Summary: मौसम बदले, सफाई न बदले
बदलते मौसम में कपड़ों और बिस्तरों में नमी, धूल और कीटाणु तेज़ी से पनपते हैं, जो एलर्जी और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। नियमित धुलाई, धूप, सही स्टोरेज और एंटी-बैक्टीरियल डिटर्जेंट अपनाकर घर को साफ, सुरक्षित और सेहतमंद बनाए रखा जा सकता है।
Clothes and Bedding Germ Free: मौसम का बदलाव हमारे जीवन में कई तरह के परिवर्तन लेकर आता है। कभी नमी बढ़ जाती है, तो कभी ठंड या गर्मी अचानक असर दिखाने लगती है। इस बदलते वातावरण का सीधा असर घर की साफ़-सफाई पर पड़ता है, खासकर कपड़ों और बिस्तरों पर। यही वे चीज़ें हैं जो हमारी त्वचा के सबसे ज़्यादा संपर्क में रहती हैं। अगर इनमें कीटाणु, फंगस या बैक्टीरिया पनप जाएँ, तो एलर्जी, खुजली, सांस की दिक्कत और बार-बार बीमार पड़ने की समस्या हो सकती है। अक्सर हम साफ दिखने वाले कपड़ों को सुरक्षित मान लेते हैं, जबकि असल में उनमें कीटाणु
छिपे होते हैं। इसलिए बदलते मौसम में कपड़ों और बिस्तरों को कीटाणु-रहित रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है।
नियमित धुलाई

मौसम बदलते समय कपड़ों और बिस्तर में पसीना, धूल और नमी जल्दी जमा हो जाती है। बेडशीट, तकिए के कवर और रोज़ पहनने वाले कपड़ों को हफ्ते में कम से कम एक बार धोना चाहिए। इससे कीटाणुओं को पनपने का मौका नहीं मिलता और कपड़े लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं।
धूप का भरपूर उपयोग
धूप एक प्राकृतिक कीटाणुनाशक है। धुले हुए कपड़े, चादरें और तकिए के कवर को तेज धूप में सुखाने से बैक्टीरिया और फंगस अपने आप नष्ट हो जाते हैं। खासकर बारिश या सर्दियों के बाद धूप में कपडे और बिस्तर सुखाना और भी ज़रूरी हो जाता है।
गर्म पानी से धुलाई
जहाँ संभव हो सके, वहाँ कपड़ों और बिस्तरों को गुनगुने या गर्म पानी में धोना चाहिए। यह तरीका कीटाणुओं को खत्म करने में ज़्यादा असरदार होता है। बच्चों और बुज़ुर्गों के कपड़ों के लिए यह उपाय खासतौर पर लाभदायक है।
पूरी तरह सुखाना
आधे सूखे कपड़े अलमारी में रखने से उनमें बदबू, फंगस और बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इसलिए इस बात का बेहद ख़ास ख्याल रखें कि कपड़े पूरी तरह सूख चुके हों। अगर मौसम में नमी हो तो पंखे या ड्रायर की मदद लें।
स्टोरेज की सफाई
सिर्फ कपड़े धोना ही काफी नहीं है, बल्कि अलमारी की सफाई भी उतनी ही ज़रूरी है। मौसम बदलते समय अलमारी को खाली करके साफ करें। नीम की सूखी पत्तियाँ, कपूर या लैवेंडर पाउच रखने से कीटाणु और कीड़े दूर रहते हैं।
कपड़े जमा न करें

मौसम बदलते समय पुराने और कम इस्तेमाल होने वाले कपड़ों को तुरंत अलग कर दें। ज्यादा भरी अलमारी में हवा का आना-जाना कम होता है, जिससे नमी और कीटाणु बढ़ते हैं। इसलिए अलमारी में कपड़ों की भीड़भाड़ ना जमा करें।
गद्दे और तकिये
गद्दे और तकिये धूल, पसीने और डेड स्किन का घर बन जाते हैं। इन्हें समय-समय पर धूप दिखाएँ और वैक्यूम क्लीनर से साफ करें। तकियों के कवर समय-समय पर बदलते रहना भी बहुत ज़रूरी है।
खुशबू और ताजग़ी में अंतर
कई लोग कपड़ों की बदबू छिपाने के लिए फ्रेशनर या परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इससे कीटाणु खत्म नहीं होते। असली समाधान है गहरी और नियमित सफाई। साफ कपड़े ही सच्ची ताज़गी देते हैं।
एंटी बैक्टीरियल डिटर्जेंट
सामान्य डिटर्जेंट की जगह समय-समय पर एंटी-बैक्टीरियल डिटर्जेंट का इस्तेमाल करना कपड़ों की बेहतर सफाई के लिए ज़रूरी होता है। ऐसे डिटर्जेंट कपड़ों में छिपे बैक्टीरिया, फंगस और कीटाणुओं को गहराई से हटाने में मदद करते हैं, जो साधारण धुलाई से पूरी तरह खत्म नहीं हो पाते।
