Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि एक ऐसा पवित्र दिन है जब भगवान शिव ने संपूर्ण ब्रह्मांड की रक्षा का वचन दिया था। यह दिन न केवल शिव भक्तों के लिए, बल्कि समस्त मानवता के लिए अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की प्रेरणा देता है। 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन को शिव के आशीर्वाद और दिव्य आत्मा के जागरण के रूप में देखा जाता है।
महाशिवरात्रि: तिथि और समय
महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की 13वीं या 14वीं तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भारतीय पंचांग के अनुसार फरवरी या मार्च में आता है, जो चंद्रमा की स्थिति के आधार पर बदलता है। 2025 में महाशिवरात्रि 26 फरवरी को होगी, जो बुधवार के दिन आएगी।
महाशिवरात्रि का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के अनेकों रूपों का पूजन किया जाता है। सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन से विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे अपने गले में धारण किया और देवताओं की रक्षा की। इस दिन को उसी महाशक्ति के प्रतीक रूप में मनाया जाता है, जो हमें अपने भीतर की अज्ञानता और अंधकार से मुक्ति दिलाने में मदद करती है।

इसके अलावा, महाशिवरात्रि वह दिन भी है जब भगवान शिव ने पार्वती से पुनः मिलन किया था। इसे शिव-पार्वती के मिलन का दिन माना जाता है और इस दिन की विशेष पूजा से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री
महाशिवरात्रि पूजा के लिए आपको इन सामग्री की आवश्यकता होगी:
- बेल पत्र
- गंगाजल
- दूध, दही और शहद
- फूल और फल
- चंदन का पेस्ट
- अगरबत्ती और दीपक
- सफेद कपड़े
- पवित्र धागा (कलावा)
महाशिवरात्रि पूजा विधि
- सबसे पहले अपने शरीर को शुद्ध करें और स्वच्छ सफेद कपड़े पहनें। फिर पूजा के लिए शिवलिंग स्थापित करें।
- पूरे दिन उपवासी रहें। यदि आवश्यक हो, तो पानी, फल या दूध का सेवन करें।
- शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, शहद और पानी से पवित्र स्नान कराएं।
- बेल पत्र, फूल और फल शिवलिंग पर अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करते रहें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाएं और आरती करें, भगवान शिव से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
- पूजा के अंत में ध्यान करें और रात्रि भर जागरण करें, भगवान शिव के गुणों पर चिंतन करें।
भारत के प्रमुख शिव मंदिर और क्षेत्रीय परंपराएं
महाशिवरात्रि का पर्व भारत भर में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। कुछ प्रमुख मंदिरों और उनके अनुष्ठान:
भूतनाथ मंदिर (हिमाचल प्रदेश): हिमाचल के इस मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन विशेष उत्सव आयोजित होते हैं, जिसमें रुद्राभिषेक और जागरण प्रमुख होते हैं।
सिद्धलिंगप्पा मेला (कर्नाटक): कर्नाटका में यह मेला महाशिवरात्रि के दिन आयोजित होता है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त एकत्र होते हैं।
हय्रथ (कश्मीर): कश्मीर में महाशिवरात्रि को ‘हय्रथ’ या ‘वटुक पूजा’ के रूप में मनाते हैं, जिसमें उपहारों का आदान-प्रदान भी एक पारंपरिक हिस्सा है।
कलाहस्तेश्वर मंदिर (आंध्र प्रदेश): यहां हर साल महाशिवरात्रि के दिन विशेष महापूजा का आयोजन होता है।
उमानंदा मंदिर (असम): इस मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर भव्य पूजा आयोजित होती है और भक्तों का रात्रि भर जागरण होता है।
