Isha Ambani : जियो को भारत में 21वीं सदी की सबसे बड़ी सफलता माना जाता है। जिस तरह से यूएसए में अचानक से फेसबुक ने गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के बीच में अपना परचम लहराया था उसी तरह से जियो ने भारत के दूरसंचार मार्केट में आकर अचानक से सारे पुराने कम्पीटिटर को धूल चटाते हुए सफलता के झंडे गाड़ दिए। जियो की एक सफलता ने रिलायंस के हजारों रुपये के कर्जे को निपटा दिया और मुकेश अंबानी को भारत का सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो Q4 FY21 के अंत तक, Reliance Jio 31 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के सकल जोड़ के साथ 426 मिलियन के ग्राहक आधार तक पहुंच गया।
वोडाफोन गई बिखर
जियो की सफलता ने भारत में कई बड़ी दूरसंचार कंपनियों के पैरों के नीचे से जमीन खिसका दी जिसमें एयरटेल और वोडाफोन ने सबसे ज्यादा नुकसान झेला। जियो के आने से सबसे अधिक उपभोक्ताओं की संख्या का टैग एयरटेल से खिसककर जियो के पास चला गया। वहीं वोडाफोन और आइडिया को तो अपनी वैल्यू बचाने के लिए एक साथ आना पड़ा। यह डील भी उनके लिए कम ही साबित हुई और अब इसने भारत सरकार से एक डील साइन की है। यह डील लगभग फाइनल हो चुकी है और जल्द ही सभी पक्षों के साइन करने के बाद लागू भी हो जाएगी। इस डील के लागू होने के बाद भारत सरकार वोडाफोन के 35.8 %शेयर की मालिक होगी। मतलब की वोडाफोन का सबसे ज्यादा मालिकाना हक भारत सरकार के पास होगा। तो एक जियो के आने से विदेशी वोडाफोन को भारत सरकार से मदद लेनी पड़ी।

जियो है, ईशा अंबानी का आइडिया
वर्तमान में जियो के कुल उपभोक्ताओं की संख्या 44.32 करोड़ से अधिक है क्योंकि यह आंकड़ें जुलाई 2021 तक के हैं। जियो की सफलता के चर्चे आज भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में होते हैं और अन्य देशों की आम जनता की जलन का कारण भी बनता है। क्योंकि नेपाल हो या सिंगापुर, अन्य देशों में इंटरनेट एक्सीसिबिलटी चार्ज काफी अधिक है। जबकि भारत में यह 5 रुपये प्रति जीबी है। यह हमेशा से नहीं था। एक समय ऐसा था कि भारत में प्रति जीबी डेटा 200 रुपये से अधिक था वह भी पूरे महीने के लिए लेकिन अब यह प्रति दिन के अनुसार मिलता है। और इन सबका कारण केवल एक है- जियो।
लेकिन क्या आपको मालूम है कि जियो का आइडिया आया कहां से था?
यह आइडिया मुकेश अंबानी की बेटी और भारत की सबसे कम उम्र की महिला अरबपति ईशा अंबानी के दिमाग की उपज है।
बड़ी-बड़ी दूरसंचार कंपनियों की खटिया खड़ी करने वाले जियो का आइडिया एक लड़की ने दिया था। इसलिए कहा जाता है कि लड़कियों को केवल एक मौका देने की जरूरत है इतिहास अपने आप बन जाता है।
एक आयोजन में मुकेश अंबानी ने कही यह बात
जियो के आइडिया के पीछे की कहानी पर से पर्दा हाल ही में मुकेश अंबानी ने एक आयोजन में उठाया था। जब अंबानी फाइनेंशियल टाइम्य आर्सेलरमित्तल बोल्डनेस इन बिजनेस पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने जियो के बनने की कहानी सुनाई और इसका सारा श्रेय अपनी बेटी ईशा को दिया। उन्होंने कहा जियो का आइडिया ईशा के दिमाग में सबसे पहले आया था।
आज हम इस लेख में इस बात पर चर्चा करेंगे की कैसे ईशा को जियो का आइडिया आया? इन सालों में जियो कैसे बढ़ी? टेलीकॉम इंडस्ट्री पर जियो का क्या असर पड़ा?

