कहीं आप का पालतू जानवर भी तो नहीं फैला रहा यह बीमारी, जानिए: Pet Spread Disease
Pet Spread Disease

Pet Spread Disease: लेप्टोस्पाइरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों के कारण फैलती है। अगर आप के घर में या आपकी गली में जानवर हैं तो आपको इससे सावधान रहने की जरूरत होती है क्योंकि यह बीमारी जानवरों से इंसानों में भी फैल सकती है। इस बीमारी का कारण लेप्टोस्पेयरा नाम का बैक्टीरिया होता है। अगर आप इस बीमारी से इंफेक्टेड किसी भी जानवर के पेशाब के संपर्क में आते हैं तो आपका इस बीमारी को पकड़ने का रिस्क बहुत ज्यादा होता है। बारिश के मौसम में इस बीमारी का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है। कुछ सावधानी बरत कर आप इसे होने से रोक सकते हैं। आइए जान लेते हैं यह बीमारी किस कारण फैलती है और इसका इलाज क्या है।

बारिश में यह बीमारी ज्यादा फैलती है

जब इस बीमारी से संक्रमित कोई पशु पेशाब कर देता है और वह पानी में मिल जाता है तो उस पानी के कांटेक्ट में आने भर से भी आप इस बीमारी की पकड़ में आ सकते हैं। चूंकि बारिश के मौसम में पानी हर जगह फैला होता है और आप यह पता नहीं लगा पाते हैं कि आपके आस पास भरा हुआ पानी जानवर के मूत्र से संक्रमित है या नहीं इसलिए यह बीमारी बारिश के मासूम के दौरान बहुत ज्यादा फैलती है। इस बीमारी को भारत में भी देखा जा सकता है और हर साल 5 हजार केस भारत में इस बीमारी की वजह से देखे जाते हैं।

क्यों फैलती है यह बीमारी

यह बीमारी लेप्टोस्पेयर नाम के बैक्टीरिया की देन है। जानवर इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं और बाद में जानवरों से ही यह बीमारी मानवों में फैलती है। यह केवल कुत्ते, बिल्लियों में ही नहीं बल्कि भैंस, चूहे, गिलहरी, भेड़, बकरी, सुअर आदि के कारण भी फैल सकती है इसलिए इन सभी पशुओं के संपर्क में आने से पहले ध्यान रखें।

जानें इस बीमारी के लक्षण

  • अगर आप इस बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं तो आपको काफी तेज बुखार देखने को मिल सकता है।
  • इसके अलावा आपको बहुत तेज ठंडे लगने लगती है और आप का सिर भी दर्द करने लगता है।
  • आपकी पिंडलियों और पैरों के नीचे के हिस्से की मसल्स में दर्द होने लगता है।
  • आपको उल्टियां आने लगती हैं और जी मिचलाने लगता है।
  • अगर आप को बहरापन महसूस होने लगा है या दिमाग में बुखार चढ़ गया है तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि यह गंभीर समस्या है। इसके अलावा सांस आने में दिक्कत होना और बहुत ज्यादा थकान होना भी इसके लक्षणों में शामिल है।

इस तरह करें अपना बचाव

  • इस बीमारी से बचने के लिए जानवरों के पास जाने से पहले और खास कर बारिश के मौसम में आपको पूरे कपड़े पहनने चाहिए, मास्क और चश्मे का प्रयोग भी करना चाहिए।
  • इस समय आपको तालाबों और नदियों जैसे पानी के स्रोतों से दूर रहना चाहिए।
  • जिस पानी तक जानवर पहुंच सकते हैं उसमें डुबकी लगाने से भी बचें।
  • हमेशा नहाने के लिए साफ पानी का ही प्रयोग करें।
  • बीमार या मरे हुए जानवरों को न छुएं।

इलाज

इसके इलाज में बहुत तेज एंटी बायोटिक का प्रयोग करना और डायलिसिस जैसे तरीके शामिल होते हैं। अधिक सीरियस केस में ही डायलिसिस का प्रयोग किया जाता है। इसलिए आपको डॉक्टर के पास जा कर सलाह लेनी चाहिए।

तो इस बीमारी से जुड़ी यह जानकारी आपको जरूर जान लेनी चाहिए। बचाव के टिप्स का पालन करें और लक्षण दिखते ही डॉक्टर के पास जरूर जाएं।