पुणे में यहां ज़रूर घूमें
इस जगह पर स्थित ऐतिहासिक क़िले, प्राकृतिक वातावरण और बहते झरनों को देखने के साथ साथ अपनी छुट्टियों को बहुत ही अच्छी तरह से एंजोय करते हैं।
Pune Travel Guide: पुणे हमारे देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। इस जगह पर घूमने और देखने के लिए काफ़ी कुछ है। यही कारण है कि इस जगह पर देश के कोने कोने से सैलानी आते हैं। इस जगह पर स्थित ऐतिहासिक क़िले, प्राकृतिक वातावरण और बहते झरनों को देखने के साथ साथ अपनी छुट्टियों को बहुत ही अच्छी तरह से एंजॉय करते हैं। इतना ही नहीं यह राज्य की सांस्कृतिक राजधानी भी है। यह शहर अपने यहां पर आने वाले सैलानियों को अपने समृद्ध इतिहास और आधुनिकता का एक साथ परिचय करवाता है। इस जगह पर यदि आप घूमने का विचार बना रहे हैं तो आपको छत्रपति शिवाजी के इस ऐतिहासिक शहर को निश्चिततौर पर देखना चाहिए। द क्वीन ऑफ़ द डेक्कन के नाम से प्रसिद्ध इस शहर में आपको भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग दर्शन के साथ साथ काफ़ी कुछ मिलेगा।
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Pune Travel Guide: शनिवार वाड़ा महल, पुणे

शनिवार वाड़ा महल का नाम पुणे के प्रमुख पर्यटक स्थलों में आता है। यह महल कभी पेशवा राजाओं का निवास स्थान हुआ करता था। यह वह ऐतिहासिक जगह है जहां पर बाजीराव-मस्तानी की अधूरी प्रेमगाथा लिखी गई थी। यह वह जगह है जहां पर काशीबाई के दुख की इबारत लिखी गई थी। यह वह स्थान है जहां पर पेशवाओं के साम्राज्य का उदय और अंत दोनों हुआ। यही वजह है कि इस जगह पर हर साल हज़ारों लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। इस महल को देखते और उस समय को याद करते हैं। इस क़िले को देश के सबसे खौफनाक और डरावनी जगहों में गिना जाता है क्योंकि मराठाओं के 5वें पेशवा नारायणराव को 16 वर्ष की उम्र पटक कर मर डाला गया था। कुछ लोगों का कहना है कि उसकी आत्मा आज भी इस किले में भटकती है। किले के भीतर उसकी डरावनी चीखें गूंजती है।
आगा खान पैलेस, पुणे

आगा खान पैलेस को पुणे की सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार किया जाता है। येरावाड़ा मे स्थित यह पैलेस की पहचान एक ऐतिहासिक भवन के रूप में है। बताया जाता है कि अकाल से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सुल्तान मुहम्मद शाह आगा खान तृतीय ने इस महल का निर्माण 1892 में करवाया था। यह महल देखने में काफ़ी सुंदर है और इटलियन वास्तुकला की झलक प्रस्तुत करता है। आगा खान पैलेस ही वह जगह है जहां पर अगस्त 1942 और मई 1944 के बीच महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी और उनके सचिव महादेव देसाई को बंदी के रूप में रखा गया था। इस जगह पर मीराबेन, सरोजिनी नायडू, प्यारेलाल नायर और डॉ. सुशीला नायर जैसे स्वतंत्रता सैनानियों को अंग्रेजों ने बंदी बनाकर रखा था। वर्तमान में 19 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह पैलेस हरे-भरे पेड़ों से घिरा बहुत ही ख़ूबसूरत दिखाई देता है।
लाल महल, पुणे

