Navaratri havan
Navaratri havan

Navaratri havan: हिंदु धर्म में नवरात्रि के दिनों में मां भगवती की पूजा का विधान है। यू तो नवरात्रि का पर्व साल में चार बार आता है। इसमें से दो गुप्त नवरात्रि है और दो नवरात्रि में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। जी हां चैत्र और शारदीय नवरात्रि खूब धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिनों में हवन का भी विशेष महत्व है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कुछ लोग सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि पर खासतौर से हवन का आयोजन करते हैं। मगर हवन आयोजित करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है।

स्वच्छता का ख्याल

नवरात्रों के पावन पर्व को पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इन नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है। कई घरों में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि को विशेषतौर से पूजा के साथ साथ हवन भी किया जाता है। नवरात्रि में हवन का विशेष महत्व है। घर में यदि आप हवन कर रहे हैं, तो स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें और पवित्रता बनाएं रखें, ताकि आपका हवन सफल रहे।

हवन के लिए इस्तेमाल होने वाला सामान

वेदों और पुराणों में पांच प्रकार के यज्ञ दर्ज हैं, जिसमें ब्रह्मयज्ञए देव यज्ञ, पितृ यज्ञ, अतिथि यज्ञ और वैष्वदेव यज्ञ शुमार हैं। बहुत से लोग घर पर खुद ही हवन करते हैं। आप चाहें, तो घर पर स्वंय भी आसान विधि से यज्ञ कर सकते हैं। अगर आप पुरोहित जी से यज्ञ न करवाकर स्ंवय ही घर पर हवन करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए हवन कुंड चाहिए। अगर किसी कारणवश आपके पास हवनकुंड उपलब्ध नहीं है, तो आप इंटों की मदद से भी यह कार्य सम्पन्न कर सकते हैं। हवन कुंड की लंबाई, चौड़ाई और गहराई का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही हवन करने से पहले कुड पर स्वास्तिक का निशान बनाना बेहद ज़रूरी है। हवन से पहले कुंड के चारों ओर धागा भी बांधा जाता है। हवन कुंड में अग्नि प्रज्जवलित करने के लिए आम की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।    इसके अलावा हवन करने की विधि और उसमें इस्तेमाल होने वाले सामान की जानकारी होना बेहद ज़रूरी हैं। अगर आपके पास ज्यादा सामान उपलब्ध नहीं हैं, तो आप केवल काष्ठ, घी और समिधा की मदद से भी ये प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। साथ ही साथ पीपल, कत्था, ढाक, नवग्रह की आक, चिरचिटा, गूलर और कुशा भी आवश्यक होता है।

हवन कुडं में अग्नि का निवास होने के इन चीजों की आहूति पूरे विधि विधान के साथ दी जाती है। आप इस प्रकार से बेहद सरल तरीके से इस पूरी विधि को पूर्ण कर सकते हैं। इसके अलावा हवन के माध्यम से मक्खी मच्छरों और कई बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता है। ऋगवेद में भी हवन को बीमारियों से मुक्ति दिलाने का एक उपाय बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि हवन कुंड से उठने वाले धुएं से एक संजीवनी शक्ति का संचार होता है।            

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