Meditation Tips from Sadhguru
Meditation Tips from Sadhguru

Meditation Tips From Sadhguru: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में मन को शांत करना एक चुनौती बन गया है। ऐसे में सद्गुरु जैसे आध्यात्मिक गुरुओं की बातें हमें अंदर से मजबूत करने में मदद कर सकती हैं। सद्गुरु का मेडिटेशन के बारे में दृष्टिकोण बेहद सरल, व्यावहारिक और गहराई लिए होता है। अगर आप भी ध्यान शुरू करना चाहते हैं या उसमें गहराई लाना चाहते हैं, तो ये 10 टिप्स आपकी ज़िंदगी को एक नई दिशा दे सकते हैं। आइए जानें सद्गुरु के बताए ध्यान के ऐसे असरदार उपाय जो सच में काम करते हैं।

ध्यान को “करना” नहीं, बस “होने” दें

सद्गुरु कहते हैं कि ध्यान कोई क्रिया नहीं, बल्कि एक अवस्था है। जब आप प्रयास छोड़ देते हैं और खुद को समर्पण में छोड़ते हैं, तब असली ध्यान घटता है। शुरुआत में आपको बस शांत बैठना है – बिना कुछ करने की कोशिश किए।

हर दिन एक ही समय पर बैठें

एक निश्चित समय पर ध्यान करना आपके शरीर और मन को एक लय में लाता है। सद्गुरु के अनुसार, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ध्यान के लिए सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि ये समय प्राकृतिक ऊर्जा के संतुलन का प्रतीक होते हैं।

पीठ सीधी रखें, शरीर ढीला छोड़ें

ध्यान करते वक्त शरीर को ढीला लेकिन रीढ़ की हड्डी सीधी रखना जरूरी है। यह ऊर्जा के सही प्रवाह के लिए आवश्यक है। अगर आपकी रीढ़ झुकी हुई होगी, तो ऊर्जा ऊपर नहीं उठ पाएगी।

श्वास पर ध्यान केंद्रित करें, उसे नियंत्रित नहीं करें

सद्गुरु कहते हैं, “श्वास जीवन का पुल है।” जब आप अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करते हैं – बस उन्हें आते-जाते देखते हैं – तो आपका मन धीरे-धीरे शांत होने लगता है।

ध्यान का मतलब विचारों को रोकना नहीं है

लोग सोचते हैं कि ध्यान का मतलब है ‘कुछ सोचना बंद करना’। लेकिन सद्गुरु समझाते हैं कि जब आप विचारों से लड़ते नहीं, बस उन्हें आते-जाते देखते हैं, तभी ध्यान की असली शुरुआत होती है।

जागरूकता बनाए रखें – यही असली ध्यान है

ध्यान केवल आंखें बंद करके बैठने तक सीमित नहीं है। सद्गुरु कहते हैं, “हर पल जागरूक रहना ध्यान है।” अपने बोलने, चलने, खाने और सोचने तक में सजग रहें – यही साधना है।

भाषा और सोच से परे जाएं

सद्गुरु हमें याद दिलाते हैं कि सच्चा ध्यान तब शुरू होता है जब आप सोच और शब्दों की सीमा पार कर जाते हैं। इसके लिए मौन में बैठना और स्वयं के अनुभव को महसूस करना जरूरी है।

मंत्र या ध्वनि की सहायता लें

ध्यान में ध्वनि (जैसे “आउम्”) या किसी विशेष मंत्र का उपयोग करने से मन को एक बिंदु पर केंद्रित करना आसान हो जाता है। सद्गुरु के अनुसार, ध्वनि ब्रह्मांड की मूल ऊर्जा है, और इसका उपयोग आपको गहरे ध्यान में ले जा सकता है।

प्रकृति के साथ जुड़ें

सद्गुरु अक्सर ध्यान के लिए प्रकृति को सबसे अच्छा स्थान मानते हैं। किसी पेड़ के नीचे बैठना, खुली हवा में ध्यान करना, या धरती पर नंगे पाँव चलना – ये सब आपको ज़्यादा गहराई से जोड़ते हैं।

हर अनुभव को स्वीकार करें, विरोध न करें

ध्यान में जो भी अनुभव हो – बेचैनी, शांति, नींद या विचार – उन्हें विरोध नहीं करना चाहिए। सद्गुरु बताते हैं कि स्वीकार्यता से ही आप धीरे-धीरे अपने भीतर उतर पाते हैं।

मेरा नाम श्वेता गोयल है। मैंने वाणिज्य (Commerce) में स्नातक किया है और पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म से बतौर कंटेंट राइटर जुड़ी हूं। यहां मैं महिलाओं से जुड़े विषयों जैसे गृहस्थ जीवन, फैमिली वेलनेस, किचन से लेकर करियर...