पूजा में क्यों रखा जाता है कलश, जानिए इसका महत्व: Kalash Pujan
Kalash Pujan

पूजा में क्यों रखा जाता है कलश

ऐसा माना जाता है कि कलश के मुख पर भगवान विष्णु,कंठ में भगवान शिव और मूल में ब्रह्मा जी का स्थान होता है।

Kalash Pujan: हिन्दू धर्म में कलश को पवित्र और मंगल का प्रतीक माना जाता है। हिन्दू धर्म में पूजा में कलश को स्थापित करने का महत्व ये है कि इसको त्रिदेव और माता के रूप में माना गया है।हिन्दू धर्म में कलश में सभी देवी देवताओं का वास माना जाता है। कोई भी पूजा हो और नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है क्योंकि कलश को सभी तीर्थ के देवी देवताओं का प्रतीक मानकर स्थापित किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि कलश के मुख पर भगवान विष्णु, कंठ में भगवान शिव और मूल में ब्रह्मा जी का स्थान होता है। इसलिए हिन्दू धर्म के धार्मिक रीति रिवाजों में कलश की स्थापना होती है, लेकिन घर में कलश यूं ही स्थापित नहीं किया जा सकता बल्कि किसी खास प्रयोजन से और वैदिक मंत्रोचार के द्वारा ही इसकी स्थापना शुभ फल देती है। इसलिए पूजा में कलश क्यों रखा जाता है, कैसे रखा जाता है और इसके बाद कलश का क्या किया जाता है। उसको जानना बहुत जरूरी है ताकि हमें कलश पूजा से शुभ फल प्राप्त हों।

कलश का धार्मिक महत्व

Kalash Pujan
Importance of Puja kalash

कलश स्थापना भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के नाभि से संसार की उत्पत्ति हुई है।पौराणिक कथाओं में समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश प्राप्त हुआ था और लक्ष्मी जी भी हाथ में सोने का कलश लिए हुए अवतरित हुई थी।माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी माना जाता है।माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी है।कलश सुख समृद्धि का प्रतीक होता है।इसलिए किसी भी पूजा सत्यनारायण पूजा,नवरात्रि पूजा में कलश रखना अनिवार्य होता है।

कलश का वैज्ञानिक महत्व 

Scientific importance of kalash
Scientific importance of kalash

धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ कलश का वैज्ञानिक महत्व भी है। कलश हमेशा सोने,चांदी,तांबे या मिट्टी का ही होता है। पूजा में लोहे का कलश नहीं रखना चाहिए। कलश में हमेशा जल भरकर किसी पूजा की शुरुआत होती है। इसका मतलब है जल के बिना जीवन संभव नहीं है। कलश में जल डालकर हम उसके प्रति अपना सम्मान दिखाते हैं।क्यूंकि जल ही जीवन है क्योंकि हमारी धरती के 71% हिस्से में जल है। कलश में जल भरकर पूजा कर के हम जल के प्रति आभार प्रकट करते हैं।

कलश रखने की विधि

kalash
Rules about kalash

कलश रखने से पहले मिट्टी की वेदी बनाकर अष्टदल बनाया जाता है फिर उसपर कलश रखा जाता है।कलश पर स्वास्तिक बनाकर कलश के अंदर जल, पान, सुपारी, फूल, अक्षत, रोली, हल्दी, कुमकुम, लौंग, इलायची, सिक्का, चंदन, दूर्वा रखा जाता है। कलश के ऊपर आम का पल्लव रखकर उसके ऊपर जौ या गेहूं की बाली रखकर उसके ऊपर लाल कपड़े में नारियल रखा जाता है।

कलश पूजा करने के लाभ

Benifits of kalash puja
Benifits of kalash puja

कलश पर नारियल रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है और घर से बीमारी भी दूर होती है।कलश के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

कलश रखने से कर्ज से मुक्ति मिलती है और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है जिससे व्यक्ति को धन धान्य की कमी नहीं होती।

पूजा में कलश रखने से व्यक्ति को पूजा का सम्पूर्ण फल मिलता है। इसलिए पूजा में कलश रखना शुभ होता है।