अनिल ने नई कार खरीदी थी। पहली बार हाइवे पर चलायी और बदकिस्मती से दुर्घटना हो गई। कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और अनिल का एक हाथ जाता रहा। कार का इन्शोरेन्स था तो पैसे मिल गए पर अनिल के इलाज में लाखों रूपये खर्च हो गए और काम का हर्जा हुआ सो अलग ।

अच्छा होता यदि कार के इन्शोरेन्स के साथ अनिल ने अपना भी दुर्घटना बीमा करा लिया होता। अक्सर हम इनकम टैक्स परपज से या इन्वेस्टमेन्ट के लिहाज से लाइफ इन्शोरेन्स तो करवा लेते है पर दुर्घटना बीमा करवाने का या तो पता नही होता या ध्यान नही रहता ।

दुर्घटना का मतलब:- अचानक हुइ्र्र एक ऐसी घटना जिससे व्यक्ति के शरीर को हानि पहुँचे या जान का खतरा हो जाए।

दुर्घटना बीमा क्या हैः–  दुर्घटना की स्थिती में व्यक्ति का वित्तीय बीमा।

दुर्घटना बीमा में क्या नही हैः मानसिक या भावनात्मक तकलीफें या बीमारियाँ,अवसाद,आत्महत्या,लडाई युद्ध अथवा दंगे की परिस्थिती ।

कौन करवा सकता हैः 18 वर्ष से 65 वर्ष तक की उम्र के स्त्री -पुरूष । कई कम्पनियाँ इसमें वृद्ध माता-पिता व बच्चों को भी शामिल करती है।

कितने अमाउन्ट तक की बीमा हो सकती हैः–  1 लाख से लेकर पन्द्रह लाख तक का दुर्घटना बीमा सामान्यतः करवाया जा सकता है।

क्या रिस्क कवर होते हैः   एक्सीडेन्ट ,जलना,टूटी हड्डियां ,एक्सीडेन्टल डेथ या परमानेन्ट डिसएबीलिटी,हास्पीटल का खर्चा और एम्बूलेन्स कास्ॅट का रिएम्बरस्मेन्ट आदि

दुर्घटना बीमा के फीचरः

सालाना कान्टेªक्ट:- दुर्घटना बीमा अन्य किसी भी बीमा की तरह सालाना किया जाता है।

अधिकतम इन्शोरेन्स:- आपकी तनख्वाह या कमाई के आठ या दस गुणे के बराबर रकम का इन्षोरेन्स आप करवा सकते है।

ंनान वर्किग फैमिली मेम्बर्सः उनका भी कमाने वाले सदस्य के आधार पर बीमा किया जाता है पर उनका  बीमा की रकम या प्रतिशत कम होता है।

भारत  के बाहर रहने वालेः एन आर आई भी  इस पालिसी का फायदा ले सकते है। कई कम्पनियाँ गैर आवासीय लोगों को भी सुविधा मुहैया कराती है।

डिस्काउन्टः कई कम्पनियों में अधिक सदस्यों का बीमा कराने पर अथवा आॅन लाईन स्कीम लेने पर डिस्काउन्ट का प्रावधान है।

अदर बेनेफिटस:- अतिरिक्त प्रीमीयम अदा करने पर कम्पनियों द्वारा एम्बूलेन्स चार्ज,मेडिकल एक्सपेन्स ,फैमिली ट्रंासपोरटेशन, इम्र्पोटेड दवाइयां आदि के पैसे भी भरे जाते है।

क्यूमलेटिव बोनसः नो क्लेम की स्थिती में हर कम्पनी अलग तरह से बोनस देती है। या तो सम इन्शोरड़ की राशि बढ़ा दी जाती है या फिर एक निश्चित अमाउन्ट का रिएम्बरसमेन्ट होता है।

कम्पनियाँ जो दुर्घटना बीमा करती हैः टाटा ए.आई.जी एक्सीडेन्ट गार्ड, नैशनल इन्शोरेन्स ,स्टारहैल्थएक्सीडेन्ट,, फ्यूचर जेनेराल एक्सीडेन्ट सुरक्षा, बजाजएलियाॅस, रिलाएन्स पर्सनल एक्सीडेन्ट पालिसी, अपोलो म्यूनिच इत्यादि

बीमा पालिसी आपको क्या क्या देती हैः  मृत्युः की स्थिती में नामिनी को शत प्रतिशत पैसा।

परमानेन्ट टोटल डिसेबलमेन्ट:- कई बार हाथ -पैर कटने ,आँख फूटने या बहरे अथवा गूंगे हो जाने की स्थिती में शत -प्रतिशत पैसा (सम एश्यारेड) व्यक्ति को देती है। कुछ कम्पनियाँ 125 प्रतिशत या 110 प्रतिशत तक राशि देेती है।

परमानेन्ट पारशियल डिसेबलमेन्टः व्यक्ति के शरीर का छोटा सा अंग जैसे हाथ अथवा अगुंली भंग होने की स्थिती में कम्पनी अपने मापदण्डो के हिसाब से रिफण्ड करती है।

टेम्पररी टोटल डिसएबलमेन्ट:- दुर्घटना की स्थिती में यदि व्यक्ति काम पर नही जा पा रहा है अथवा उसको बिजनैस में लाॅस हो रहा है तो बीमित रकम का कुछ प्रतिशत वीकली इनकम बेनेफिट के नाते मिलता है।

हास्पिटलाइजेशनःदुर्घटना के कारण यदि अस्पताल में भर्ती हुए हो तो भुगतान देय है परन्तु यह पालिसी में पूर्व में वर्णित होना चाहिए।

एज्यूकेशन ग्रान्टः– कुछ कम्पनियाँ दुर्घटना में एक मात्र कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु की स्थिती में आश्रित बच्चों के दस हजार रूपये तक की रकम मुहैया कराती है।

जनता दुर्घटना बीमा:- सबसे सस्ती दुघर्टना बीमा। बीमित राषि एक लाख  सालाना प्रीमीयम साठ रूपये

स्ुारक्षाः  दुर्घटना में यदि व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो शत-प्रतिशत रिएम्र्बसमेन्ट । अधिकतर समूह में अथवा संस्थानों मे की जाती है।

क्या ध्यान रखेंः पालिसी अवश्य लें । पालिसी लेते वक्त अपनी इन्कम ,उम्र एवं पेशे का ध्यान रखें। घर के नान वर्किग मेम्बर्स की भ्ंाी पालिसी आप करवा लें। नाॅमिनी स्पष्ट रूप से अवष्य भरें।  पाॅलिसी का प्रीमीयम टाईम पर भरें अन्यथा वो लैप्स हो सकती है और आप उसके फायदो से वंचित हो जायेंगें ।

 दुर्घटना बीमा आज की परम आवष्यकता है। बढती दुर्घटनाओं के क्रम में लाइफ इन्श्योनेन्स के साथ आपने यदि दुर्घटना बीमा भ्ंाी करवाया है तो आप का भविष्य संवर सकता है।