Garhkundar Fort

Garhkundar Fort: भारत के इतिहास में रहस्यमयी किलों (Forts) का जिक्र न हो, ऐसा हो नहीं सकता। देश में सैंकड़ों किले मौजूद है, जो अपनी भव्यता के साथ-साथ अपने अंदर समेटे रहस्यों को लेकर विदेशों तक में चर्चा का केंद्र बने रहते हैं। कई किले तो ऐसे है, जिनका निर्माण किसने कराया और क्यों उसका निर्माण हुआ? कोई नहीं जानता। आज हम इस लेख में आपको देश के ऐसे ही रहस्यमयी किले के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक समय घूमने गई बारात कभी वापस नहीं लौटी।

राजस्थान में नहीं, यहां है ये किला


जिस रहस्यमयी किले के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वो राजस्थान में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के झांसी से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस किले का नाम गढ़कुंडार फोर्ट है। इसकी भव्यता किलों के इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों का मन मोह ले। 11वीं सदी में बना पांच मंजिला किला, जिसकी तीन मंजिल तो ऊपर दिखाई देती हैं, जबकि दो मंजिल जमीन के नीचे हैं।

कब और किसने कराया किले का निर्माण?

Garhkundar Fort


वैसे तो देश में मौजूद कई किलों के निर्माण का उद्देश्य और उसको बनवाने वाले का इतिहास में उल्लेख है, लेकिन कई ऐसे किले हैं जिनका उद्देश्य और निर्माण कराने वाले का कोई पता नहीं। इन्ही अज्ञात किले में शामिल है ढ़कुंडार फोर्ट, जिसको कब और किसने बनवाया, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि यह किला 1500 से 2000 साल पुराना है। यहां चंदेलों, बुंदेलों और खंगार जैसे कई शासकों ने शासन किया।

भ्रमित करने वाला है किला


गढ़कुंडार के इस किले की बनावट पर गौर किया जाए तो ये सुरक्षा की दृष्टि से बनवाए गए किले का ऐसा बेजोड़ नमूना है, जो लोगों को भ्रमित कर देता है। किले की बनावट ऐसी है कि वो कई किलोमीटर दूर से नजर आने लगता है, लेकिन पास आते ही किला दिखाई देने लगता है। जिस रस्ते से किला दिखाई देता है, उसी रस्ते पर आगे बढ़ने के बाद वही रास्ता किले के बजाय आपको किसी अन्य ही दिशा में ला खड़ा करता है। जबकि किले में प्रवेश का रास्ता दूसरा है। भ्रमित निर्माणशैली के कारण ये किला भारत के सबसे रहस्यमय किलों में आता है।

गायब हुई बारात कभी नहीं लौटी वापस

Garhkundar Fort


रहस्यमय किले को लेकर एक कहानी बेहद चर्चित है। किले के आस-पास रहने वाले स्थानीय लोग कहते हैं कि काफी समय पहले यहां पास के ही गांव में एक बरात आई थी। बारात में शामिल लोग किले में घूमने निकले थे। किले में घूमते-घूमते वो लोग तलघर में चले गए, जिसके बाद वो रहस्यमय तरीके से अचानक गायब हो गए। गायब होने वाले लोगों की संख्या 50-60 थी, जिनका आज तक पता नहीं चल पाया। कहा तो ये भी जाता है कि किले में खजाना छिपा हुआ है, जिसकी खोज के चलते कई लोग इसी तरह गायब हो गए। लेकिन बारात गायब के बाद हुई कई अन्य घटनाओं के बाद किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया गया।

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...

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