसके खो जाने पर हमारे लिए यह एक बड़ी चिंता का कारण बन सकता है। अगर आपका फोन खो जाए या चोरी हो जाए, तो आपके व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा और उसे ट्रैक करने के लिए तुरंत कदम उठाना आवश्यक है। भारत सरकार ने नागरिकों को ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए विभिन्न तकनीकी सेवाएं प्रदान की हैं, ताकि हम अपने फोन को ट्रैक कर सकें, उसे ब्लॉक कर सकें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

यहां हम आपको बताएंगे कि यदि आपका फोन खो जाए, तो आपको क्या करना चाहिए ताकि आप इसे रिकवर कर सकें और अपने डाटा को सुरक्षित रख सकें।

रिपोर्ट करें: https://sancharsaathi.gov.in/ पोर्टल पर आप अपने खोए हुए फोन की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

ब्लॉक कराएं: रिपोर्ट करने के बाद आपका फोन हर नेटवर्क ऑपरेटर से ब्लॉक हो जाएगा, जिससे उसे कोई और उपयोग नहीं कर पाएगा।

फोन रिकवरी: यदि आपका फोन ट्रैक होता है, तो पुलिस आपको अलर्ट करेगी और आप फोन को कलेक्ट कर सकते हैं।

यदि आपको अपने फोन का IMEI नंबर पता है, तो इसे पोर्टल पर डालकर ट्रैक कर सकते हैं।

चोरी के फोन की पहचान और उसे रिकवर करने में मदद मिलती है।

पोर्टल के जरिए यह भी जांच सकते हैं कि आपके आधार कार्ड से कितने सिम कार्ड लिंक हैं।

यदि कोई सिम कार्ड आपके द्वारा अधिकृत नहीं है, तो उसे तुरंत ब्लॉक कराएं।

यदि आपने कोई सेकंड हैंड फोन खरीदा है, तो IMEI नंबर से उसकी वैधता और पिछले रिकॉर्ड की जांच करें।

यह सुनिश्चित करें कि फोन चोरी का नहीं है।

यदि कोई इंटरनेशनल नंबर से बार-बार परेशान कर रहा है, तो इसे भी पोर्टल के माध्यम से ब्लॉक करा सकते हैं।

अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराएं।

शिकायत के साथ फोन का IMEI नंबर, खरीद का प्रमाण और अन्य संबंधित दस्तावेज़ शामिल करें।

अपने फोन में हमेशा एक मजबूत पासवर्ड और रिमोट लॉक/डिलीट विकल्प ऑन रखें।

डेटा का बैकअप नियमित रूप से लें।

सरकार ने तकनीकी सेवाओं के माध्यम से नागरिकों को मजबूत साधन प्रदान किए हैं ताकि ऐसी परिस्थितियों में वे खुद को सुरक्षित रख सकें। अधिक जानकारी के लिए https://sancharsaathi.gov.in/ पर जाएं और इन सेवाओं का उपयोग करें।

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...