Jyoti Nainwal: कई बार महिलाएं कुछ ऐसा कर जाती हैं जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होता है और यहीं से उसके विशेष बनने की कहानी शुरू होती है। कुछ ऐसी ही कहानी है ज्योति नैनीवाल की। सामान्य तौर पर कम उम्र में किसी भी महिला के पति के गुजर जाने के बाद उसकी जिंदगी बिखरी हुई मानी जाती है। लेकिन ज्योति नैनीवाल ने अपनी जिंदगी को बिखरने नहीं दिया और ना ही अपने पति की मौत के बाद आंसू बहाए। उसने अपने पति को श्रद्धांजली देने के लिए आर्मी की परीक्षा देने का फैसला किया।
हाल ही में ज्योति ने चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी से अधिकारी के रूप में स्नातक किया है और lieutenant बन गई हैं। इनकी इस उपलब्धि पर इनके घर वालों के साथ पर देश भी गर्व कर रहा है।
करना चाहती है पति का सपना पूरा
ज्योति अपने पति का सपना पूरा करना चाहती है। इनके पति का सपना देश की सेवा करनी थी। अब यही सपना ज्योति का भी है। इसलिए इन्होंने आर्मी की यह परीक्षा पास की।
कौन थे शहीद दीपक नैनवाल
यह साल 2018 का समय था। जम्मू और कश्मीर में ऑपरेशन ‘रक्षक’ चल रहा था। उस ऑपरेशन में ही 11 अप्रैल 2018 को आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई जिसमें अधिकारी दीपक नैनवाल (Deepak Nainiwal) गंभीर रुप से क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ दिनों के बाद शहीद। यहीं इनकी पत्नी, ज्योति नैनवाल की जिंदगी बिखर गई। गोद में दो बच्चे थे।
लेकिन ज्योति ने अपने और अपने पति के नाम (ज्योति और दीपक) का नाम का मान रखते हुए देश की सेवा कर अपने पति को गौरवपूर्ण श्रद्धांजलि देने का फैसला किया। ठीक तीन साल बाद नवम्बर 2021 को, ज्योति ने अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (चेन्नई) से एक अधिकारी के रूप में स्नातक कर अपने वादे को पूरा किया।
तीन साल पहले हुई मुठभेड़ में ज्योति के पति काफी गंभीर हालत में क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिसके कारण वे 40 दिनों तक बिस्तर पर पड़े रहे और फिर दुनिया को छोड़ कर चले गए। दीपक के गुजरने के बाद ना उनके परिवार को और ना ही खुद ज्योति को पता था कि उनका भविष्य क्या होगा?
माँ ने दी सलाह
पति के गुजरने से पहले ज्योति केवल एक हाउसवाइफ थी। लेकिन पति के शहीद होने के बाद उन पर उनके बच्चों की भी जिम्मेदारी थी। ऐसे में इन्हें इनकी मां ने सलाह दी- “तुम्हारा जीवन अब से तुम्हारे बच्चों के लिए एक उपहार होना चाहिए। वे तुम्हारा अनुकरण करेंगे। यह तुम पर निर्भर करता है कि तुम अपने जीवन को कैसे चलाना चाहती हो।”
इस एक सलाह ने ज्योति को कुछ करने के लिए प्रेरित किया और इन्होंने अपने पति की ही तरह देश की सेवा करने का रास्ता चुना। लेकिन सेना में शामिल होने की चयन प्रक्रिया के बारे में भी कुछ भी मालूम नहीं था। लेकिन इन्हें फोर्स में शामिल होना था और इनकी इसी ललक को देखते हुए, दीपक की मूल कंपनी ‘1 महार रेजिमेंट’ के ब्रिगेडियर चीमा और कर्नल एमपी सिंह ने इनके गुरु की भुमिका निभाई।
ज्योति (Army Officer Jyoti Nainwal) ने एक इंटरव्यू में बताया, “मैं महार रेजिमेंट को धन्यवाद देना चाहूंगी। वे हर समय हमारे साथ खड़े रहे और आज मैं जो कुछ भी हूं, वह रेजिमेंट की वजह से ही हूं।”
#WATCH | Newly commissioned Indian Army Officer Jyoti Nainwal, mother of 2 children is the wife of Naik Deepak Nainwal, who died after being shot while serving our nation in Indian Army operations in J&K in 2018.
— ANI (@ANI) November 20, 2021
(Source: PIB Tamil Nadu) pic.twitter.com/5hlrmGyAtV
बच्चे भी वर्दी में आए नज़र
ज्योति ने दीपक की शहादत के तुरंत बाद, सशस्त्र बल अधिकारी कैडर के प्रवेश के लिए होने वाली‘सेवा चयन बोर्ड परीक्षा’ की तैयारी शुरू कर दी। परीक्षा पास करने के बाद इन्होंने चेन्नई में 11 महीने का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। अब उन्हें लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात किया गया है। ज्योति की जिस दिन नियुक्ति हुई उस दिन इनके बच्चे भी वर्दी में नजर आए।
तो ये थी एक शहीद की पत्नी की तरफ से अपने पति को श्रद्धांजली।