कॉलेज का कोर्स वर्क समिट करने के दौरान आया आइडिया
यह 2011 की बात है। उस समय ईशा अंबानी अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती थी और छुट्टियों में कुछ दिनों के लिए घर आई हुई थी। घर में रहने के दौरान उसे यूनिवर्सिटी के कुछ कोर्स वर्क पूरे करने थे। जब कोर्स वर्क सबमिट करने के लिए उसे इंटरनेट यूज़ करना चाहा तो वह कुछ समय में ही स्लो इंटरनेट की परेशानी का सामना करने लगी। ऐसे में उन्होंने अपने पापा से कहा- ‘पापा, हमारे घर का इंटरनेट कितना बेकार है। ऐसे तो मैं क्या, पूरा देश पीछे रह जाएगा’।
इससे पहले मुकेश अंबानी को उनके बेटे आकाश ने भी स्लो इंटरनेट के बारे में कहा था। तब आकाश और ईशा ने उन्हें इस बात के लिए आश्वस्त किया कि इंटरनेट के बढ़ते दायरे को भारत के लोग नकार नहीं सकते। इसके बाद उन्होंने कहा कहा, यह भारत में 4जी लॉन्च करने का सही समय है और फिर उसके बाद 5जी। फिर उसके बाद जियो ने इतिहास बना दिया। घर-घर में जियो के ग्राहक उपस्थित हो गए और जियो ने मार्केट में आते ही सभी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ दिया।
जियो का सफर
2015 में जियो ने अपनी 4जी सर्विसेस के बारे में खुलासा किया। इस सर्विस को शुरुआत में केवल रिलायंस इंडस्ट्री के कर्मचारियों के लिए ही शुरू किया गया था।
फिर कर्मचारियों के बीच जियो के रेस्पॉन्स को देखकर उन्होंने पूरे देश में जियो को लॉन्च करने का ब्लू प्रिंट तैयार किया और 5 सितंबर 2016 को पूरे देश में 4जी सर्विस को शुरू कर दिया। शुरुआत में सभी को जियो की सिम फ्री में दी गई और इसमें 4जीबी डेटा रोजाना तीन महीने तक के लिए फ्री दिया गया। साथ ही फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 100 मैसेज रोजाना की सुविधा भी कंपनी ने यूजर्स को दी। इन सारे प्लान्स के कारण जियो के ग्राहक पूरे देश में अचानक से बढ़ गए और लगभग हर तीसरे व्यक्ति के पास जियो की सिम थी।

4 साल के अंदर जियो बन गई देश की सबसे बड़ी कंपनी
रिलायंस के मुताबिक, जियो की लॉन्चिंग के 83 दिन के अंदर ही जियो के ग्राहकों की संख्या 5 करोड़ हो गई थी। दिसंबर 2016 तक कंपनी के पास 7 करोड़ यूजर्स थे जो कि 2017 तक 13 करोड़ तक पहुंच गए। जियो इस देश की पहली कंपनी है जिसने केवल 4 सालों में देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बनने का गौरव प्राप्त किया।
जियो के आने के बाद देश में 12 में से केवल 5 टेलीकॉम कंपनियां ही बचीं
यह जियो की सफलता ही है कि उसके आने के बाद देश में केवल 5 टेलीकॉम कंपनियां ही बची हैं। दरअसल जियो जब देश में लॉन्च हुई तो उस समय देश में 12 टेलीकॉम कंपनियां थीं। वर्तमान में 5 ही टेलीकॉम कंपनियां बचीं हैं। इनमें भी दो बीएसएनएल और एमटीएनएल सरकारी हैं। अन्य दो कंपनियां एयरटेल व वोडाफोन हैं।
तो ईशा की एक परेशानी के बाद आज देश की अन्य टेलीकॉम कंपनियां परेशानी में आ गई हैं। अब अन्य टेलीकॉम कंपनियां सोच रही होंगी कि काश ईशा को 2011 में स्लो इंटरनेट की समस्या नहीं हुई होती। इसलिए कहा गया है-
आवश्यकता ही जननी है।
