दर्पण या आइना हमें हमारे व्यक्तित्व की झलक दिखाता है। सजना संवरना हर मनुष्य की सामान्य प्रवृति है। आइने के बिना अच्छे से सजने-संवरने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। दिन में कई बार हम खुद को आइने में देखते हैं। इसी कारण आइना ऐसी जगह लगाया जाता है जहां से हम आसानी से खुद को देख सके। अपने घर में आईना लगाने से पहले दिशा का विशेष ख्याल रखें। अगर आप अपने घर में पॉजीटिव एनर्जी चाहते हैं, तो आईने को हमेशा पूर्व और उत्तर वाली दीवारों पर ही लगाएं। वास्तु के अनुसार, घर में आईना लगाने से जीवन में धन लाभ और उन्नति का अवसर प्राप्त होता है। आइना कहां लगाना चाहिए और कौन सी दिशाएं वास्तु के हिसाब से ऐसी है, जहां पर आईना लगाना शुभ है। आइए जानते हैं।
ड्राइंग.रूम में लगाएं शीशा
वास्तु के अनुसार ड्राइंग.रूम में शीशा हमेशा खाने की टेबल के सामने होना चाहिए। चौकोर या आयताकार आकर का शीशा सबसे अच्छा होता है। ध्यान रखे हमेशा शीशे की लम्बाई 4.5 फ़ीट तक होनी चाहिए।
बेडरूम में आईना न लगाएं
वास्तु के मुताबिक, आईना कभी भी बेडरूम में नहीं लगाना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो पति-पत्नी के बीच अनबन बनी रहती है और आपसी मतभेद भी दिनों दिन बढ़ते जाते है। अगर बेडरूम में आईना लगाना जरूरी है और आपके पास जगह की समस्या है, तो सोते वक्त शीशे पर किसी प्रकार का कपड़ा डाल दें। ऐसा करने से आपको ऊठते ही आपका प्रतिबिंब नजर नहीं आएगा, जो आपको दुविधाओं से दूर भी करेगा।
प्रवेश मार्ग पर शीशा लगाने से बचें
ज्यादातर लोगों के घरों में प्रवेश द्वार पर शीशा लगा हुआ नज़र आता है। सजावट के हिसाब से लोग कई बार मिरर का भी खूब इस्तेमाल करते हैं। मगर वास्तु के लिहाज से घर के प्रवेश मार्ग पर शीशा नहीं लगाना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर चली जाती है।
संकुचित जगह पर दर्पण देगा चमत्कारी प्रभाव
कई बार बड़े कमरों यां आंगन की बजाय भवन में छोटी और संकुचित जगह पर लगा दर्पण आपकी जिंदगी बदल सकता है। वास्तु के हिसाब से देखा जाए तो, घर में छोटी यां संकुचित जगह पर लगाया गया आईना आपके आने वाले जीवन में चमत्कारी प्रभाव पैदा कर सकता है।
दर्पण को रखें साफ सुथरा
दर्पण पर धूल मिट्टी नहीं जमने दें और यह भी ध्यान रखें कि आपके घर में बेसमेंट है या नैऋत्य कोण यानी दक्षिण पश्चिम में टॉयलेट-बाथरूम है तो पूर्वी दीवार पर एक वर्गाकार दर्पण लगाएं इससे वास्तु दोष दूर होगा। शीशे के सामने कोई शुभ चीज रखी या झलकनी चाहिये, इससे आपके घर में खुशहाली निवास करेगी।
जुड़ी हुई दीवारों पर न टांगे दर्पण
दो जुड़ी हुई ऐसी दीवारें जो बांध की तरह एक दूसरे को जोड़ने का काम करती प्रतीत हों, पर भी कभी दर्पण नहीं लगाना चाहिए। दो दीवारों के बीच शीशा लगाना फेंगशुई के मुताबिक अशुभ माना जाता है।
दक्षिण पूर्व दिशा
घर पर दक्षिण पूर्व दिशा में शीशा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि अग्नि की दिशा होती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, अगर आप इस दिशा में शीशा लगाते हैं, तो आपके परिवार में झगड़े और मनमुटाव होने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए इस दिशा में शीशा लगाने से बचें। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर पर हमेशा वर्गाकार या आयताकार आईना लगाएं. गलती से भी गोल आकार का आईना घर में न लगाएं. गोलाई वाले आईने घर में लगाना शुभ नहीं माना जाता.
दर्पण वॉश बेसिन के ऊपर लगाएं
आइना हमेशा वॉश बेसिन के ऊपर ही लगाएं। यहां पर आइना लगाना शुभ होता है।
टूटा हुआ शीशा घर में रखने से बचें
घर में चटका हुआ आईना न लगाएं। यदि आईना चटक गया है, तो उसे तुरंत घर के बाहर रख दें। घर में टूटा हुआ आईना रखने से दुख, कलेश और रोगों को आर्कषित करता है।
कमरें में दरवाजे के अंदर की ओर दर्पण नहीं लगाना चाहिए यदि दरवाजा ईशान दिशा की ओर हो तो दर्पण लगाया जा सकता है। दर्पण को खिड़की या दरवाजे की ओर देखता हुआ न लगाएं। दर्पण घर की दीवारों पर न तो ज्यादा ऊपर और न ही ज्यादा नीचे लगाना चाहिए, वर्ना घर के लोगों को शारिरीक तकलीफ से गुजरना पड़ सकता है।
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