लाख की चूड़ियां हैं महिलाओं को बेहद पसंद, जानिए कैसे बनती हैं इतनी सुंदर: Lakh Ki Chudiyan
Lakh Ki Chudiyan

जानिए कैसे बनती है खूबसूरत लाख की चू़ड़ियां

महिलाओं के हाथों में सजती लाख की चूड़िया आखिर किस तरह बनती है? कितनी मेहनत लगती उन्हें बनाने में जानते है

Lakh Ki Chudiyan: हाथों में खनकती रंग-बिरंगी चूड़ियां हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचती है। महिलाओं के श्रृंगार का हिस्सा है। बाजारों में दुकानों में सजी कहीं कांच की कहीं मेटल तो कही लाख से बनी चूड़िया बेहद खूबसूरत लगती है। लाख की चूड़िया देखने में थोड़ी अलग होती है। इस पर की गई कारीगरी वाकई कमाल की होती है। जितनी खूबसूरत ये दिखने में लगती है, उतनी मेहनत उसे बनाने में लगती है। जिसे ना सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी काफी पसंद किया जाता है। लाख की चूडियों की पहचान राजस्थान से है जहां कि संस्कृति का वो हिस्सा है। लेकिन क्या आपको पता है कि इन्हें लाख क्यों कहा जाता और यह बनती कैसे है।

जानिए किससे बनी है लाख की चूड़ियां?

Lakh Ki Chudiyan
Making of Lakh Ki Chudiyan

आपको शायद इस बारे में ना पता हो, लेकिन लाख की चूड़ियां कीड़ों की वजह से बनती हैं। जी हां, लोगों को लगता है कि लाख कोई पदार्थ है जो पेड़ से निकलता है, लेकिन ऐसा नहीं है। लाख असल में कीड़ों से निकलने वाला एक पदार्थ है। ये कीड़े बेर, पलाश, पीपल, गूलर, खेर जैसे पेड़ों की टहनियों में पाए जाते हैं और इनकी स्किन से ही लाख बनता है।  

ऐसे बनते हैं कंगन

lakh ki chudiyan
lakh ki chudiyan

कारखानों में लाख के धुलने के बाद दुकानदार इसे खरीदते है और फिर धुली हुई यह लाख सर्वप्रथम पिसवाई जाती है। पिसने के बाद व्यवसायी अपने घर अथवा दुकान पर इसका मसाला बनाता है और इसे मोटी छड़ जैसा आकार देता है। चपड़ी का रंग इस मोटी छड़नुमा लाख पर लगाया जाता है। इतना होने के बाद इसे गर्म करके साँचे में ढाला जाता है। कंगन निर्माण की यह प्रक्रिया सबसे पहले थप्पे से शुरू होती है। फिर इसे चौकोर करने के लिए बनाली का सहारा लिया जाता है। इसके बाद सेल में गोलाकार रूप देकर कंगन पर जयपुर व मुंबई से मँगवाए गए रंगीन नग जड़े जाते हैं।

जितनी मेहनत उतनी चूड़ियों की कीमत

Making of Lakh Bangles

इस प्रोसेस में कारीगर दिन भर लगे रहते हैं और उसके बाद ही ये चूड़ियां मार्केट में जाने के लिए तैयार होती हैं। आपको यूट्यूब में ऐसे कई वीडियोज मिल जाएंगे जिनमें लाख की चूड़ियों को बनाने की प्रक्रिया सामने आएगी। लाख की चूड़ी में जितने ज्यादा नग लगे होंगे और जैसा कॉम्प्लेक्स डिजाइन बनाया गया होगा उन्हें बनाने में उतना ही समय लगेगा और उसकी कीमत भी उसी तरह से बढ़ेगी। 

राजस्थान की हस्तशिल्प कला

राजस्थान के विभिन्न हस्तशिल्प कलाओं में लाख की चूड़ियां दूसरे आभूषणों से बहुत पहले से मौजूद थीं। यह ऐतिहासिक विरासत कला पीढ़ी-दर-पीढ़ी उन व्यापारियों और कारीगरों के हाथों से चली आ रही है जो निर्माण से लेकर बिक्री तक की प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग हैं। इसके विभिन्न रंगों और मेहनत के पीछे एक समृद्ध सांस्कृतिक संदर्भ जुड़ा है। बड़ी बात यह है कि इस विरासत को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने में महिलाओं का विशेष योगदान है। इसलिए ये चूड़ियां महिलाओं के हाथों में सजी बेहद खूबसूरत लगती है। साथ ही आपके श्रृंगार में चार चांद लगा देती है।

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