जानें गाय को क्यों दिया जाता है माँ का दर्जा
ऐसा माना जाता है कि गाय के सींगों में देवी-देवताओं का वास होता है। शास्त्रों में धर्म, संस्कार और जीवन के पालनहार के रूप में गाय का उल्लेख किया गया है।
Cow Religious Importance: हिन्दू धर्म में गौ यानी गाय को केवल एक पशु के रूप में नहीं देखा जाता है, बल्कि गाय को पूजनीय और पवित्र भी माना गया है। गाय को हिन्दू धर्म में माँ का दर्जा दिया गया है। गाय का स्थान इतना महत्वपूर्ण माना गया है कि इसकी पूजा की जाती है और इसे देवी का स्वरूप भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि गाय के सींगों में देवी-देवताओं का वास होता है। शास्त्रों में धर्म, संस्कार और जीवन के पालनहार के रूप में गाय का उल्लेख किया गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं गौ-सेवा की है और सभी को इसके महत्व के बारे में बताया है।
गाय को क्यों माता कहा जाता है?

शास्त्रों के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने इस खूबसूरत सृष्टि की रचना की, तब उन्होंने गाय को पूरे संसार के पोषण के लिए सर्वोतम जीव के रूप में बनाया और गाय को ही सबसे पहले इस धरती पर भेजा। धार्मिक ग्रंथों में भी कामधेनु गाय को पवित्र माना गया है, जो हर मनोकामना को पूरा करती है।
क्या है गाय का धार्मिक महत्व
- भगवान श्रीकृष्णअपनी बाल्यावस्था में गाय की खूब सेवा किया करते थे और उन्हें अत्यंत प्रेम भी किया करते थे। भगवान श्रीकृष्ण का निवास स्थान “गोलोक” भी गौ-सेवा और गो-धन का प्रतीक माना जाता है।
- भविष्य पुराण में बताया गया है कि गाय के सींगों में तीनों लोकों के देवी-देवता का वास होता है। गाय की पूजा करने से सुख-समृद्धि और सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
- ऐसा माना जाता है कि जिन घरों में गाय रहती है, वहां सुख व शांति का वास होता है।
- हिन्दू धर्म में गाय की सेवा को सबसे श्रेष्ठ कार्य माना गया है। रोजाना सुबह पहली रोटी गाय को खिलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी दुखों से छुटकारा मिलता है।
हिन्दू संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है गाय

हिन्दू संस्कृति में धार्मिक, पोषण और सांस्कृतिक महत्व के कारण गाय को माँ का दर्जा दिया गया है। गाय केवल हिन्दू संस्कृति का अभिन्न हिस्सा नहीं, बल्कि मानव जीवन का आधार भी है। गाय की पूजा और सेवा करने से आध्यात्मिक शांति मिलती है। साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। यही कारण है कि गाय को “गौ माता” के रूप में पूजनीय स्थान प्राप्त है।
नवजात शिशुओं के लिए वरदान है गाय का दूध

नवजात शिशुओं के लिए माँ के बाद गाय का दूध ही सबसे ज्यादा पौष्टिक और सुपाच्य माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गाय के दूध में 16 अलग-अलग प्रकार के मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो बच्चे की वृद्धि और पोषण के लिए काफी आवश्यक होते हैं। कई बार किसी कारण से जब बच्चे के लिए माँ का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता है तो बच्चे को गाय का दूध पिलाया जाता है और गाय का दूध ही बच्चों के पोषण का माध्यम बनती है और उसे माँ के दूध जैसा पोषण भी देती है।