पुणे स्थित लाल महल कभी छत्रपति शिवाजी महाराज का महल हुआ करता था। यह महल आज भी हमारे देश के सबसे लोकप्रिय स्मारकों में गिना जाता है। जिसकी वजह से इस महल को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। इस महल का निर्माण शिवाजी के पिता शाहजी ने 1643 ईस्वी में करवाया था। छत्रपति शिवाजी महाराज का पूरा बचपन का इसी महल में बीता था। यह महल सईबाई के साथ उनके विवाह का भी साक्षी रहा है। यह महल कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। शिवाजी महाराज एवं शाहिस्ते खान के बीच की ऐतिहासिक लड़ाई भी इसी महल में हुई थी। खुदको पराजित होता देख शाहिस्ते खान ने इस महल की खिड़की से भागने की कोशिश की तो छत्रपति शिवाजी ने उसकी उँगलियाँ काट दी थी।
शिवनेरी दुर्ग, पुणे

शिवनेरी किला पुणे के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। जुन्नर के पास स्थित इस किले में शिवाजी का जन्म हुआ था। यह क़िला बहुत ही ख़ूबसूरत और भव्य है जो दूर से ही अपने यहां आने वाले सैलानियों को आकर्षित करता है। शिवनेरी का किला अपने चारों तरफ से खड़ी चट्टानों से घिरा एक त्रिकोण के आकार में बना है। यह धरातल से लगभग 3500 फीट ऊँचा है। मुख्य किले तक पहुंचने के लिए सात फाटकों को पार करना होता है जो इस बात का प्रमाण है कि इस किले की सुरक्षा व्यवस्था कितनी दुरुस्त थी। इस किले के भीतर युवा छत्रपती शिवाजी और उनकी माता जीजाबाई की मूर्ति है जिसे सैलानियों का मुख्य आकर्षण कहा जा सकता है। इस किले के अंदर बादामी तालाब नाम का एक ख़ूबसूरत सरोवर भी बना हुआ है।
सिंहगढ़ किला, पुणे

सिंहगढ़ किला पुणे का सबसे आकर्षक पर्यटक स्थल है जो देश के कोने कोने से आए सैलानियों को अपनी तरफ़ आकर्षित करता है। यह समुद्र तल से 4300 फीट उंचाई पर बना क़िला काफ़ी पुराना और भव्य है। ऐसा बताया जाता है कि इस क़िले का निर्माण 2000 साल पहले किया गया था। इस किले का नाम पहले कोंढाणा दुर्ग हुआ करता था। कोंढाणा दुर्ग से सिंहगढ़ किला होने की इसकी अपनी एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है। सूबेदार तानाजी मालुसरेजी ने कोंढाणा दुर्ग पर आक्रमण करके जीत तो लिया लेकिन ख़ुद शहीद हो गए। इस बात की ख़बर जब छत्रपति शिवाजी को लगी तो उन्होंने कहा कि गढ़ तो जीत लिया लेकिन मेरा सिंह नहीं रहा और उनकी स्मृति में इस क़िले का नाम सिंहगढ़ कर दिया। सिंहगढ़ किले और इसके आसपास का नज़ारा बहुत ही ख़ूबसूरत है।
राजगढ़ का किला, पुणे

राजगढ़ का किला पुणे का एक बहुत ही लोकप्रिय क़िला है जोकि कई कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। यह किला मुख्य शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बावजूद इसके इस क़िले को देखने के लिए देश भर से सैलानी आते हैं। समुद्र तल से 4600 फीट की ऊंचाई पर बना यह क़िला काफ़ी ख़ूबसूरत और भव्य है और लगभग 26 साल तक छत्रपति शिवाजी की राजधानी रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1646-1647 के मध्य इस क़िले को आदिलशहा से जीता था। जीत के बाद इसका जीर्णोद्धार करके ‘राजगढ़’ रख दिया गया। वर्तमान में यह क़िला ट्रेकिंग के शौक़ीन लोगों की पहली पसंद है। इस जगह पर लोग ट्रेकिंग करके पहुंचते हैं। राजगढ़ के किले के की भव्यता के अनुमान इसके महल और प्राचीन अवशेषों को देखकर लगाया जा सकता है।
